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अपने फैसले पर अब भी अडिग हैं शरद पवार

सांसद सुप्रिया सुले का अध्यक्ष बनना तय, कल हो सकती है घोषणा

* शरद पवार को मनाने की तमाम कोशिशें साबित हो रही नाकाम
* कल सुबह 11 बजे होगी राकांपा के प्रमुख नेताओं की अहम बैठक
मुंबई/दि.4 – विगत 2 मई को अपनी आत्मकथा ‘लोक माझी सांगाती’ की द्बितीय आवृत्ति का अनावरण करते हुए राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने तथा अब भविष्य में कोई चुनाव नहीं लडने का निर्णय घोषित किया था. राकांपा सुप्रीमो शरद पवार द्बारा अपने राजनीतिक संन्यास को लेकर अचानक की गई इस घोषणा से हर कोई भौचक रह गया था और राकांपा के सभी प्रमुख नेताओं व पदाधिकारियों द्बारा शरद पवार को अपना फैसला बदलने हेतु मनाने का प्रयास विगत 2 दिनों से किया जा रहा है. परंतु शरद पवार अब भी पार्टी अध्यक्ष पद छोडने के अपने फैसले पर अडिग है. ऐसे में अब उनके स्थान पर राष्ट्रवादी कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन होगा. इसे लेकर राजनीतिक कयासबाजी का दौर तेज हो गया है. इसी बीच जानकारी मिली है कि, कल शुक्रवार 5 मई को मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई गई है. संभवत: इसी बैठक में पार्टी के नये अध्यक्ष का नाम तय करते हुए इससे संबंधित घोषणा की जाएगी. माना जा रहा है कि, कल राकांपा के नये अध्यक्ष के तौर पर सुप्रिया सुले का ही नाम अंतिम रुप से तय किया जा सकता है.
बता दें कि, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार द्बारा पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए जाने की घोषणा करते ही पार्टी के नये अध्यक्ष तौर पर शरद पवार की बेटी व सांसद सुप्रिया सुले तथा भतीजे व राज्य के नेता प्रतिपक्ष अजित पवार के नाम प्रमुख दावेदार के तौर पर उभरे. इसके अलावा विगत लंबे समय से राकांपा में रहने वाले तथा शरद पवार के बेहद करीबी माने जाते पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल, राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल तथा राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल के नाम भी चर्चा में चलने शुरु हो गए. हालांकि इसमें से शरद पवार की बेटी व सांसद सुप्रिया सुले की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है तथा उम्मीद जताई जा रही है कि, कल होने वाली बैठक के बाद राकांपा अध्यक्ष पद के लिए सांसद सुप्रिया सुले के नाम पर अंतिम मुहर लगाई जा सकती है.
उल्लेखनीय है कि, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार को बेहद शांत व संयत तरीके से काफी सोच-विचार कर निर्णय लेने वाला राजनेता माना जाता है और यह भी अब तक का इतिहास रहा है कि, शरद पवार एक बार कदम आगे बढाने के बाद अपने फैसले को कभी नहीं पलटते. ेऐसे में यद्यति इस्तीफे की घोषणा करने के बाद अपने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए शरद पवार ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने हेतु 2-3 दिन का समय मांगा था. लेकिन राजनीतिक क्षेत्र के जानकारों के मुताबिक विगत 2 दिन के दौरान अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की बजाय शरद पवार ने ज्यादातर समय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के भविष्य और संभावित संभावनाओं पर विचार-विमर्श करने में बिताया. जिसके लिए वे लगातार पार्टी के प्रमुख नेताओं के संपर्क में बने रहे और उन्होंने नये अध्यक्ष का चयन करने हेतु अपने द्बारा गठित समिति को इस संदर्भ में आवश्यक निर्देश भी जारी किए. इन्हीं तमाम राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच अब कल 5 मई को सुबह 11 बजे मुंबई स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय व प्रादेशिक नेताओं की एक अहम बैठक होने जा रही है. जिसके बाद नये अध्यक्ष का नाम तय करने हेतु गठित की गई समिति और राकांपा की कोर कमिटी द्बारा आपसी सहमति के साथ पार्टी के नये अध्यक्ष का चयन करते हुए उसके नाम की घोषणा की जाएगी. जिसे लेकर यह अभी से तय माना जा रहा है कि, पार्टी के नये अध्यक्ष के तौर पर शरद पवार की बेटी व सांसद सुप्रिया सुले का ही चयन होने जा रहा है.

* मैं महाराष्ट्र में ही ठीक हूं – पाटिल
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद हेतु आज अचानक ही राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के नाम की चर्चा शुरु हो गई. जिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जयंत पाटिल ने कहा कि, वे बिल्कूल भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए योग्य नहीं है. क्योंकि वे हमेशा से महाराष्ट्र के स्तर पर काम करते रहे है और उनका दिल्ली सहित अन्य राज्यों में कोई संपर्क या पहचान नहीं है. ऐसे में दिल्ली में रहकर लोकसभा या राज्यसभा में काम करते हुए पूरे देश पर नजर रखने वाले व्यक्ति ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का जिम्मा संभालना चाहिए. साथ ही पाटिल ने यह भी कहा कि, प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते वे पार्टी सुप्रीमो शरद पवार तक पूरे राज्य के कार्यकर्ताओं व लोगों की भावनाएं पहुंचा रहे है और सभी का यह मानना है कि, शरद पवार ने कम से कम आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव तक पार्टी का अध्यक्ष बने रहना चाहिए.

बॉक्स/फोटो- टीएच 24
* खुद पवार की बहन ने सुझाया जयंत पाटिल का नाम
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, खुद शरद पवार की बहन सरोज पाटिल ने राकांपा के नये अध्यक्ष के तौर पर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल का नाम सुझाया है. एक मराठी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में सरोज पाटिल ने कहा कि, उन्हें अपने भाई शरद पवार की भूमिका पूरी तरह से ठीक लगती है. क्योंकि लगातार चलते रहने के बाद कहीं ना कहीं तो रुकना ही पडता है. इस पद के लिए जयंत पाटिल को सबसे योग्य व्यक्ति बताते हुए सरोज पाटिल ने कहा कि, जयंत पाटिल बेहद चरित्र संपन्न व अध्ययनशील व्यक्ति है, जो इस पद के साथ न्याय कर सकते है. वहीं सरोज पाटिल ने अपने भतीजे अजित पवार को काम के मामले में किसी दैत्य की तरह बताते हुए कहा कि, अजित पवार के साथ और उसके हिसाब से काम करना किसी के लिए भी संभव नहीं होगा. अंत: अजित पवार ने खुद ही यह पद स्वीकार नहीं करना चाहिए.

* अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ पवार से मिली विधायक सरोज अहिरे
नासिक की विधायक सरोज अहिरे अपने 6 माह के दुधमुंहे बच्चे को साथ लेकर आज मुंबई पहुंची और उन्होंने राकांपा सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की. इसके साथ उन्होंने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि, पवार साहेब उनके लिए पिता की तरह है. ऐसे में उन्होंने साहेब से मुलाकात करते हुए एक बेटी की तरह अपना फैसला वापिस पलटने की मनुहार की. साथ ही उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र की भावनाओं से साहेब को अवगत कराया. विधायक सरोज अहिरे के मुताबिक शरद पवार हर महिने एक से एक बार नासिक आते ही है. ऐसे में हमें केवल चुनाव के लिए ही साहेब की जरुरत नहीं है, बल्कि उनके साथ हमारा भावनात्मक रिश्ता है और हम चाहते है कि, शरद पवार की हमेशा हमारे अध्यक्ष बने रहे.

* राहुल व स्टेलिन का सुप्रिया को फोन, पवार के इस्तीफे का कारण पूछा
वहीं इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एम. के. स्टेलिन ने आज राकांपा सांसद सुप्रिया सुले से फोन पर बातचीत की. पता चला है कि, दोनों ही नेताओं ने शरद पवार द्बारा लिए गए फैसले को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए सुप्रिया सुले से उनके पिता द्बारा इस्तीफा क्यों दिया गया. इसकी वजह के बारे में पूछताछ भी की. साथ ही दोनों ही नेताओं ने सुप्रिया सुले के जरिए शरद पवार से अपना इस्तीफा वापिस लेने का निवेदन भी किया. साथ ही साथ शरद पवार द्बारा इस्तीफा दिए जाने के पीछे रहने वाली राजनीति को जानने का प्रयास भी किया. लेकिन अब तक इन दोनों नेताओं से हुई बातचीत को लेकर शरद पवार व सुप्रिया सुले में से किसी की भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है.

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