शरद पवार की ‘लेडी जेम्स बाँड’ सोनिया दुहान
कल पत्रवार्ता में पवार के ठीक पीछे बैठी थी सोनिया
* पवार के लिए कई मौकों पर कर चुकी हैं शानदार काम
* सुबह वाली शपथविधि के बाद निभाई थी बेहद खास भूमिका
* गोवा में शिंदे गुट को फोडने का भी किया था प्रयास
मुंबई./दि.6 – गत रोज जब राकांपा सुप्रीमो शरद पवार एक पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए अपना इस्तीफा वापिस लेने की घोषणा कर रहे थे. तो उनके ठीक पीछे बैठी राकांपा की एक महिला नेत्री की ओर सभी का ध्यान लगा हुआ था और पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के ठीक पीछे बैठे रहने के कारण सोनिया दुहान नामक इस महिला नेत्री का नाम अचानक चर्चा में आ गया. जिनकी पहचान शरद पवार की ‘लेडी जेम्स बाँड’ के तौर पर रही है और सोनिया दुहान ने शरद पवार सहित अपनी पार्टी के लिए कई मौकों पर बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जिसमें वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव पश्चात राकांपा नेता अजित पवार द्बारा भाजपा के साथ हाथ मिलाकर एकदम तडके की गई शपथविधि के बाद राकांपा के विधायकों को पार्टी में वापिस लाने के काम सहित गोवा में शिंदे गुट के कुछ विधायकों को फोडने का प्रयास भी शामिल है.
जानकारी के मुताबिक मूलत: हरियाणा के हिसार की निवासी सोनिया दुहान अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बडी है और हिसार में प्राथमिक शिक्षा-दिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कुरुक्षेत्र विद्यापीठ से बीएससी किया था. बाद में वे अंबाला होते हुए पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु पुणे पहुंची. जहां पर महज 21 वर्ष की आयु में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संपर्क में आयी और उन्होंने राकांपा में प्रवेश किया. पश्चात सोनिया दुहान ने दिल्ली विद्यापीठ के 2 चुनावों में राकांपा का नेतृत्व किया और वे पार्टी की महासचिव भी बनी. साथ ही इस समय सोनिया दुहान राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के साथ ही राकांपा की प्रवक्ता भी है. इसके अलावा उन्हें पार्टी सुप्रीमो शरद पवार का बेहद नजदीकी व विश्वासपात्र भी माना जाता है.
बता दें कि, जब अजित पवार अपने साथ राकांपा के कुछ विधायकों को लेकर गायब हो गए थे, तो भाजपा के खेमे में जा चुके इन विधायकों को वापिस लाने का काम सोनिया दुहान ने किया था और सोनिया दुहान ने गुरुग्राम के एक होटल में रखे गए इन सभी विधायकों को वापिस राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के पास पहुंचाया था. इसे लेकर पता चला है कि, शरद पवार को वर्ष 2019 में एक सुबह पार्टी के एक विधायक का अचानक होने वाली शपथविधि को लेकर मैसेज आया था. जिसमें कहा गया था कि, उन्हें दिल्ली के किसी होटल में बंद करके रखा गया. जिसके बाद सोनिया दुहान व उनके सहयोगी धीरज शर्मा ने इन विधायकों का लोकेशन खोजा, तो पता चला कि, गुरुग्राम के ओबेरॉय होटल में पार्टी के 4 विधायक मौजूद है. जिसके बाद सोनिया दुहान व धीरज शर्मा उस होटल में पहुंचे, जहां पर भाजपा के 100 से 150 कार्यकर्ता पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए थे. ऐसे में सोनिया दुहान व धीरज शर्मा ने होटल के पीछे एक ऐसा दरवाजा खोजा जहां पर कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे और फिर उसी दरवाजे से चारों विधायकों को अपने साथ लेकर सोनिया दुहान दिल्ली में स्थित शरद पवार के निवासस्थान पर पहुंची थी.
इसी तरह विगत वर्ष जून माह में जब एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के 40 विधायकों ने बगावत की और इस गुट का 10 निर्दलिय विधायकों ने भी समर्थन किया था. जब गुवाहाटी से रवाना होकर यह सभी विधायक मुंबई आने से पहले गोवा स्थित ताज होटल में ठहराए गए थे. उस समय भी सोनिया दुहान व उनकी सहयोगी श्रेया कोठीवाल ने कुछ फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर होटल में घुसने का प्रयास किया था. ताकि शिंदे गुट के कुछ विधायकों को फोडकर अपनी ओर वापिस मिलाया जा सके. परंतु सोनिया दुहान व श्रेया कोठीवाल का यह प्रयास नाकाम साबित हुआ था. परंतु इन 2 घटनाओं को देखते हुए सोनिया दुहान को शरद पवार के बेहद विश्वासपात्र व निकटमत सहयोगियों में माना जाता है. यह बात कल उस समय साबित हुई. जब सोनिया दुहान पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के ठीक पीछे बैठी दिखाई दी और उन्हें लेकर कल से ही उत्सुकता वाला माहौल भी देखा जा रहा था.