कारंजा घाडगे/प्रतिनिधि दि. 1 – कारंजा घाडगे तहसील के बांगडापुर-कोंढाली रास्ते को लगकर रहने वाले 55 आरएफ जोगा वनक्षेत्र जंगल व्याप्त परिसर में राहाटी स्थित श्रीराम मुक्ताजी बिटने नामक 72 वर्षीय जानवर चराने वाले चरवाह की लाश पायी गई है. तेंदूए के हमले में उसकी मौत होने की जानकारी ग्रामीणों ने दी है.
बिटने यह हमेशा की तरह अपनी स्वयं के मवेशी चराने के लिए 30 जून को सुबह लेकर गए थे, लेकिन शाम को मवेशी वापस आने के समय तकरीबन 5.30 बजे के दौरान घने जंगल से व्याप्त परिसर में मवेशी वापसी की राह पर रहते समय बाघ ने चरवाहे मृत श्रीराम बिटने पर हमला किया. हमले में चरवाहे की जगह पर ही मौत हो गई. शाम को मवेशी घर लौटे, लेकिन चरवाह न लौटने से चरवाह के परिवार के बेटे व ग्रामीणों ने उसकी तलाश करने के लिये हमेशा मवेशी जाने वाले मार्ग में तलाश आरंभ की. तब उस वृध्द चरवाहे की लाश जंगल परिसर में पायी गई. यह लाश इतनी छिन्न विच्छिन्न स्थिति में थी कि मृतक के गर्दन का हिस्सा धड से पूरी तरह अलग हुआ था और उसके शरीर पर एक भी कपडा नहीं था. वन विभाग ने दी हुई जानकारी के अनुसार बाघ ने हमला करने के बाद वहां से चरवाहे की लाश 500 मीटर तक घसीटते हुए ले गया. वहां बाघ के पंजे और बाल पाये गए है. मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए की मदत तत्काल वन विभाग की ओर से मंजूर की गई. घटनास्थल पर कारंजा के आरएफओ आर.बी.गायन, नेर, कारंजा, बांगडापुर, राहाटी स्थित वन विभाग के कर्मचारी जांच के लिए घटनास्थल पर दाखल हुए है. कारंजा घाडगे तहसील में इस जोगा, राहाटी, आगरगांव, कन्नमवार ग्राम इस परिसर में घना जंगल है. बाघ के मुख्य निवास की जगह यह बाघ अलग हुआ है. लगातार यहां बाघ के हमले की घटना घटीत होती है. इस महिने की यह दूसरी घटना है.