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शिवसेना शहर प्रमुख अमोल पाटील की निर्मम हत्या, 4 गिरफ्तार, 2 फरार

यवतमाल के बाद तिवसा में रेत तस्करी को लेकर हत्या

  •  हत्यारों ने पहले बीयर बार के कैमेरे बंद कर दिये

  •  बाहर निकलते ही आंखों में मिर्च पाउडर डालकर मौत के घाट उतारा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – यवतमाल के एसबीआई चौक पर तीन दिन पहले रेत तस्करी के मुद्दे पर कुख्यात करन परोपटे की हत्या की स्याही अभी सुखी ही नहीं थी कि, शनिवार रात अमरावती-नागपुर राष्ट्रीय महामार्ग पर तिवसा के आशिर्वाद बीयर बार के सामने तिवसा के शिवसेना शहर प्रमुख अमोल पाटील पर लोहे के रॉड और सतूर से हमला कर उसकी निर्मम हत्या की गई. इस हत्याकांड के मामले में पुलिस ने तिवसा के रतनगिर महाराज मंदिर परिसर में रह रहे अवि उर्फ अविनाश एकनाथ पांडे (30), संदीप रामदास ढोबाले (38), प्रवीण रामदास ढोबाले (30), सुरवाडी निवासी अंकुश रमेश घागरे (30) को गिरफ्तार किया है. जबकि अन्य दो आरोपी दिलीप वाघ और कमलापुर निवासी गुणवंत उमक यह फरार बताये जा रहे है. पुलिस की प्राथमिक जांच के अनुसार अमोल पाटील को रेत तस्करी के विवाद के चलते शनिवार की देर रात 10.30 बजे के दौरान एक सोची-समझी साजीश के तहत मौत के घाट उतारा गया. अमोल पाटील जिस बीयरबार में शराब पीने बैठा था, उस बीयरबार के सामने के सीसीटीवी कैमेरे हत्यारों ने पहले ही बंद कर रखे थे. बीयर बार में एक जगह अमोल पाटील बैठा था, तो उसी बार में अविनाश पांडे बैठा था और अमोल की गतिविधि पर नजर रख रहा था और शेष हत्यारे बीयर बार के बाहर कुछ ही दूरी पर खडे थे. अमोल पाटील रात 10.30 बजे के दौरान जैसे ही बीयर बार से बाहर निकला उसे हमलावरों ने लोहे के रॉड और सतूर से हमला कर मौत के घाट उतारा. हमले के समय सभी ने अपने चेहरे दुपट्टे से ढांक रखे थे. ऐसा पुलिस जांच में सामने आया है. तिवसा में हत्याकांड की खबर मिलते ही ग्रामीण पुलिस की अपराध शाखा ने रातोरात हत्यारों की तलाश कर मुख्य आरोपी अवि उर्फ अविनाश एकनाथ पांडे समेत चार को गिरफ्तार किया है. जबकि दो हत्यारे अभी भी फरार बताये गये है. यह कार्रवाई जिला ग्रामीण पुलिस अधिक्षक हरि बालाजी एन, अपर पुलिस अधिक्षक श्याम घुगे, एसडीपीओ जितेंद्र जाधव के मार्गदर्शन में तिवसा के पीआई रिता उईके सहायक पुलिस निरीक्षक विवेकानंद भारती, सहायक पुलिस निरीक्षक बी.डी.कोपनार, पुलिस उपनिरीक्षक राजेश पांडे, पुलिस हेडकाँस्टेबल ठाकरे, नायब पुलिस सिपाही मिनेश खांडेकर, प्रशांत लुंगे, अरविंद गावंडे, विजय गुल्हाने, पुलिस सिपाही राजेंद्र चव्हाण, राहुल राठोड, नरसिंग राठोड, प्रवीण चव्हाण, मंगेश साव, अरविंद लोहकरे तथा ग्रामीण पुलिस की अपराध शाखा के पुलिस उपनिरीक्षक विजय गराड, एएसआई मुलचंद भांबुरकर, पुलिस हेडकाँस्टेबल सुनील केवतकर, नायब पुलिस सिपाही संतोष तेलंग, बलवंत दाभणे, मंगेश लकडे व चालक नितीन कलमकर ने की है. गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ दफा 302, 143, 147, 148, 149, 120 (ब) के तहत अपराध दर्ज किया गया.

  • महेंद्र ठाकुर के हत्या की पृष्ठभूमि

तिवसा शहर में पिछले कई दिनों से अपराधियों के दो गुटों में खतरनाक रंजिश चल रही थी. उसी रंजिश के चलते महेंद्र ठाकुर नामक युवक की कुछ वर्षों पहले तिवसा शहर के एक होटल के सामने हत्या की गई थी. महेंद्र की हत्या में अमोल पाटील को भी गिरफ्तार किया गया था. कहा जाता है कि उस समय महेंद्र ठाकुर अपनी हत्या करेगा, इस उद्देश्य अमोल पाटील तिवसा छोडकर चला गया था. लेकिन उस समय संदीप ढोबाले नेे गफलत में अमोल पाटील को तिवसा में लाया था. हालांकि उस समय भी अमोल की ही हत्या की साजिश थी, लेकिन अमोल यह बात मन में ठानकर तिवसा में आया था कि महेंद्र के डर से कितने दिन बाहर छिपना या तो वह रहेगा या तो मैं इस उद्देश्य से अमोल ने ही महेंद्र ठाकुर पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया था. तभी से इन दोनों गुटों में रंजीश चल रही थी. आखिर शनिवार की रात इस रंजीश ने अमोल पाटील को मौत के घाट उतार दिया.

  • महेंद्र पर हमले के समय बिजली गुल थी, अमोल के समय कैमेरे

तिवसा में अपराधियों के दो गुटों के बीच चल रही रंजीश के चलते महेंद्र ठाकुर के बाद शिवसेना शहर प्रमुख अमोल पाटील की शनिवार की रात हत्या की गई. यह दोनों हत्याकांड एक सोची समझी साजिश के तहत किये गए थे. होटल में बुलाकर जब महेंद्र ठाकुर की हत्या की गई थी उस समय हमलावरों ने परिसर की बिजली बंद कर दी थी और अब शनिवार की रात तिवसा के जिस आशिर्वाद बीयर बार के सामने अमोल पाटील पर हमला किया गया. तब कहते है कि हमलावरों ने पहले आशिर्वाद बीयर बार के सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिये थे. इस तरह यह दोनों हत्याकांड सोची समझी साजिश के तहत किये गए थे.

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