अमरावतीमुख्य समाचार
नागपुर रेलवे स्टेशन से शिवकुमार गिरफ्तार
शिवकुमार विनोद रात में अकेले बुलाकर करता था अश्लील बात, देता था गंदी गालियां
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हरिसाल की रेंजर दीपाली चौहान ने गोली मार आत्महत्या की
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मेलघाट टाइगर रिजर्व के गुगामल वन्यजीव में थी कार्यरत
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रिवाल्वर से खुद के सीने को किया छलनी
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उपवनसंरक्षक द्वारा किया जा रहा था मानसिक शोषण
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सुसाइड नोट में दी सभी जानकारी
परतवाड़ा/मेलघाट दि. २६ – वासना के भूखे, वहशी,दरिंदे उपवनसंरक्षक की मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर हरिसाल की आरएफओ दीपाली चौहान ने अपने सरकारी रिवाल्वर से गोली चलाकर खुद के प्राण खत्म कर दिए.मरने से पूर्व वो अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक व क्षेत्रीय निदेशक रेड्डी के नाम पर एक सुसाइड नोट भी छोड़ गई.जिला मुख्यालय से करीब 100किमी की दूरी पर स्थित डिजिटल विलेज हरिसाल के व्याघ्र प्रकल्प में बतौर आरएफओ कार्यरतदीपाली चौहान(उम्र 28)ने स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली.घटना कल 25 मार्च, गुरुवार को शाम 7.30 बजे की बताई जाती.डेयर डैशिंग लेडी आरएफओ के रूप में पूरे धारणी तहसील में सुख्यात हो चुकी दीपाली कल शाम अपने बाहरी काम निपटा कर हरिसाल लौटी थी.प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पहले वो अपने ऑफिस में कुछ देर बैठी रही.तब उसने किसी भी व्यक्ति को ऑफिस या आवास में भेजने से मनाई कर रखी थी.तत्पश्चात वो अपने सरकारी निवास पर गई ,जहां उसने अपने सर्विस रिवाल्वर से खुद के सीने पर फायर किया.घटनास्थल पर ही दीपाली की मौत हो गई.घटना की खबर लगते ही अमरावतीं जिले सहित संपूर्ण राज्य में खलबली मच गई.एक युवा तेजतर्रार महिला वन अधिकारी का यूं अपनी प्राण लीला खत्म करने पर पूरा वन महकमा भी हतप्रभ है.
लोगो ने फायर की आवाज सुनी तो वो दीपाली के निवास की ओर दौड़े.तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था.हंसमुख दीपाली काफी आधुनिक विचारों की अधिकारी थी.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वो गर्भवती बताई गई.
गुरुवार की शाम को दीपाली ने अपने सभी रिश्तेदारो से फ़ोन पर बात की .उसके बाद उन्होंने चिखलदरा कोषागार कार्यालय में कार्यरत उनके पति राजेश मोहिते से भी संपर्क किया.तुम जल्दी घर आओ, मै खिचड़ी बना रही हूं.उसने पति से यह भी कहाँ की तुम्हे आखरी बार देखना चाहती हूं,जल्दी घर आओ.मोहिते यह सुनकर नीचे से लेकर ऊपर तक थरथरा गये.उन्होंने आज ही सतारा गई दीपाली की माँ से संपर्क कर बात भी की थी.दीपाली की माँ ने स्वयं दीपाली से फ़ोन पे संवाद साधने की भरपूर कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नही मिली.आई को शंका-कुशंका होने से उसने दामाद को भी यह बात बताई.राजेश भानुदास मोहिते ने तुरंत फोन लगाकर दीपाली के साथ रहते वन मजदूर संजू और रोशन मानके को घर जाकर दीपाली को देखने को कहा.
दोनों सरकारी आवास पर पहुंचे लेकिन दरवाजा बंद था.बगल की खिड़की से झांकने की कोशिश की तब गणपावडर की तीखी सुंगध आ रही थी.इसी बीच और भी कर्मचारी व लोग जमा हो गए.
ये सभी वहां पहुंचे.सरकारी आवास का दरवाजा अंदर से बंद था.दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश करते ही सब हक्केबक्के रह गए.खून से लथपथ दीपाली की लाश बिस्तर पर पड़ी दिखाई दी.उनका रिवाल्वर भी बाजू में ही पड़ा था.उन्होंने छाती के दायी ओर गोली मारकर आत्महत्या करने की बात स्पष्ट हुई.जानकारी मिलते ही वनविभाग के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए.वरिष्ठ वन अधिकारियों द्वारा मानसिक प्रताड़ना के चलते आत्महत्या करने की चर्चा कल हरिसाल में सुनने को मिलती रही.अपने मृत्यु से पूर्व दीपाली ने सुसाइड नोट भी छोड़ा था.
मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल,धारणी के एसडीपीओ संजय काळे, थानेदार विलास कुलकर्णी आदि सभी हरिसाल पहुंचे.घटनास्थल से पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर लिया.दीपाली जनार्दन चौहान का शव विच्छेदन आज शुक्रवार को जिला सामान्य अस्पताल अमरावतीं में किया गया.
पुलिस पूरी सरगर्मी से मामले की जांच में जुटी है. घटना की खबर आग की तरह सभी ओर फैल गई थी.एसपी डॉ हरि बालाजी ने खबर मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक श्याम घुगे को न्याय वैज्ञानिक प्रयोगशाला और बैलेस्टिक विशेषज्ञ की टीम के साथ हरिसाल रवाना किया.शिवकुमार भागने न पाये इसके लिए संपूर्ण जिले में नाकाबंदी कर दी गई थी.इसके अलावा बुलढाणा, यवतमाल, आकोला और नागपुर में भी सतर्क रहने का मैसेज दिया गया.इसी बीच दीपाली के पति राजेश मोहिते हरिसाल में सभी के सामने कहते दिखाई दिए.उनका कहना था कि मेरी शिकायत बाद में कभी भी ली जा सकती.पहले अपराधी को गिरफ्तार करो, वो यही कही आजूबाजू में ही है.उसे ताबे में लो अन्यथा वो फरार हो जायेगा.
हरिसाल पदस्थ होने से पूर्व दीपाली चौहान यह धुलघाट में तैनात थी.अपने ड्यूटी काल मे उसने गोंद तस्करों के जीना हराम कर दिया था.हरिसाल में पोस्टिंग होने के बाद उन्होंने रोरा, मांग्या और मालूर गाँव के पुनर्वसन में अपनी बेहतरीन भूमिका का प्रदर्शन किया था.खुदकुशी करने से पहले दीपाली के सिर पर पट्टी बंधी हुई थी.सोमवार को उसने कोरोना का टीका भी लगवाया था.रेलगाड़ी से गोंद तस्करों के फरार होने की खबर मिलने के बाद दीपाली ने बाइक से उनका पीछा कर उन्हें मध्यप्रदेश में गिरफ्तार किया था.इस कारनामे के बाद उन्हें एक डेयर डैशिंग लेडी के रूप में जाना जाता था.
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रात में अकेले बुलाकर करता था अश्लील बातें
रेंजर दीपाली चौहान ने मृत्यु से पूर्व चार पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है.यह पत्र अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक और क्षेत्रीय निदेशक, व्याघ्र प्रकल्प मेलघाट, रेड्डी के नाम पर प्रेषित है.
पत्र के पहले पेज पर उसने लिखा कि मैं उस दिन बहुत खुश थी जब आपने मेरी बदली धुलघाट से हरिसाल कर दी थी.जब यह पता लगा कि मुझे शिवकुमार विनोद सर के मार्गदर्शन में काम करना है तो मै और भी ज्यादा खुश हुई.क्योंकि मेरे प्रोबेशन पीरियड के समय भी मुझे उनका मार्गदर्शन मिल चुका था.गुगामल में पदस्थ होने के बाद मुझे उनका असली चेहरा और स्वभाव समझ मे आया.मुझे सभी के सामने गालियां देने के साथ साथ ही हर काम मे गलती निकालकर नोटिस देने का काम शिवकुमार करने लगा था.मुझे बारबार निलंबित करने की और चार्जशीट देने की धमकी भी दी जाने लगी.
अपने नोट के दूसरे नंबर के पेज पर दीपाली ने मांगिया गांव के अतिक्रमण का मुद्दा बताया कि कैसे शिवकुमार ने उन्हें फोन पर ही एट्रोसिटी के झूठे केस में फसाने की धमकी दी थी.उन्होंने यह पूरा वार्तालाप ही रिकार्डिंग कर लिया था.प्रताड़ना भरी उक्त बातचीत की रिकार्डिंग उन्होंने सांसद नवनीत राणा को भी सुनाई थी.एक बार रेड्डी साहेब आमझरी के दौरे पर आये तो शिवकुमार ने ट्रैक पर चलने को कहा लेकिन, मैं प्रेग्नेंट थी सो, मै पियूषा मैडम को बताकर निकल गई.
नोट के तीसरे क्रमांक के पेज पर दीपाली लिखती है.उसके बाद एसीएफ और डीसीएफ(शिवकुमार) ने मुझे लगातार तीन दिनों तक मालूर गाँव के कच्चे रास्तों पर घूमने बाध्य किया.इस कारण मेरा एबॉर्शन हो गया..इसके बावजूद मुझे छुट्टी नहीं दी गई.मेरी ससुराल अमरावतीं की है लेकिन, मुझे महीने में एक दिन भी अवकाश नही दिया जाता.रात बेरात को कही पर भी मुझे बुलाया जाता, अश्लील बातें करते थे.मैने इससे पूर्व भी आपसे (रेड्डी) शिकायत की थी लेकिन आप तो अपने आईएफएस का ही पक्ष लेंगे ना?मेलघाट वो दलदल है जहां आप आपकी मर्जी से आ तो सकते है लेकिन अपनी मर्जी से जा नही सकते.मै भी इस दलदल में फंस चुकी हूं. मैने मेरी रेंज में कितने सारे काम किये है.किसी भी काम का मुझे पैसा नही मिला.सब कुछ अपनी जेब से खर्च करके किया.काम के रुपये मांगो तो मुझे कहा जाता कि डीसीएफ (शिवकुमार)देंगा.वो सिर्फ मेरा आर्थिक और मानसिक नुकसान ही करने पर तुला हुआ है.मेरे दिमाग पर दिनोदिन तनाव बढ़ ही रहा है.
नोट के तीसरे क्रमांक के पेज पर दीपाली लिखती है.उसके बाद एसीएफ और डीसीएफ(शिवकुमार) ने मुझे लगातार तीन दिनों तक मालूर गाँव के कच्चे रास्तों पर घूमने बाध्य किया.इस कारण मेरा एबॉर्शन हो गया..इसके बावजूद मुझे छुट्टी नहीं दी गई.मेरी ससुराल अमरावतीं की है लेकिन, मुझे महीने में एक दिन भी अवकाश नही दिया जाता.रात बेरात को कही पर भी मुझे बुलाया जाता, अश्लील बातें करते थे.मैने इससे पूर्व भी आपसे (रेड्डी) शिकायत की थी लेकिन आप तो अपने आईएफएस का ही पक्ष लेंगे ना?मेलघाट वो दलदल है जहां आप आपकी मर्जी से आ तो सकते है लेकिन अपनी मर्जी से जा नही सकते.मै भी इस दलदल में फंस चुकी हूं. मैने मेरी रेंज में कितने सारे काम किये है.किसी भी काम का मुझे पैसा नही मिला.सब कुछ अपनी जेब से खर्च करके किया.काम के रुपये मांगो तो मुझे कहा जाता कि डीसीएफ (शिवकुमार)देंगा.वो सिर्फ मेरा आर्थिक और मानसिक नुकसान ही करने पर तुला हुआ है.मेरे दिमाग पर दिनोदिन तनाव बढ़ ही रहा है.
पेज चार पर वो लिखती है.शिवकुमार मुझे स्टाफ के सामने, ग्रामवासियो के सामने गालियां देते,जलील करते रहे.यह मुझे सहन नहीं होता था.रात में अनेक मर्तबा उन्होंने मुझे संकुल में, कैम्प में या आकोट फाटे पर बुलाया.मेरे अकेलेपन का फायदा उठाने की कोशिश भी की.मैने उनकी इच्छा पूरी नहीं की, उनकी मर्जी से चलने तैयार नही हुई .इस सब की सजा वो(शिवकुमार)मुझे दे रहा है.मुझे मालूम है कि मैं उसका कुछ बिगाड़ नही सकती क्योंकि तुम्हारा(रेड्डी)ही हाथ उसके सिर पर है.मेरा बकाया वेतन, सभी आर्थिक लाभ मेरी माँ को दिया जाए.शिवकुमार के बारे में सभी कर्मियों की भी खूब शिकायते है.इस ओर ध्यान दे.इससे आपका (रेड्डी)भी नाम खराब हो रहा.शिवकुमार को चेक करें. सीसीटीवी लगे है.वो सभी को बहोत ही अश्लील गालियां देते.इतने में उनका हरिसाल आना ज्यादा बढ़ गया था.वो मुझे बहोत ज्यादा मानसिक त्रास दे रहे थे.मेरी मृत्यु के लिए विनोद शिवकुमार उपवनसंरक्षक ,गुगामल वन्यजीव विभाग चिखलदरा यही पूर्णतः जवाबदार है.
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14 मई 2019 को हुआ था विवाह
मई 2011 को वनविभाग में सेवारत हुई दीपाली को विभिन्न भाषाओं का ज्ञान था.हिंदी,मराठी और अंग्रेजी के अलावा उनकी कोरकू और जापानी भाषा पर भी खासी पकड़ थी.मूलतः रत्नागिरी जिले के दापोरी तहसील की निवासी दीपाली का ससुराल सातारा में है.14 मई 2019 को उनका विवाह राजेश मोहिते के साथ हुआ था.खुशमिजाज और जांबाज किस्म की दीपाली सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहती थी.उनके फेसबुक पर चार हजार फॉलोअर्स बताये जाते है.
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भागने की फिराक में शिवकुमार को दबोचा पुलिस ने
रेंजर दीपाली चौहान की आत्महत्या के लिए सर्वस्व जवाबदार उपवनसंरक्षक विनोद शिवकुमार को आज 26 मार्च, शुक्रवार की सुबह 9 बजे नागपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया.अमरावतीं ग्रामीण अपराध अनवेंशन शाखा के सहायक पुलिस निरीक्षक गोपाल उपाध्याय और उपनिरीक्षक विजय गराड की टीम ने शिवकुमार को दबोचा धारणी पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिवकुमार भागने की फिराक में था ही कि अमरावतीं ग्रामीण अपराध अनवेंशन शाखा(एलसीबी)ने उसे दबोच लिया.एलसीबी की दो टीमें शिवकुमार की प्रत्येक हलचल पर नजर रखे हुए थी.उसका मोबाइल भी पुलिस के सर्विलांस पर था.इसके अलावा धारणी पुलिस की टीम भी उसे खोज रही थी.एलसीबी की जिस टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया उसमे पुलिस उपनिरीक्षक विजय गराड,संतोष तेलंग, मंगेश लकड़े, चंद्रशेखर खंडारे,और चालक राहुल सोलो का समावेश था.रेलवे स्टेशन पर घेराबंदी कर चुके एलसीबी पथक में सहायक पुलिस निरीक्षक गोपाल उपाध्याय , योगेश संभारे, सुनील महात्में, अमोल केंद्रे,प्रमोद खडसे का सहभाग रहा.शिवकुमार को गिरफ्तार कर एलसीबी की टीम धारणी के लिए निकल चुकी है.दोपहर 2 बजे तक उनके धारणी पहुंचने का अनुमान है.इधर आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने के अपराध में धारणी पुलिस थाने में कल गुरुवार की रात में ही शिवकुमार के खिलाफ भादवी 306 का मामला दर्ज किया गया.आगे पुलिस मामले की जांच कर रही.
यहां बता दे कि कुछ वर्ष पूर्व इसी शिवकुमार ने परतवाड़ा व्याघ्र प्रकल्प कार्यालय के एक दिव्यांग कर्मचारी को बुरी तरह पीटा था.इस मामले की शिकायत भी थाने में दी गई थी.ग्रामीण एसपी डॉ हरि बालाजी ने धारणी पुलिस को शिवकुमार के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा शास्त्रीय सबूत एकत्रित करने के आदेश दिए है.आगे की जांच धारणी पुलिस कर रही है.