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दो हजार मेगा वॉट की कमी, कटौती की आशंका

प्रदेश में बिजली निर्माण पर मर्यादा

नागपुर/दि.13- बांधों में जलसंग्रह कम होने के कारण प्रदेश में कोयना सहित अन्य जल विद्युत प्रकल्प पूर्ण क्षमता से संचालन में मर्यादा आ गई है. 2 हजार मेगा वॉट बिजली की कमी दिखाई दे रही है. बडे ताप बिजली घरों पर विद्युत हेतु निर्भर रहने की संभावना है जिससे राज्य पर बिजली कटौती का दंश झेलने की आशंका बढ गई है. ताप बिजली घरों से 9540 मेगा वॉट जल विद्युत से 2580, पवन उर्जा से 672, सौर उर्जा से 360 ऐसा कुल 13152 मेगा वॉट बिजली उत्पादन हो रहा है. जबकि प्रदेश में 17 से 23 हजार मेगा वॉट बिजली की आवश्यकता हो रही है. मोटे तौर पर 2 हजार से अधिक मेगा वॉट बिजली इधर-उधर से अरेंज की जा रही है.
* पानी की कमी
प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में इस बार अपेक्षित से कम बारिश हुई है. जिसके कारण जल संग्रह अपेक्षित मात्रा में नहीं हो पाया है. जल विद्युत कोयना प्रकल्प पर निर्भर है. कोयना से 1960 मेगा वॉट विद्युत उपलब्ध होती है. इस बांध में इस बार केवल 67 टीएमसी पानी है. जिसके कारण बिजली निर्मिती प्रभावित होगी. ऐसे ही अन्य विद्युत प्रकल्पों पर भी असर हो रहा है. जिससे विद्युत उत्पादन की मर्यादा आ गई है. प्रदेश के बांधो ंमें 500 टीएमसी पानी कम हुआ है. जिससे 2 हजार मेगा वॉट बिजली की कमी रहने की आशंका जानकारों ने व्यक्त की है. यह भी बताया कि कुछ नैसर्गिक तथा कुछ मानव निर्मित कारणों एवं कोयले की कमी से भी प्रदेश में भार नियमन दहलीज तक आ गया है. दूसरी तरफ कुछ जानकार ऐसी खबरों को सरकार की तरफ से लोगों की मानसिकता बनाने की तैयारी बताई जा रही है. उल्लेखनीय है कि दो रोज पहले ही प्रदेश के उपममुख्यमंत्री अजीत पवार ने उर्जा विभाग की समीक्षा की थी.

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