‘हॉलमार्किंग’ के खिलाफ समूचे राज्य में सराफा रहा बंद
अमरावती/ मुंबई/दि.23 – सरकार द्वारा विगत 16 जून से आभूषण एवं रत्न उद्योग के लिए अनिवार्य ‘हॉलमार्किंग’ लागू की गई है. जिसके तहत भारतीय मानक ब्यूरो बीआयएस द्वारा शुध्दता के चार प्रमाणित सिक्कों में अचानक बदलाव करते समय ज्वेलरी उद्योग की संस्थाओं के साथ कोई चर्चा नहीं की गई है. जिसके खिलाफ महाराष्ट्र राज्य सराफ सुवर्णकार फेडरेशन द्वारा आज समूचे राज्य में हडताल की गई और सराफा प्रतिष्ठानों सहित सभी तरह के ज्वेलरी शॉप दिनभर बंद रखे गये.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए महाराष्ट्र राज्य सराफ सुवर्णकार फेडरेशन के अध्यक्ष फत्तेचंद राका ने बताया कि, देश में हॉलमार्किंग केंद्रों की कमी के चलते देशभर में अनिवार्य हॉलमार्किंग के नियमों पर पूरी तरह से अमल करना असंभव है. यदि ऐसा किया जाता है, तो पूरा सराफा उद्योग एवं मूल्य स्तर गडबडा जायेगा. जिससे लाखों लोगों का जीवन प्रभावित होगा. साथ ही इस अनिवार्य हॉलमार्किंग कानून को अमल में लाये जाने पर इंस्पेक्टर राज को भी मजबूती मिलेगी. जिसका गलत फायदा उठाया जा सकता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, जहां पर आभूषणों की बिक्री होती है, वहीं पर हॉलमार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाये.
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शहर सहित जिले के सराफा बाजारों में भी रहा सन्नाटा
– 500 से अधिक ज्वेलरी शोरूम रहे पूरी तरह बंद
फेडरेशन द्वारा राज्य स्तर पर आहूत की गई हडताल में अमरावती शहर सहित जिले के सभी सराफा व्यवसायियों तथा आभूषण विक्रेताओं ने हिस्सा लिया. अमरावती सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र भंसाली व सचिव सिमेश श्रॉफ के आवाहन पर सभी सराफा व्यवसायियों, सुवर्णकारों तथा आभूषण विक्रेताओं ने अपने-अपने प्रतिष्ठान सोमवार को पूरा दिन बंद रखे और अनिवार्य हॉलमार्किंग के नियमों को लेकर अपना विरोध दर्शाया. ऐसे में शहर सहित जिले के सभी सराफा बाजारों में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया तथा सराफा प्रतिष्ठान व ज्वेलरी शोरूम पर ताले लटके दिखे.
इस हडताल में सुवर्ण व्यवसायी गोपाल पांडे, अजय तीनखेडे, मिलींद श्रॉफ, सुरेंद्र गांधी, रूपराज मुंडेगांवकर, राजू वर्मा, सुरेश जैन, अश्लेक राठी, जयंत कामदार, ओम खेमचंदानी, नवनीत मोहोड, महेश वर्मा, किशोर चुटके, प्रकाश अग्रवाल, विवेक चुटके, गौरव पांडे, अमोल मानेकर, नितीन गोमेकर, निलेश मरोडकर, श्याम मानेकर, सुनील मरोडकर, प्रवीण गोमेकर, श्याम करूले, गोपाल करूले, प्रदीप हिरूलकर, विकास पंचवटे आदि ने हिस्सा लेते हुए सभी सराफा व्यवसायियों, ज्वेलरी शॉप संचालकोें व सुवर्ण कारागीरों को इस हडताल में शामिल करने तथा हडताल को सफल बनाने हेतु महत प्रयास किये.
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क्या हैं हॉलमार्क और इससे लेकर विवाद की वजह
सोने एवं सोने से बने आभूषणों सहित विभिन्न तरह के रत्नों की शुध्दता को जांचते हुए उन पर हॉलमार्किंग की जाती है. हॉलमार्किंग एक तरह से सरकारी गारंटी है, जो ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैण्डर्ड से मिलती है. सोना एवं स्वर्णाभूषण सहित विभिन्न तरह के बेशकीमती रत्नों की खरीददारी करनेवाले ग्राहकों के हितों को देखते हुए भारत सरकार द्वारा इन पर हॉलमार्किंग किये जाने को अनिवार्य किया गया है, ताकि ग्राहकों को शुध्द व गुणवत्तापूर्ण आभूषण व रत्न मिल सके तथा ग्राहकों के साथ किसी तरह की कोई झांसेबाजी न हो सके. यूं तो हॉलमार्किंग की व्यवस्था विगत लंबे अरसे से मौजूद है. किंतु विगत 16 जून से बीआयएस द्वारा हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत अब सभी तरह के स्वर्णाभूषणों पर हॉलमार्किंग कराना ही होगा. जिसके लिए देश में अलग-अलग स्थानों पर हॉलमार्किंग सेंटर भी खोले जा रही है. वहीं इस व्यवस्था का विरोध करनेवाले सुवर्ण व्यवसायियों व आभूषण विक्रेताओं का कहना है कि, वे ऐच्छिक हॉलमार्किंग को स्वीकार कर सकते है. किंतु उन्हें हॉलमार्किंग में अनिवार्यता स्वीकार नहीं है. क्योंकि हर एक आभूषण की हॉलमार्किंग कराने में काफी अधिक वक्त जाया होगा और चूंकि इस समय देश में हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या पर्याप्त नहीं है. ऐसे में फिलहाल बिक्री हेतु उपलब्ध हर एक आभूषण की हॉलमार्किंग कराने में ही करीब चार साल का समय बीत जायेगा. इतने लंबे समय तक आभूषणों की बिक्री को रोका नहीं जा सकता, ताकि अगर रोका जाता है, तो इससे सराफा बाजार की व्यवस्था बुरी तरह से चरामरा जायेगी