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साहब बने रहेंगे एनसीपी प्रमुख

समिति ने खारिज किया इस्तीफा देने का फैसला

* राकांपा में तीन दिन का ड्रामा खत्म
* पूरे प्रदेश में कार्यकर्ता खुश, फोडे पटाखें-बंटी मिठाई
मुुंबई/दि.5- राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के त्यागपत्र को पार्टी की सर्वोच्च समिति ने ठुकरा दिया है. कार्यकर्ताओें की तीव्र भावनाओं को देखते हुए यह निर्णय सर्वसम्मति से किए जाने का दावा उपाध्यक्ष प्रफुल पटेल ने किया. जिससे तीन दिनों से चल रहा हाई ड्रामा खत्म होने के आसार आज दोपहर बन गए थे. समिति की पार्टी मुख्यालय में बैठक पश्चात पटेल व्दारा इस्तीफा खारिज की घोषणा का वहां मौजूद हजारों कार्यकर्ताओं ने जोशपूर्ण स्वागत किया. उसी प्रकार प्रदेश के अनेक भागों से जल्लोष मनाए जाने की खबरें सतत मिल रही है. शिवसेना उबाठा ने भी पवार के राकांपा अध्यक्ष कायम रहने पर खुशी जताई है.
* समिति की बैठक, फैसला
मुंबई में शुरू एनसीपी की अहम बैठक में यह तय किया गया है कि शरद पवार ही एनसीपी के अध्यक्ष बने रहें. यह प्रस्ताव पारित किया गया है. प्रफुल पटेल ने बताया कि हम सब कमिटी के सदस्यों ने एक मत से यह प्रस्ताव पारित किया है कि आप ही एनसीपी प्रेसिडेंट बने रहें. हालांकि, शरद पवार की इस पर क्या प्रतिक्रिया होगी यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. समिति सदस्यों सर्वश्री पटेल, अजीत पवार, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, सुप्रिया सुले, दिलीप वलसे पाटिल, सुनील तटकरे, राजेश टोपे, अनिल देशमुख आदि की उपस्थिति रही.
* पवार थोडी देर में पहुंचेंगे
फिलहाल शरद पवार थोड़ी देर में एनसीपी दफ्तर पहुँच रहे हैं. मुंबई स्थित एनसीपी के दफ्तर के बाहर भारी संख्या में एनसीपी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ है. इसलिए उन्हें अपना फैसला वापस लेना पड़ेगा. यदि शरद पवार ने समिति का यह फैसला मान लिया तो फिर यह मामला यहीं खत्म हो जायेगा लेकिन अगर शरद पवार ने इस फैसले को मानने से इनकार किया तो कार्यकर्ता और भी ज्याद आक्रामक हो सकते हैं.
* सिल्वर ओक पर सुरक्षा बढी
बहरहाल शरद पवार के सिल्वर ओक स्थित निवास स्थान की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है. प्रफुल पटेल ने इस फैसले के बारे में मीडिया से बातचीत में कहा कि बीते 2 मई को शरद पवार ने पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी. साथ ही नए प्रेसिडेंट की तलाश के लिए एक समिति बनाई गयी थी. पार्टी का उपाध्यक्ष होने की वजह से मेरा नाम इस लिस्ट में सबसे आगे था. उस दिन से लेकर आज तक हम सब ने पार्टी कार्यकर्ताओं की भूमिका और आंदोलन देखा. हम सब ने शरद पवार से मिलकर बार बार यह विनती की थी कि आज देश और राज्य को आपकी जरुरत है. पवार देश के वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं.
* देश के कई बड़े नेताओं के फोन
पंजाब के किसानों ने भी शरद पवार के काम की तारीफ की थी. देश के कई बड़े नेताओं ने शरद पवार के इस फैसले को लेकर मुझे या सुप्रिया सुले को फोन किया था. हर कोई यह चाहता है कि शरद पवार अभी एनसीपी के प्रेसिडेंट बने रहें. लोगों की इस भावना को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. शरद पवार ने हम सब को विश्वास में नहीं लिया और इतना बड़ा फैसला लिया. इसलिए आज कमिटी ने इस बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया है.

* राज के कार्टून की चर्चा
मनसे प्रमुख राज ठाकरे व्दारा राकांपा में शुरु अंतर्गत ड्रामे पर व्यंगचित्र ेके माध्यम से अपनी बात रखी है. आज ही विश्व व्यंगचित्र दिवस होने से पुणे में आयोजित महोत्सव का उद्घाटन राज ठाकरे के हस्ते किया गया. ठाकरे ने सुंदर व्यंगचित्र लोगों के देखते ही देखते कुछ ही क्षणों मेें बना दिया. जिसमें पवार के पीछे अजीत पवार खडे दर्शाए गए हैं. उनके चेहरे के भाव देखने लायक है. लिखा है- आहे ते गोड मानून घ्या.

* पटाखें फोडकर आनंद
पार्टी की समिति व्दारा शरद पवार का त्यागपत्र नामंजूर किए जाने की खबर के तुरंत बाद राकांपा कार्यकर्ताओं ने पटाखें फोडकर जल्लोष किया. प्रफुल पटेल की घोषणा को हाथों हाथ लिया. पार्टी के परभणी और अन्य स्थानों से भी पटाखें फोडेे जाने और मिठाई बांटे जाने की खबरें हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं ने देश का नेता कैसा हो, शरद पवार जैसा हो की घोषणाएं भी की.

* कार्यकर्ता का आत्मदहन का प्रयास
शरद पवार के इस्तीफे के बाद हजारों कार्यकर्ता राकांपा प्रदेश कार्यालय के बाहर डेरा डाले हैं. इसी बीच साहब के निर्णय का विरोध करते हुए रकांपा के एक कार्यकर्ता ने आत्मदहन का प्रयत्न करने की जानकारी मिल रही है. उसे अन्य कार्यकर्ताओं ने रोक लिया. बहरहाल आज दोपहर समिति व्दारा इस्तिफा नामंजूर करने की जानकारी पवार को उनके निवासस्थान जाकर दी गई.

* उद्धव की भावनाएं पहुंचाई
शिवसेना उबाठा नेता संजय राउत ने त्यागपत्र नामंजूर करने की बात अपेक्षित कही. राउत ने कहा कि, उद्धव ठाकरे की भावनाएं उन्होंने पवार और राकांपा नेताओं तक पहुंचाई थी. भले ही यह उनके दल का अंतर्गत विषय है. मगर विपक्ष के राजकारण पर इन घटनाओं से परिणाम होता था. राउत ने फिर स्मरण कराया कि, बालासाहब ठाकरे ने भी ऐसे ही त्यागपत्र का एलान कर दिया था. फिर महाबलेश्वर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी और अधिवेशन में निर्णय किए गए. उन्होंने कहा कि, पवार देश के बडे और अनुभवी नेता हैं.

* कार्यकर्ताओं की तीव्र भावनाएं
पार्टी उपाध्यक्ष प्रफुल पटेल ने कहा कि, पवार साहब के इस्तीफे पश्चात उन्हें और सुप्रिया सुले को पूरे प्रदेश के प्रत्येक जिले और कसबे से पार्टी कार्यकर्ताओं की आहत भावनाओं की जानकारी लगातार मिल रही थी. प्रत्येक की राय थी कि साहब सक्रिय पद न छोडे. कार्यकर्ताओं की भावनाएं तीव्र है. उनके मन में दुख, वेदना और नाराजगी है. जिसे हम बिल्कुल अनदेखा नहीं कर सकते.

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