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स्कायवॉक का शुरू हुआ काम

जिलाधीश के निर्णय की हो रही प्रशंसा

  • पुलिस वायरलेस सेंटर ने नहीं दी अब तक एनओसी

चिखलदरा/दि.१२ – जिले में देश के पहले 500 मीटरवाले झुलते स्कायवॉक का काम बीतें कई महिनों से बंद पडा था. मगर सिडको के अधिकारी सहित सभी पुलिस वायरलेस सेंटर के एनओसी का इंतजार कर रहे थे तथा सिर्फ पत्रव्यवहार कर रहे थे. जिसे देखते हुए दैनिक अमरावती मंडल ने सर्वप्रथम यह मुद्दा उठाया था. साथ ही मंडल प्रतिनिधि मनोज शर्मा ने इस तह में जाकर इस जगह का पीआर कार्ड निकाला तथा उसमें उल्लेखीत जगह का अभ्यास करके यह जगह शासन की है तथा शासन ने ही 1980 में वायरलेस सेंटर को दी थी. इस बात को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया था तथा इसके पुरे अधिकार जिलाधिकारी के पास होने की बात सिडको के अधिकारियों ने ध्यान में लाकर दी थी. इस बात को होटल ओनर्स एसोसिएशन ने भी जिलाधिकारी ने चिखलदरा में ली बैठक मेें उठाया था और इसके अधिकारी आपके पास होने की बात जिलाधिकारी को बतायी थी. जिसके बाद इस मामले को चालना मिली तथा 1 फरवरी को जिलाधिकारी के कक्ष में सिडको के अधिकारी तथा पुलिस वायरलेस सेंटर के अधिकारियोें की मिटींग में जिलाधिकारी ने काम शुरू करने के आदेश सिडको को दिये. जिसके चलते यह काम शुरू हो पाया. जिसके लिए जिलाधिकारी भी अभिनंदन के पात्र होने की भावना चिखलदरा में सभी ओर चर्चा का विषय बनी है.
चिखलदरा होटल ओनर्स एसोसिएशन ने भी जिलाधिकारी तथा दैनिक अमरावती मंडल का आभार माना है. स्कायवॉक यह प्रोजेक्ट चिखलदरा के उद्योग-व्यवसाय तथा रोजगार के लिए मिल का पत्थर साबित होनेवाला है. यह शुरू होने के बाद यहा का पर्यटन उद्योग तीन गुना बढ जायेगा. इसका उदाहरण अभी से ही देखने को मिल रहा है. बाहर के कई व्यवसायी यहां की जमीने उच्च दामोंपर खरीद रहे है तथा होटल बना रहे है. जिसका कारण यहां नये रोजगार उपलब्ध होंगे. साथ ही इस पर्यटन क्षेत्र का विकास बगैर सरकार के सहकार्य के प्राईवेट सेक्टर के माध्यम से हो पायेगा. अभी तक पुलिस वायरलेस सेंटर ने एनओसी तो दी ही नहीं, मगर जब काम शुरू करने कुछ कर्मचारी आये थे, मगर जिलाधिकारी को फोन लगाते है, ऐसा कहते ही वहां से वे रफुचक्कर हो गये.
अब जिलाधिकारी को वायरलेस सेंटर को दी गई एक एकड जगह जो 40 सालों से खाली पडी है. उसे वापिस लेकर वहां पार्किंग के लिए उपलब्ध कराने की मांग जोर पकड रही है.

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