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एक तीर एक कमान-सारे आदिवासी एक समान… के लगे नारे

विभिन्न मांगो को लेकर सकल आदिवासी संघर्ष समिती ने निकाला मोर्चा

अमरावती-दि.14- अनुसूचित जमाती (आदिवासी) महाराष्ट्र के सही आदिवासियों की सुची में अन्य संविधानिक आरक्षण सूची में किसी भी जाती का समावेश न करने सहित अन्य मांगो को लेकर आज सोमवार को सकल आदिवासी संघर्ष समिती की ओर से मोर्चा निकाला गया. मोर्चे में हजारों की संख्या में आदिवासी समाज की महिला-पुरुष, बुजुर्ग, विद्यार्थी उपस्थित थे. मोर्चे में एक तीर एक कमान-सारे आदिवासी एक समान… जैसे अनेक नारे लगाकर आदिवासी बंधुओं ने अपनी बात सरकार के समक्ष रखने का प्रयास किया.
स्थानीय राजकमल चौक स्थित नेहरु मैदान से सोमवार दोपहर को निकाला गया मोर्चा राजकमल चौक, शाम चौक, जयस्तंभ चौक, मालवीय चौक, इर्विन चौक पर पहुंच कर भारत रत्न बाबा साहब आंबेडकर पुतले को अभिवादन कर गर्ल्स स्कूल चौक, कलेक्टर ऑफिस चौक, आरटीओ के सामने से होता हुआ विभागीय आयुक्त कार्यालय पर पहुंचा. यहां हजारों की संख्या में मौजुद आदिवासी बंधुओं ने सरकार के समक्ष आदिवासी जाती की सुची में किसी अन्य जाती का समावेश न करने, टाटा इंन्स्टियूट ऑफ सोशल साईंस मुंबई संस्था व्दारा धनगर जाती के संदर्भ में सर्वे का अहवाल उच्च न्यायालय के सामने प्रस्तुत करने, महाराष्ट्र की जनता के लिए आवाहल प्रस्तुत करने, नकली जाती प्रमाण पत्र बता कर सरकारी नौकरी में जाने वालों का जाती प्रमाण पत्र रद्द करने, महाराष्ट्र सरकार व्दारा कंत्राटी पद भर्ती रद्द करने आदि मांगो को प्रदेश के राज्य पाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, विरोधी पक्ष नेता, आदिवासी विकास मंत्री, अनुसूचित जातीजमाती आयोग के समक्ष विभागीय आयुक्त के मार्फत रखने का प्रयास किया. इस समय अर्जुन युवनाते, रोहित झाकर्डे, पवन वाढवे, सोम सोलंके,लक्ष्मण सोलंके, कमल उईके, शंकर शिरसाम, महेन्द्र कोडापे, ऋषीकेश लाव्हरे, युवराज मोहाडे, पवन सोलंके, पवन चांदेकर, श्रावण उईके, नितीन नामुर्ते, संदीप कुंमरे, देवरस वरठी, पवनसिंग तुमडाम, वैभव लोखंडे, निलेश पवार, मनीष धुर्वे, अतुल परतेकी, गोकुलदास मडावी, दिलीप गेडाम, दीपक मसराम,अनिल भिलावेकर, अजय ढंगारे, अंकुश राठोड, रोहन खंडारे, गजानन वालके, सुखदेव पवार, महादेव सोलंके, नलिनी सिडाम सविता जांबे, करन धुर्वे, उम्मेश कुमरे,गणेश परतेकी सहित सकल आदिवासी संघर्ष समिती, बिरसा क्रांतीदल, आदिवासी टाकणकर पारधी समाज संगठन, वाघरी फोरम के सदस्यों सहित हजारो की संख्या में आदिवासी समाज बंधु उपस्थित थे.

यह मांगे भी रखी सामने
निवेदन के मार्फत संगठन ने 6 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट व्दारा दिए आदेश के अनुसार राज्य में 12 हजार 500 जगह रिक्त कर तत्काल आदिवासी पदों को भर्ती करें. पदवीधर आदिवासी युवक-युवतियों को रोजगार निर्मित करने के लिए समाज कल्याण स्तर पर शुरु एनडीएफसी योजना आदिवासी विकास महामंडल की ओर से प्रत्येक को 20 लाख रुपये दिए जाए. सरकारी आदिवासी वसतीगृह में डीबीटी बंद कर पूर्वानुसार मेस योजना चलाई जाए. 2021 में मेलघाट में हुए 365 बालकों की मृत्यु व 15 गर्भवती महिलाओं की मृत्यु की सीबीआई जांच कर दोषियों को कडी सजा दी जाए. कुपोषण संबंधी काम करने वाले एनजीओ को मानधन दिया जाने जैसी अनेक मांगो को सरकार के समक्ष रखा.

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