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लघु उद्योग दिन आज

धीरे-धीरे बढ़ रहे छोटे उद्योग

* विदर्भ में 4 लाख यूनिट का पंजीयन
नागपुर/दि.30- औद्योगिक विकास में विदर्भ अब तक पीछे रहा. मुंबई-पुणे, नाशिक की तुलना में नागपुर तथा अमरावती संभाग में अनुशेष कायम रहा. अब धीरे-धीरे छोटे उद्योग बढ़ने का चित्र है. पंजीयन आंकड़े के अनुसार आज विदर्भ में 4 लाख यूनिट है. हालांकि पश्चिम विदर्भ इस मामले में भी और पीछे कह सकते हैं. इसके लिए अनेक कारण बताए जाते हैं. फिर भी मुख्य रुप से यहां के उद्योगों को अपेक्षित राज सहायता न मिल पाना बताया जाता है. उसी प्रकार बड़े प्रकल्प आने पर सुविधाएं बढ़ती है और उसके साथ ही छोटे यूनिट भी भली प्रकार चलते हैं.
* अमरावती टेक्सटाइल पार्क
अमरावती टेक्सटाइल पार्क विकसित हो रहा है. इससे संबंधित छोटे उद्योग वहां स्थापित किए जा रहे हैं. किन्तु कुशल मनुष्य बल के अभाव में बहुत अधिक पनप नहीं पाये. शासन और प्रशासन सकारात्मक दृष्टिकोण रख रहा है. सुविधाएं भी धीरे-धीरे बढ़ रही है. विशेषकर आर्थिक सहायता बड़ा मुद्दा है. बैंक अब पहले की तुलना में अधिक सक्रिय और सकारात्मक है. यूनिट को आर्थिक सहायता के लिए तत्पर है. फिर भी कुछ और रियायतों की मांग लघु उद्योग कर रहे हैं.
* एक समस्या यह भी
लघु उद्योग भारती के सचिव आलोक पाहाणे ने बताया कि छोटे उद्योगों में कुशल मानव संसाधन बड़ी समस्या है. आयटीआय के कोर्स कर चुके लड़के अप्रेंटिसशीप हेतु बड़े उद्योगों में जाते हैं. वर्षभर के अनुभव पर छोटे यूनिट से अधिक वेतन की अपेक्षा करते हैं. जबकि वे पूरी तरह कुशल नहीं कहे जा सकते. यह लघु उद्योजकों की बड़ी समस्या दूर करने समन्वय की आवश्यकता भी पाहाणे ने बोलकर बताई.
* सब्सिडी बढ़ाए 25 लाख तक
उधर कोसिया के विदर्भ चेप्टर अध्यक्ष सीए जुल्फेश शाह ने कहा कि स्मॉल इंडस्ट्री हेतु सीएलसीएसएस योजना में 15 लाख की राज सहायता मिलती थी. वह योजना मार्च 2021 में खत्म हो गई. योजना को दोबारा शुरु करने और उसकी राज सहायता 25 लाख तक बढ़ाए जाने की आवश्यकता शाह ने व्यक्त की.

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