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अबतक अपने आरोपों पर सबूत नहीं दे सके साबले

कोविड बीमा पॉलिसी घोटाले का आरोप लगाकर मचाई थी सनसनी

  • जिप प्रशासन दो दिन बाद भी कर रहा सबूत मिलने का इंतजार

अमरावती प्रतिनिधि/ दि. २५ – बीते दिनों जिला परिषद सदस्य प्रकाश साबले ने जिप की आम सभा में यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि प्रशासन के कई अधिकारी व कर्मचारी सवैतनिक अवकाश के साथ ही कोविड बीमा पॉलिसी का लाभ लेने हेतु फर्जी तरीके से कोविड पॉजीटिव की रिपोर्ट लेकर आए हैं और कोविड अस्पतालों में भर्ती हुए हैं. जिससे इन दिनों कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है. साबले द्वारा लगाये गये आरोप की वजह से जिला परिषद सहित समूचे जिला प्रशासन में जबरदस्त सनसनी मच गई थी. साथ ही आम नागरिको में इन दिनों लगातार बढ़ रही कोरोना संक्रमितों की संख्या को लेकर संभ्रम देखा जा रहा था. पश्चात जिप प्रशासन ने इन बारे में प्रकाश साबले से दो दिन के भीतर अपने द्वारा लगाये गये आरोपों के संदर्भ में दस्तावेज व सबूत पेश करने के लिए कहा गया था. किंतु जानकारी के मुताबिक साबले द्वारा अबतक जिप प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग को इस मामले से संबंधित कोई सबूत नहीं सौंपा गया है. बल्कि उन्होंने प्रशासन को अपनी शिकायत के संदर्भ में केवल एक लिखीत पत्र दिया है.
इस बारे में अमरावती मंडल द्वारा जिप सीईओ अमोल येडगे से पुछताछ करने पर पता चला कि साबले को अपने द्वारा लगाये गये आरोपों के बारे में सबूत पेश करने दो दिन का समय दिया गया था, किंतु इन दो दिनों के दौरान साबले ने जिप स्वास्थ्य विभाग को सबूत के नाम पर अपने द्वारा लगाये गये आरोप ही लिखीत तौर पर शिकायती पत्र के रूप में सौपे हैं. जिसपर जिप प्रशासन ने उनसे कहा है कि प्रशासन से जुड़े किन-किन अधिकारियों व कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से अपनी कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव दिखाई है. साथ ही उनसे (साबले से) से किस कोविड टेस्ट लैब के लोगों ने पॉजीटिव रिपोर्ट देने हेतु संपर्क किया था, इसकी जानकारी लिखीत तौर पर दी जाए. किंतु जानकारी के मुताबिक गुरूवार की दोपहर तक साबले ने जिप प्रशासन को ऐसी कोई जानकारी लिखीत तौर पर नहीं दी थी. ऐसे में अब जिला परिषद प्रशासन इस मामले की जांच को अपने स्तर पर पूरी करते हुए अपनी जांच रिपोर्ट जिला टास्क फोर्स के अध्यक्ष व जिलाधीश शैलेश नवाल को सौंपने की तैयारी कर रहा है.
वहीं दूसरी ओर इस बारे में संपर्क किये जाने पर जिप सदस्य प्रकाश साबले ने कहा है कि उन्होंने जिप स्वास्थ्य विभाग को जो पत्र सौंपा है, उसमें अपने द्वारा लगाये गये आरोपों की विस्तृत ब्यौरा मौजूद है. अत: अब जिप प्रशासन ने पूरे मामले की जांच करने के साथ ही जिप प्रशासन से जुड़े जितने भी अधिकारी व कर्मचारी अबतक कोविड पॉजीटिव पाये गये हैं, उनकी एंटी बॉडी टेस्ट करानी चाहिए, ताकि यह पता लग सके कि वे सभी लोग सही में कोविड पॉजीटिव थे अथवा नहीं.
बहरहाल इस मामले को लेकर जिला परिषद सहित जिला प्रशासन में इस समय काफी सनसनी मची हुई है. साथ ही जिले के तमाम लोगों की नजरें भी इस मामले की ओर लगी हुई है कि आखिर सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के कोविड पॉजीटिव पाये जाने के पीछे सच क्या है और क्या वाकई जिले में कोविड बीमा पॉलिसियों का लाभ उठाने के चक्कर में कुछ लोग जानबूझकर कोविड पॉजीटिव पाये जा रहे हैं.

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