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तो निर्वाचन विभाग को जूते मारो

एड. प्रकाश आंबेडकर का सनसनीखेज कथन

* उपचुनाव के लगातार टाले जाने पर जताया गुस्सा
अमरावती/दि.6- किसी भी सांसद या विधायक का निधन होने के बाद अगले 6 माह के भीतर उस निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव लेना कानूनी रुप से अनिवार्य रहने के बावजूद भी निर्वाचन आयोग द्वारा इसे टाला जाता है तथा संवैधानिक दायरे का उल्लंघन किया जाता है. ऐसे में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को चाहिए कि, या तो वे तत्काल अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए रिक्त हुई सीटों पर उपचुनाव करवाये और यदि अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकते है, तो तुरंत ही अपने पद से इस्तीफा दे. साथ ही यदि ऐसा नहीं होता है, तो लोगों ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए मोर्चे निकालने चाहिए और यदि इसके बाद भी उपचुनाव नहीं होते है, तो निर्वाचन आयोग को जूते मारने चाहिए. इस आशय का सनसनीखेज बयान वंचित बहुजन आघाडी के नेता एड. प्रकाश आंबेडकर ने आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में दिया.
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी पार्टी यानि वंचित बहुजन आघाडी की तैयारियों का जायजा लेने हेतु पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करने पहुंचे एड. प्रकाश आंबेडकर ने स्थानीय सरकारी विश्रामगृह में एक पत्रवार्ता को भी संबोधित किया. जिसमें उन्होंने राज्य के कई लोकसभा व विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव लंबे समय से प्रलंबित रहने को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि, निर्वाचन आयोग यद्यपि अपने आप में एक स्वायत्त संस्था है, लेकिन उसे चुनाव आगे धकेलने का कोई अधिकार नहीं है. परंतु इन दिनों निर्वाचन आयोग का कामकाज सरकार के इशारे पर चल रहा है और उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव करवाये जाने का आदेश दिये जाने के बावजूद भी उक्त आदेश का पालन नहीं हो रहा. ऐसे में यदि निर्वाचन आयोग द्वारा अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया जाता है, तो आम जनता को निर्वाचन आयोग से सवाल पूछने का अधिकार है. क्योंकि जनता ही इस देश की मालिक है और यदि निर्वाचन आयोग द्वारा जनता की आवाज को अनसुना किया जाता है, तो निर्वाचन आयोग को जूते मारने चाहिए. एड. आंबेडकर ने यह भी स्पष्ट किया कि, मारपीट करना यानि कानून हाथ में लेना नहीं होता. कानून पर अमल करना निर्वाचन आयोग का काम है और यदि निर्वाचन आयोग द्वारा अपना काम ईमानदारी से नहीं किया जाता है, तो इसके खिलाफ जनता द्वारा आवाज उठाई जाती है, तो इसके लिए खुद निर्वाचन आयोग ही जिम्मेदार रहेंगा और उस समय वे लोग बिल्कुल भी निर्वाचन आयोग को बचाने के लिए आगे नहीं आएंगे. जिन्हें आज निर्वाचन आयोग द्वारा बचाने का प्रयास किया जा रहा है.

* 6 माह के भीतर नवनीत राणा होगी जेल में
इस समय मीडिया के साथ संवाद साधते हुए वंचित बहुजन आघाडी के मुखिया एड. प्रकाश आंबेडकर ने यह भी कहा कि, अमरावती जिले की सांसद नवनीत राणा कभी भाजपा, तो कभी राकांपा का समर्थन लेकर अगला चुनाव लडने की बात कर रही है. लेकिन अगले 6 माह के भीतर नवनीत राणा के फर्जी जाती प्रमाणपत्र के मामले में अदालत का फैसला आ जाएंगा. जिसके बाद नवनीत राणा जेल में होगी. यह अभी से तय है.

* कांग्रेस की दोमुंही भूमिका
एड. प्रकाश आंबेडकर ने यह भी कहा कि, नरेंद्र मोदी व भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए सभी विपक्षी दलों का साथ आना बेहद जरुरी है. जिसके चलते हम इंडि अलायंस व महाविकास आघाडी में शामिल होने के इच्छूक है और हमने इसके लिए लिखित पत्र भी दिया. परंतु हमारे प्रस्ताव पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ. क्योंकि कांग्रेस द्वारा दोमुंही भूमिका अपनाई जा रही है.

* हमारा सेना उबाठा के साथ 24-24 का फार्मूला तय
इसके साथ ही एड. प्रकाश आंबेडकर ने यह भी कहा कि, वंचित बहुजन आघाडी की शिवसेना उबाठा के साथ युती हो चुकी है. साथ ही दोनों दलों ने राज्य के 48 संसदीय सीटों के लिए 24-24 सीटों का फार्मूला तय कर लिया है.

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