‘सामाजिक न्याय’ के छात्रावास प्रवेश लटकने की संभावना
राज्य सरकार का शाला, महाविद्यालय बंद रखने का निर्णय
अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – राज्य सरकार ने शाला, महाविद्यालय बंद रखने का निर्णय लेने से इस वर्ष सामाजिक न्याय विभाग व्दारा चलाये जाने वाले पिछडा वर्गीय छात्रावास की प्रवेश प्रक्रिया लगातार दूसरे वर्ष भी लटकने की संभावना है. राज्य के शिक्षण विभाग की ओर से शाला महाविद्यालय शुरु करने के संदर्भ में निर्णय होने के बाद छात्रावास में प्रेवश दिया जाएगा, इस तरह की जानकारी मिल रही है. जिले में सामाजिक व न्याय विभाग व्दारा चलाए जाने वाले लडके, लडकियों को छात्रावास है. जिले के हर कोने से आने वाले विद्यार्थियों की सुविधा शासकीय छात्रावास में की जाती है. जून महिने में शाला, महाविद्यालय शुरु होने सेे छात्रावास की प्रवेश प्रक्रिया शुरु की जाती है. छात्रावास में अनुसूचित जाति जनजाति, विमुक्त जाति, भटकी जनजाति, आर्थिक रुप से पिछडा प्रवर्ग, अनाथ व दिव्यांग प्रवर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है. सामाजिक न्याय विभाग की ओर से यहां विद्यार्थियों के भोजन व निवास की व्यवस्था की जाती है. साथ ही शालेय साहित्य खरीदी करने के लिए विद्यार्थियों को विभाग की ओर से नगद रकम दी जाती है. जिससे इस छात्रावास में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थी इच्छूक रहते है.
किंतु इस वर्ष देश समेत राज्य में कोरोना का संसर्ग बढने से राज्य के शिक्षा विभाग ने संसर्ग का धोका ध्यान में रखकर राज्य के शाला, महाविद्यालय फिलहाल बंद रखने का निर्णय लिया है. शाला, महाविद्यालय शुरु हुए तो ही इस छात्रावास में नए वर्ष में शिक्षा लेने के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुुरु होती है. किंतु शिक्षा विभाग की ओर से शाला, महाविद्यालय शुरु करने के संदर्भ में ठोस निर्णय न होने से जिले के सामाजिक न्याय विभाग के छात्रावास की नई प्रवेश प्रक्रिया लटकने की संभावना दिखाई दे रही है.
-
… ऐसी रहती है प्रक्रिया
छात्रावास में सातवीं उत्तीर्ण होने के बाद आठवीं के लडके, लडकियों को प्रवेश दिया जाता है. इन विद्यार्थियों के दसवीं तक के शिक्षा के लिए छात्रावास में रहने की व्यवस्था रहती है. दसवीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को नये सिरे से प्रवेश के लिए अर्जी करनी पडती है. गुणवत्ता के आधार पर विद्यार्थियों का चयन होता है. यह विद्यार्थी बारहवीं तक छात्रावास में रहते है. बारहवीं उत्तीर्ण होने के बाद पदवी की शिक्षा के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति प्रवर्ग के विद्यार्थी छात्रावास में रहने के लिए अर्जी कर सकते हेै. इन विद्यार्थियों का चयन यह मिले हुए अंकों के आधार पर होता है. अनुसूचित जाति, जनजाति, विमुक्त जाति भटकी जनजाति, आर्थिक रुप से पिछडा प्रवर्ग, अनाथ व दिव्यांग विद्यार्थियों से अर्जी मांगृी जाति है. इसके लिए शाला छोडने का दाखला, आधार कार्ड जोडना पडता हेै. यह अर्जी की हुई सूची से प्रचलित नियम के अनुसार पिछडा वर्गीय प्रवर्ग व रिक्त सीटें विशेष बाब के अधिन रहकर गुणवत्ता के अनुसार प्रवेश दिया जाता है.