* दान, धर्म करने में हर्ज नहीं-पंडित वसंत दवे
अमरावती/दि.17- दो दिन बाद 20 अप्रैल के हाईब्रिड सूर्यग्रहण का नजारा भारत में नहीं दिखाई देगा. यह जानकारी स्कॉय वॉच ग्रुप के प्रा. सुरेश चोपडे ने दी और बताया कि टीवी चैनल्स, यूट्यूब और इंटरनेट के माध्यम से भारतवासी यह नजारा देख पाएंगे. तथापि शहर के प्रसिद्ध पंडित वसंत दवे उर्फ नोका महाराज तथा अन्य पुरोहित वर्ग ने सूर्यग्रहण निमित्त दान, धर्म करने में हर्ज नहीं होने की बात कहते हुए, पुण्यकर्म कमाने की संधि न गंवाने की बात कही.
* अनोखी घटना
खगोलीय विज्ञान की दृष्टि से हाईब्रिड सूर्यग्रहण एक दुर्लभ घटना है. एक दशक में ऐसी कोई स्थिति अवकाश में बनती है. पृथ्वी के गोल आकार तथा पृथ्वी का कहीं अंतराल कम-अधिक होने से एक ही दिन कहीं ककंर्णाकृति तथा कहीं खग्रास सूर्यग्रहण देखने मिलेगा. सूर्यग्रहण सूर्यादय के समय रहने पर अथवा समुद्र में देखने पर ऐसी संभावना रहती है. समुद्र और जमीन के फसाले के कारण हाईब्रिड सूर्यग्रहण दिखाई देता है. 20 अप्रैल का सूर्यग्रहण सवेरे होने से आरंभ तथा ग्रहण के मोक्ष के दौरान ककंणाकृति दिखाई देगा. मध्यकाल में खग्रास सूर्यग्रहण नजर आएगा.
* सुबह 7.04 बजे से ग्रहण
भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा मगर पश्चिम आस्ट्रेलिया के एक्स माउथ नामक पापूआगिनी, इंडोनेशिया के दक्षिण द्बीप में खग्रास ग्रहण नजर आएगा. शेष इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिफाइंस, पूर्व आशिया में ग्रहण का नजारा खंडग्रास होगा. एक ही साथ ककंणाकृति और खग्रास ग्रहण दिखाई देने से इसे हाईब्रिड सूर्यग्रहण कहा जाता है. शतक में केवल 3 प्रतिशत ग्रहण हाईब्रिड होने की संभावना रहती है. भारतीय समयानुसार सवेरे 7.04 मिनट से ग्रहण आरंभ होगा. मोक्ष दोपहर 12.29 मिनट पर होगा. यह सूर्यग्रहण अश्विनी नक्षत्र तथा मेष राशि में रहेगा.
* पंडित दवे की सलाह
ंपं. वसंत दवे के आत्मज पं. प्रफुल के अनुसार 20 अप्रैल अमावस्या के दिन होने वाली घटना का असर पृथ्वी के कई भागों पर होने वाला है. भारतवर्ष में निम्न से निम्न रुप में भी यह घटना कहीं नहीं देखने मिलने वाली है. आकाश से निकलने वाली इस ऊर्जा का कुछ अंश मात्र भी दोष भारत में नहीं होगा. फिर भी इसके लाभ को प्राप्त करने तथा हानी से बचने के लिए अथवा मन की शंका का निवारण करने स्नान करके अपने इष्ट का जाप करें मानसिक रुप से. किसी जरुरतमंद को कुछ भोजन, वस्त्रादि का श्रद्धानुसार दान करें.