मुंबई/दि.14 – विगत सप्ताह पुणे में स्वप्नील लोणकर नामक युवक ने एमपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद डेढ वर्ष तक नियुक्ति नहीं मिलने से तंग आकर फांसी लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद विधान मंडल के पावस सत्र में विपक्षी दल भाजपा ने इस मसले को लेकर सरकार को चौतरफा घेरा था. जिसके पश्चात अब राज्य सरकार द्वारा तमाम आवश्यक उपाय किये जा रहे है. जिसके तहत जल्द ही गट-अ से गट-क तक 15 हजार 511 पदों को एमपीएससी के जरिये भरने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए जुलाई माह के अंत तक तमाम आवश्यक प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जायेगा.
इस बारे में जानकारी देते हुए सामान्य प्रशासन विभाग के राज्यमंत्री दत्तात्रय भरणे द्वारा बताया गया कि, एमपीएससी के मार्फत ली जानेवाली परीक्षा एवं रिक्त पदों पर भरती करने के मद्देनजर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में बैठक हुई है. जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये है. जिसके तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग एवं वैद्यकीय शिक्षा विभाग को पदभरती के नियमों में छूट दी गई है. साथ ही गट-अ से गट-क के 15 हजार 511 पदों को भरने हेतु वित्त विभाग द्वारा सन 2018 से मान्यता दी गई है. जिसके चलते इन पदों हेतु तय आरक्षण की जांच-पडताल करते हुए पदभरती की प्रक्रिया को गतिमान करने हेतु कार्रवाई जारी है. साथ ही साथ उम्मीदवारों के साक्षात्कार लेने हेतु एमपीएससी सदस्यों के चार रिक्त पद भरना भी बेहद जरूरी है. जिसके लिए आवश्यक प्रक्रिया जुलाई माह के अंत तक पूर्ण कर ली जायेगी.