श्रीनिवास रेड्डी को हाई कोर्ट से सशर्त अंतरिम जमानत
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राज्य सरकार को भेजा नोटीस
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रेड्डी की जमानत पर 7 जून तक जवाब मांगा
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रेड्डी ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने हाई कोर्ट में दर्ज की याचिका
अमरावती/प्रतिनिधि दि. 11 – हरिसाल की वनपरिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण की मृत्यु के मामले में आरोपी रहने वाले निलंबित अतिरिक्त प्रधान मुख्य वनसंरक्षक यह श्रीनिवास रेड्डी को आज मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सशर्त अंतरिम जमानत मंजूर की है. साथ ही राज्य सरकार को नोटीस देकर रेड्डी की जमानत अर्जी पर 7 जून तक जवाब पेश करने के निर्देश दिये है. इस मामले पर न्यायमूर्ति मनीष पितले के समक्ष सुनवाई हुई.
आरएफओ दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले में आरोपी श्रीनिवास रेड्डी को जमानत मंजूर करते हुए नागपुर से बाहर न जाने के आदेश न्यायालय ने दिये है. हरिसाल की वनपरिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या मामले में मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के निलंबित अतिरिक्त प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एम.श्रीनिवास रेड्डी के विरुध्द जांच शुरु रखे, किंतु अभियोग पत्र दाखल न करे, इस तरह का अंतरिम आदेश मुुंबई हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने शुक्रवार को दिया था. रेड्डी ने अपने विरुध्द दाखल एफआईआर रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखल की थी. इस बीच न्यायालय में एफआईआर व सुसाईड नोट का अवलोकन करने के बाद रेड्डी की एफआईआर रद्द करने की अपील विचार में ली जा सकती है, ऐसा प्राथमिक निरीक्षण नोंद किया और राज्य सरकार को नोटीस देकर याचिका पर 14 जून तक जवाब पेश करने के निर्देश दिये थे. साथ ही इस दौरान मामलों की जांच शुरु रखनी चाहिए, किंतु रेड्डी के खिलाफ न्यायालय की पूर्व अनुमति लिये बगैर अभियोग पत्र दाखल न करे, ऐसा आदेश में स्पष्ट किया है, जिससे रेड्डी को राहत मिली है.
दीपाली चव्हाण ने वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार होने वाली मानसिक प्रताडना से त्रस्त होकर आत्महत्या की है, इस तरह का आरोप है. चव्हाण ने आत्महत्या से पहले एक चिठ्ठी लिख छोडी है. उसमें वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप किये गये है. इस मामले में अमरावती जिले की धारणी पुलिस ने रेड्डी समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने व अन्य विविध अपराध अंतर्गत एफआईआर दर्ज किया. पुलिस ने रेड्डी को गिरफ्तार किया है. सामाजिक दबाव व राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते इस मामले में उन्हें फंसाया गया है ऐसा उनका कहना है. रेड्डी की ओर से एड.अक्षय नाईक व एड.अमित चौबे ने काम संभाला.
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शिवकुमार की जमानत पर नोटीस
गुगामल वनपरिक्षेत्र के उप वनसंरक्षक विनोद शिवकुमार यह इस मामले के दूसरे आरोपी है. उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है. जिसमें न्यायमूर्ति विनय देशपांडे ने राज्य सरकार को नोटीस देकर जवाब पेश करने का आदेश दिया है. साथ ही अर्जी पर ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के बाद आगामी सुनवाई निश्चित की. सत्र न्यायालय ने जमानत नकार ने से शिवकुमार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शिवकुमार की ओर से एड.फिरदोज मिर्जा ने कामकाज देखा था.