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श्रीनिवास रेड्डी को मंत्रालय में टहलते देखा गया

निलंबन के बाद भी मुख्यालय पर हाजिर नही

परतवाड़ा/मेलघाट दि. 24 -मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के गुगामल वन्यजीव विभाग अंतर्गत हरिसाल की रेंजर दीपाली चौहान की आत्महत्या मामले में निलंबित क्षेत्रीय निदेशक श्रीनिवास रेड्डी को निलंबित किये जाने के बाद मुख्यालय नही छोड़ने के आदेश दिए गए.श्रीनिवास ऊपर से प्राप्त आदेश की खुली अवहेलना करने की जानकारी मिली है.निलंबन काल मे अधिकारी को मुख्यालय अटैच कर दिया जाता.किसी आपातकालीन स्थिति में निलंबित अधिकारी को यदि कही जाना आवश्यक हो तो उस सूरत में भी उसे वरिष्ट को सूचित कर,अनुमतीं लेकर जाना अनिवार्य होता है.श्रीनिवास के केंद्रीय सेवक शर्तो व नियमो का भंग कर मुंबई मंत्रालय में जाने की खबर प्राप्त हुई है.इस बारे में पूछताछ करने के लिए वन मुख्यालय से संपर्क किया गया तब कोई प्रतिसाद नही दिया गया.रेड्डी यह प्रधान मुख्य वनसंरक्षक की अनुमति के बगैर मुख्यालय नही छोड़ सकते.फिर वो अचानक मुंबई और दिल्ली की यात्रा पर कैसे निकले और किसकी अनुमतीं से वो मंत्रालय में घूम रहे,किस कार्य के लिए वो मंत्रालय गये आदि प्रश्न अनेक शंका-कुशंकाओ को जन्म दे रहे है.एक चर्चा यह भी है कि विदर्भ में पदस्थ सभी आइएफएस अधिकारी खुद को केंद्र व राज्य सरकार का जवाई समझते है.दीपाली मामले में अन्य सभी आइएफएस अधिकारी रेड्डी और शिवकुमार को बचाने की कोशिश करने की बात भी नीचे के अधिकारियों में सुनने को मिल रही. दीपाली आत्महत्या मामले में रेड्डी को सहआरोपी बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.इसके डर से रेड्डी ने अचलपुरअतिरिक्त सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका भी दायर की थी,लेकिन कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली.तभी से वो अपने सियासी माईबाप से प्रत्यक्ष मुलाखात करने मुंबई -दिल्ली के दौरे करने की जानकारी वनविभाग के सूत्रों ने दी है.रेड्डी किसकी अनुमतीं से मुंबई मंत्रालय में गये इस हेतु प्रधान मुख्य वनसंरक्षक साईप्रकाश को लगातार मैसेज भी दिया और फोन भी किये किंतु उनकी ओर से कोई प्रतिसाद नही दिया गया.

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