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श्रीनिवास रेड्डी का निलंबन 3 महिने बढाया

हरिसाल में सर्विस रिवाल्वर से गोली चलाकर की थी आत्महत्या

अमरावती/दि.8 – हरिसाल वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या मामले में मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के निलंबित क्षेत्र संचालक श्रीनिवास रेड्डी के निलंबन का समयावधि 3 महिने से बढाया गया है. दीपाली चव्हाण ने 26 मार्च को उनके निवास पर सर्विस रिवाल्वर से गोली चलाकर आत्महत्या की थी.
दीपाली ने आत्महत्या से पहले श्रीनिवास रेड्डी के नाम से चिठ्ठी लिख रखी थी. इसमें उन्होंने निलंबित उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार पर प्रताडित करने का आरोप किया था. राज्य सरकार ने 30 मार्च की देर रात रेड्डी के निलंबन के आदेश जारी किये थे. इसके साथ ही रेड्डी की भूमिका बाबत जांच करने के लिए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी डॉ.प्रज्ञा सरवदे की नियुक्ति की गई. निलंबित उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार ने दीपाली चव्हाण को जबर्दस्त मानसिक रुप से प्रताडित किया था. इसकी जानकारी श्रीनिवास रेड्डी को समय समय पर दी गई. उसके बाद भी उन्होंने कोई कदम न उठाने से रेड्डी ने उनका कर्तव्य व जिम्मेदारियों का निर्वाहन ठिक से न करने की बात क्या दीपाली की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार साबित हुई? इसकी जांच करने का काम डॉ.प्रज्ञा सरवदे की समिति को सौंपा गया था. डॉ.सरवदे ने उनकी रिपोर्ट मंत्रालय के विभागों को सौंपने की बात इस रिपोर्ट के आधार पर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय को तकरीबन 12-13 दिन पहले अभियोग पत्र बाबत ई-मेल आया. समझा जाता है कि इस अभियोग पत्र में भी रेड्डी पर गंभीर आरोप किये गए है. इस बीच राज्य सरकार ने आगामी सितंबर तक उनकी निलंबन समयावधि में वृध्दि की है, ऐसा वन विभाग के प्रधान सचिव वेणुगोपाल रेड्डी ने स्पष्ट किया है.

अनियमितता की जांच का क्या?

इस मामले में डॉ.प्रज्ञा सरवदे की जांच रिपोर्ट के आधार पर श्रीनिवास रेड्डी को आरोप पत्र दिया गया है. फिर भी उनके कार्यकाल में मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प तथा फाउंडेशन में आर्थिक अनियमितता की जांच का क्या? यह प्रश्न अभी भी कायम है. उनके कार्यकाल में व्याघ्र प्रकल्प तथा फाउंडेशन में अनेक गैरकानूनी काम होने का आरोप विविध संगठनों व्दारा किया गया है. प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वनबल प्रमुख) ने नियुक्ति की गई समिति की एक उपसमिति में भी इस पर टिप्पणी है.

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