कडे लॉकडाउन में भी जिले में एसटी सेवा शुरु
-
केवल अत्यावश्यक सेवा के कर्मचारियों के लिए
-
जिलाधिकारी के आदेश एसटी महामंडल को मिले
अमरावती/प्रतिनिधि दि.8 – पिछले 14 अप्रैल से अमरावती जिले में कडे निर्बंध जारी करने के बाद भी जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढती जा रही है. इससे उल्टा 14 अप्रैल से पहले रोज आने वाले कोरोना मरीजों का आंकडा जो 500 के करीब था वह अब बढकर 1000 पार हो चुका है. इसके चलते कल जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने रविवार 9 मई से 15 मई तक जिले में कडे लॉकडाउन की घोषणा की. इस दौरान शासकीय व निमशासकीय सभी कार्यालय बंद रखे जाएंगे. बावजूद इसके इस कडे लॉकडाउन में भी एसटी की जिला अंतर्गत बस सेवा मात्र शुरु रहेगी, इस तरह की जानकारी जिला एसटी नियंत्रक उमेश इंगले ने ‘अमरावती मंडल’ को दी है. उन्होंने कहा कि कडे निर्बंध में भी जिला अंतर्गत एसटी बस सेवा यह रोजाना 400 से 500 किलोमीटर तक होती थी. जो आगामी सप्ताह में भी उसी तरह शुरु रहेगी. विशेष यह कि स्वास्थ्य सेवा के अनेकों कर्मचारी अमरावती से ग्रामीण क्षेत्र में तथा तहसील क्षेत्र से अमरावती में ड्युटी करते है. इसके अलावा जिले के मेडिकल स्टोअर्स तथा समय पर जरुरी वैद्यकीय साहित्य के लिए अमरावती आना पडता है. इस कारण जिला अंतर्गत बस सेवा कडे निर्बंध में भी शुरु थी. जिसे आगामी 9 मई से 15 मई तक घोषित कडे लॉकडाउन में भी शुरु रखने के आदेश जिलाधिकारी ने आज एसटी डिपो व्यवस्थापक को दिये है.
-
वर्धा जिले में मात्र बसेस बंद
कोरोना की दूसरी लहर का कहर अमरावती ही नहीं बल्कि वर्धा जिले में भी कायम है. वर्धा जिले में अमरावती की तुलना में कोरोना के नियमित मिलने वाले मरीजों की संख्या कम रहते हुए भी, कम संख्या में कोरोना की श्रृंखला तोडने वर्धा जिले में कडे कदम उठाना अभी से शुरु कर दिया. वर्धा जिला एसटी व्यवस्थापन ने कल दोपहर ही सभी एसटी डिपो को निर्देश दिये है कि वर्धा जिले के किसी भी डिपो से आज से एक भी एसटी बस बाहर नहीं निकलेगी, ना ही बाहरी जिले की बसेस को वर्धा जिले में प्रवेश दिया जाएगा. वर्धा जिले में अब 8 दिन एसटी बस सेवा को पूरी तरह बंद रखने का निर्णय लिया है. विदर्भ में वर्धा एकमात्र ऐसा जिला है, जिसमें अत्यावश्यक सेवा के लिए भी एसटी बस सेवा को छुट नहीं दी है.
-
जिले में इस तरह चलती है बस सेवा
अमरावती मध्यवर्ती बस डिपो में फिलहाल 50 प्रतिशत यात्री संख्या पर जिला अंतर्गत बस सेवा शुरु है. किसी तहसील स्तर की बस प्लॉटफार्म पर खडी होते ही उसमें सवार यात्रियों को आधार कार्ड मांगा जाता है अथवा उनका कार्यालयीन पहचानपत्र देखा जाता है. अगर किसी यात्री की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है और वह अत्यावश्यक सेवा में शामिल विभाग का कर्मचारी नहीं है तो उसे बससे उतारा जाता है. एसटी बस के हर फेरी में बस में सवार यात्रियों के नाम की सूची बनाकर वह एसटी बस 20 यात्रियों को लेकर बस डिपो से निकल रही है, इस तरह जिलेभर से मात्र दिनभर में 400 किलोमीटर की बस फेरियां तहसील स्तर पर लगाई जा रही है.