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दाते महिला बैंक के कर्जदारों से जमानतदारों से शुरु हुई सक्त वसूली

बैंक को लौटाने हैं 185 करोड रुपए

* कर्जधारकों पर 475 करोड रुपयों का बकाया
* आरबीआई ने रद्द किया है बैंकिंग लाईसेंस
* चल अचल संपत्तियां भी होगी जब्त
यवतमाल/दि.17 – बाबाजी दाते महिला बैंक के बैंकिंग लाईसेंस को भारतीय रिजर्व बैंक द्बारा रद्द कर दिया गया है. इसके साथ ही यहां पर अवसायक की नियुक्ति की गई है. अवसायक के तौर पर पदभार स्वीकार करते ही नानासाहब चव्हाण ने कर्जदारों को दिये गये कर्ज की अनिवार्य व सक्त वसूली के आदेश जारी किये है. जिसके चलते अब बकाएदार रहने वाले कर्जधारकों सहित उनके जमानतदारों से 475 करोड रुपए की कर्ज वसूली की जाएगी. इसके अलावा जिन खाता धारकों के बैंक में लॉकर है. उनसे अपने-अपने लॉकर को खाली करते हुए लॉकर बंद करने हेतु कहा गया है.
बता दें कि, बाबाजी दाते महिला बैंक की यवतमाल, वर्धा, चंद्रपुर, अमरावती व नांदेड जिले में कुल 19 शाखाएं है. जिसमें से 15 शाखाएं यवतमाल जिले में ही है. 5 जिलों मेें विस्तार रहने वाली इस बैंक में 36 हजार 560 निवेशकों के 185 करोड रुपए अटके हुए है. वहीं दूसरी ओर 1 हजार 13 कर्जधारकों ने बैंक से 267 करोड रुपए का कर्ज प्राप्त किया है और मूल कर्ज की राशि पर 208 करोड रुपयों का ब्याज भी चढ गया है. चूंकि कर्जधारकों ने बकाया कर्ज की अदायगी नहीं की. जिसकी वजह से ब्याज बढता चला गया और बैंक के एनपीए में भी वृद्धि हुई. इस समय मूल कर्ज सहित ब्याज की रकम को मिलाकर 1 हजार 13 कर्जधारक सदस्यों से बैंक को 475 करोड रुपए की वसूली करनी है. जिसके बाद ही निवेशकों को उनके 185 करोड रुपए वापिस लौटाएं जा सकेंगे. इससे पहले डीआईसीजीसी के जरिए 5 लाख से कम निवेश रहने वाले निवेशकों को उनकी रकम वापिस लौटाई थी. जिसके तहत 294 करोड रुपए की अदायगी हुई. लेकिन इसके बाद भी 185 करोड रुपए वापिस करने बाकी है. यहीं वजह है कि, अब बकायएदारों से बकाया कर्ज की अनिवार्य वसूली करने का अभियान शुरु किया गया है.
इसके साथ ही यह भी पता चला है कि, कई सदस्यों को बैंक की मौजूदा स्थिति की जानकारी ही नहीं है. जिसके चलते ऐसे सदस्यों को क्लेम वापिस मिलने हेतु दुबारा आवेदन करने का मौका मिलेगा और ऐसे सदस्यों को बैंक द्बारा की जाने वाली वसूली से प्राप्त होने वाली रकम में से उनके निवेश की रकम वापिस लौटाई जाएगी. इसके अलावा डीआईसीजीसी को भी 287 करोड रुपए वापिस लौटाने है. जिसमें से 7 करोड रुपए वापिस लौटा दिए गए है.
पता चला है कि, 5 जिलों में कार्यरत 19 शाखाओं में 203 स्थायी व 12 अस्थायी कर्मचारी है. चूंकि अब बैंक का बैंकिंग परवाना भी रद्द हो गया है. ऐसे में बैंक का आर्थिक बोझ कम करने हेतु कर्मचारियों की संख्या को चरणबद्ध ढंग से कम किया जाएगा. जिसके चलते आगे चलकर इन कर्मचारियों की नौकरी पर भी खतरा पैदा होने वाला है. इसके साथ ही महिला बैंक की 4 संपत्तियां और कुछ वाहन है. इन सभी चल अचल संपत्तियों को भी आगे चलकर अटैच किया जाएगा. ताकि निवेशकों के पैसे वापिस लौटाए जा सके. बता दें कि, अवसायक को काम करने के लिए 15 वर्ष की अवधि दी गई है. इस दौरान अवसायक को निवेशकों का हित संरक्षित करने के साथ ही उन्हें उनके पैसे वापिस दिलाने का काम करना होगा.

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