* महासचिव लांडगे पर लगाए संगीन आरोप
वर्धा/दि.4- राज्य कुश्तीगीर परिषद की कार्यकारिणी को ऑल इंडिया कुश्तीगीर संघ ने बर्खास्त कर दिया था. क्योंकि विगत तीन वर्षो के दौरान राज्य कुश्तीगीर परिषद का काम पूरी तरह से निष्क्रीय रहा. जिसके चलते किसी भी समय महाराष्ट्र के कुश्ती क्षेत्र में रहने वाला परिषद का नाम पूरी तरह से मिट्टी में मिल गया. आज राज्य कुश्तीगीर परिषद के पास कोई निधी शेष नहीं है और अब हमें लोगों से चंदा जमा करते हुए राज्य कुश्तीगीर परिषद का काम चलाना पड रहा हैं. इस आश्रय की जानकारी न्यायालय के आदेश पर राज्य कुश्तीगीर परिषद के अध्यक्ष पद का जिम्मा संभालने वाले सांसद रामदास तडस ने दी हैं.
इस संदर्भ में सांसाद रामदास तडस ने कहा कि, राज्य कुश्तीगीर परिषद को बर्खास्त करने का निर्णय ऑल इंडिया कुश्तीगीर परिषद ने लिया था. जिसके बाद नए चुनाव हुए, लेकिन विगत 10 वर्षो के दौरान कुश्तीगीर परिषद के महासचिव बालासाहब लांडगे ने राज्य मेें एक भी राष्ट्रीय स्पर्धा आयोजित नहीं की. इस बारे मेंं खुद उन्होंने व अन्य सदस्यों ने कई बार पत्र व्यवहार किया. लेकिन राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर एक भी स्पर्धा महाराष्ट्र परिषद में आयोजित नहीं की.
इसके अलावा सांसद रामदास तडस ने यह भी कहा कि, चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद कुछ लोग न्यायालय में गए थे और न्यायालय व्दारा दिए गए निर्णय अनुसार अब हमने काम करना शुरु किया हैं. जिसके तहत राज्य में जल्द ही राजकीय व राज्यस्तरीय कुश्ती स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा, और 15 से 30 दिसंबर के दौरान पुणे में कुश्ती की परिषद की स्पर्धा का आयोजन होगा. जिसमें अब बालासाहब लांडगे की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही सांसद तडस ने यह भी कहा कि, महाराष्ट्र की मिट्टी ने कुश्ती स्पर्धा को हमेशा से ही राजश्रय मिला है और महाराष्ट्र राज्य कुश्मीगीर परिषद के माध्यम से शरद पवार ने भी कुश्ती को हमेशा प्रोत्साहन दिया. लेकिन विगत 10 वर्षो के दौरान कुश्तीगीर परिषद के निष्क्रियता के चलते राज्य का नावलौकिक कम हुआ तथा पंजाब व हरियाणा जैसे राज्य कुश्ती में आगे निकल गए. लेकिन अब यह दृश्य बहुत जल्द बदलेगा साथ ही महाराष्ट्र राज्य कुश्तीगीर परिषद व्दारा विदर्भ कुश्तीगीर परिषद को मान्यता देकर विदर्भ क्षेत्र की मिट्टी से बेहतरीन पहलवान तैयार किए जाएंगे.