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तीन वर्षों से यथावत अपराधों की स्थिति

हत्या, हत्या के प्रयास, चोरी व लूटपाट की वारदातें बदस्तूर

  • अपराधियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाईयां बढी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.13 – इस समय विगत डेढ-दो माह के दौरान एक के बाद एक घटित हत्या की करीब सात-आठ वारदातों से समाजमन हिल चुका है. वहीं गत रोज एक ही दिन में महज एक घंटे के अंतराल पर दो हत्याकांड घटित होने से समूचे शहर में जबर्दस्त हडकंप व्याप्त हो गया है. जिसके चलते आम नागरिकों द्वारा पुलिस महकमे को सवालों के घेरे में खडा किया जा रहा है. साथ ही यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि, इन दिनों अमरावती शहर में अपराधिक वारदातोें में काफी अधिक बढोत्तरी हो गयी है. किंतु यदि विगत तीन वर्षों के क्राईम रिकॉर्ड को देखा जाये, तो कहा जा सकता है कि विगत तीन वर्षों के दौरान अपराधिक वारदातें बढी नहीं, बल्कि कुछ हद तक घटी है. साथ ही अपराधियों के खिलाफ पुलिस द्वारा की जानेवाली प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की संख्या में जरूर इजाफा हुआ है.
यदि विगत तीन वर्षों का जनवरी से अगस्त माह की अवधि के क्राईम रिकॉर्ड को देखा जाये, तो पता चलता है कि, वर्ष 2019 में इस अवधि के दौरान हत्या की 16 वारदातें हुई थी. वहीं वर्ष 2020 में 15 हत्याएं इस अवधि के दौरान की गई थी और जारी वर्ष 2021 के दौरान भी इस अवधि में कुल 15 हत्याकांड हुए है. वहीं इस अवधि के दौरान वर्ष 2019 में हत्या के प्रयास की 43 वारदातें हुई थी. जिनकी संख्या वर्ष 2020 में 42 रही और जारी वर्ष में हत्या के प्रयास के केवल 20 मामले दर्ज हुए है. इसके अलावा दंगा यानी उत्पात व उधम से संबंधित 33 मामले वर्ष 2019 में दर्ज हुए थे. जिनकी संख्या 2020 में बढकर 52 हो गई और जारी वर्ष में ऐसे 42 मामले दर्ज हुए है. इसके अलावा मादक पदार्थों से संबंधित दो-दो मामले वर्ष 2019 व 2020 में दर्ज हुए थे. जबकि जारी वर्ष में मादक पदार्थों के 7 मामले दर्ज किये गये. साथ ही वर्ष 2019 में आर्म्स एक्ट के तहत 43 तथा वर्ष 2020 में 27 मामले दर्ज हुए थे. जिनकी संख्या जारी वर्ष में 57 रही.
इसके अलावा वर्ष 2019 में अगस्त माह तक 55 अपराधी तडीपार किये गये. वर्ष 2020 में तडीपारी की आठ कारवाईयां हुई और जारी वर्ष में 42 अपराधी तडीपार किये गये है. साथ ही जारी वर्ष में अब तक चार लोगों के खिलाफ एमपीडीए एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. गत वर्ष किसी के खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी और वर्ष 2019 में 5 लोगों के खिलाफ एमपीडीए एक्ट लगाया गया था. इसके अलावा वर्ष 2019 में अवैध जुआ के खिलाफ 217 कार्रवाईयां की गई थी. वहीं वर्ष 2020 में 182 जुआ अड्डे पकडे गये थे. जबकि जारी वर्ष में जुआ अड्डों के खिलाफ 286 मामले दर्ज किये गये है. इसके साथ ही वर्ष 2019 में अवैध शराब के 598 मामले दर्ज किये गये और वर्ष 2020 में 606 मामले दर्ज हुए, जबकि जारी वर्ष में 868 मामले अवैध शराब को लेकर दर्ज किये गये है. इन सबसे के साथ वर्ष 2019 में 4 हजार 297 व वर्ष 2020 में 3 हजार 389 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई, जबकि जारी वर्ष के दौरान अब तक 4 हजार 200 प्रतिबंधात्मक कार्रवाईयां की गई है.
उपरोक्त आंकडों के लिहाज से कहा जा सकता है कि, विगत तीन वर्षों के दौरान हत्या व हत्या के प्रयास जैसे मामलों की संख्या में कोई विशेष इजाफा नहीं हुआ है. बल्कि पारिवारिक विवाद, व्यक्तिगत कारणों व पुरानी रंजीश के चलते घटित हत्याकांडों में पुलिस द्वारा तत्काल कदम उठाते हुए सभी हत्यारोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी. वहीं अवैध शराब, जुआ, हथियार व मादक पदार्थों से संबंधित मामलों को पुलिस द्वारा बडे पैमाने पर उजागर किया गया है. साथ ही जरायमपेशा अपराधियों के खिलाफ भी पुलिस ने बडे पैमाने पर प्रतिबंधात्मक कदम उठाते हुए एमपीडीए व तडीपारी जैसी कार्रवाईयां की है.

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