अब भी अबूझ पहेली बना हुआ है धैर्य की हत्या का मामला
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पुलिस मार रही हवा में हाथ-पैर
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अब तक कोई पुख्ता सूराग नहीं आया हाथ
अमरावती/प्रतिनिधि/दि.2 – विगत रविवार को स्थानीय न्यू प्रभात कालोनी परिसर निवासी चौहान परिवार के घर से महज डेढ माह की आयुवाला धैर्य परमार नामक नवजात बच्चा अकस्मात गायब हो गया था. जिसकी लाश दूसरे दिन सोमवार की सुबह घर के आंगन में स्थित कुएं से बरामद हुई थी. जिसके बारे में पता चला कि, इस बच्चे को रविवार की दोपहर जिंदा ही कुएं के पानी में फेंक दिया गया था और फेंफडों में पानी घुस जाने की वजह से बच्चे ने कुएं में दम तोड दिया था. इस घटना को घटित व उजागर हुए अब करीब 72 घंटों का समय बीत चुका है, लेकिन बावजूद इसके पुलिस अब तक इस बात का खुलासा नहीं कर पायी है कि, आखिर इस जघन्य वारदात को किसने और क्यों अंजाम दिया. बल्कि पुलिस द्वारा बार-बार एक ही दावा किया जा रहा है कि, आरोपी उनकी नजर में आ चुका है और पुलिस केवल किसी पुख्ता व महत्वपूर्ण सूराग के मिलने का इंतजार कर रही है. यह सूराग मिलते ही आरोपी को किसी भी वक्त गिरफ्तार किया जा सकता है.
बता दें कि, स्थानीय प्रभात कालोनी निवासी दिलीप चौहान ग्रामीण पुलिस दल में एएसआई के रूप में तैनात थे और उनकी सोमवार 30 नवंबर को ही सेवानिवृत्ति हुई है. इससे एक दिन पहले 29 नवंबर की दोपहर वे अपनी पत्नी जयश्री चौहान के साथ किसी विवाह समारोह में गये हुए थे. इस समय घर पर उनका बेटा प्रणव चौहान और उनकी विवाहित बेटी नम्रता परमार व उसके डेढ माह के बेटे धैर्य ही थे. करीब डेढ बजे के आसपास नम्रता अपने बेटे धैर्य को दूध पिलाकर वॉश रूम में गयी. इस समय धैर्य अपने पलंग पर था और प्रणव चौहान किसी दूसरे बेडरूम में बैठकर टीवी देख रहा था. जब नम्रता वॉश रूम से बाहर आयी तो उसे धैर्य अपने पलंग पर दिखाई नहीं दिया. जिसकी वजह से उसे लगा कि, शायद प्रणव उसे अपने कमरे में ले गया होगा और वह धैर्य को देखने प्रणव के कमरे में पहुंची, लेकिन प्रणव अपने साथ धैर्य को नहीं ले गया था. यह बात पता चलते ही दोनों भाई-बहन ने पूरे घर में धैर्य की तलाश की. साथ ही अपने माता-पिता को इस बारे में इतिल्ला दी. पश्चात सूचना मिलने पर पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर धैर्य की तलाश शुरू की, लेकिन बच्चे का कहीं पता नहीं चल पाया. वहीं दूसरे दिन सुबह धैर्य का शव घर के आंगन में स्थित कुएं में देखा गया. जिसे पुलिस ने पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि, धैर्य को जिंदा ही कुएं के पानी में फेंक दिया गया था और फेफडों में पानी घुस जाने की वजह से उसकी कुएं में डूबकर मौत हो गयी. इस पूरे मामले में सबसे उल्लेखनीय तथ्य यह है कि, घटना के समय घर में केवल दो ही लोग थे और बाहर का कोई व्यक्ति सीधे बेडरूम तक घुसकर महज तीन-चार मिनट के भीतर इस वारदात को कैसे अंजाम दे सकता है. यह अपने आप में एक बेहद अबूझ पहेली है. इस बात पर अपना ध्यान केंद्रीत करते हुए राजापेठ पुलिस ने संदेह के आधार पर बच्चे की मां नम्रता परमार और उसके मामा प्रणव चव्हाण को पूछताछ हेतु पुलिस थाने लाया और उनसे पूरी घटना के बारे में विस्तृत बातचीत की गई. जिसके बाद दोनों को देर रात घर वापिस भेज दिया गया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस इस मामले में आरोपी की लगभग शिनाख्त कर चुकी है और उसके गिरेबान पर हाथ डालने से पहले कुछ महत्वपूर्ण सुरागों की कडी को आपस में जोडा जा रहा है. इन कडियों के जुडते ही पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. ऐसा पुलिस द्वारा बार-बार कहा जा रहा है. लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है, वैसे-वैसे लोगों में इस बात को लेकर हैरत देखी जा रही है कि, आखिर पुलिस की ओर से इस मामले का राजफाश क्यों नहीं किया जा रहा.
समूचे शहर में तरह-तरह की चर्चाएं
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस वारदात को उजागर हुए करीब तीन दिन का समय बीत चुका है और रविवार को अपहरण होने के बाद सोमवार की सुबह जैसे ही धैर्य परमार का शव घर के ही आंगन में स्थित कुएं से बरामद हुआ था, तो न्यू प्रभात कालोनी परिसर सहित समूचे शहर में तरह-तरह की खुसर-फुसर शुरू हो गयी थी. इस समय सभी पानठेलों, चाय की गुमटियों और चौक-चौराहों पर यहीं मामला चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है तथा हर कोई जानना चाह रहा है कि, आखिर डेढ माह के धैर्य परमार को किसने और क्यों मारा?
आज मृत बच्चे के पिता पहुंच रहे अमरावती
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मृतक धैर्य परमार के पिता कमलेशसिंह परमार अब तक बिहार से अमरावती नहीं पहुंच पाये है. हालांकि वे बिहार से अमरावती हेतु रवाना हो चुके है. उम्मीद जतायी जा रही है कि, बुधवार की शाम तक कमलेश परमार अमरावती पहुंच जायेंगे. पुलिस इस मामले में कमलेश द्वारा दिये जानेवाले बयान को अभी से बेहद महत्वपूर्ण मानकर चल रही है. इस वजह से उनके अमरावती आने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प है कि, अमरावती आने के बाद कमलेश परमार द्वारा अपने पारिवारिक जीवन एवं रिश्ते के बारे में पुलिस को कौनसी अहम जानकारी दी जाती है.
घर, आंगन व कुएं के बीच ही घुम रही शक की सुई
इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस पूरे मामले का ताना-बाना घर, आंगन और कुएं के बीच बुना हुआ नजर आ रहा है. साथ ही जितने कम समय में इस वारदात को अंजाम दिया गया, उसे लेकर भी पुलिस काफी माथापच्ची कर रही है और इस बात पर सिर खपाया जा रहा है कि, घर के भीतरी हिस्से में स्थित बेडरूम के पलंग पर लेटा हुआ मात्र डेढ माह की आयुवाला धैर्य परमार आखिर घर से बाहर आंगन में स्थित कुएं के भीतर कुएं पर लगी जाली को हटाकर कैसे जा गिरा? घटनावाले समय धैर्य की मां नम्रता परमार उसे दूध पिलाकर वॉशरूम गयी थी और मात्र एकाध मिनट के भीतर वॉशरूम से वापिस लौट आयी. मात्र इतने देर में धैर्य परमार पलंग से सीधे कुएं के भीतर कैसे पहुंच गया, यह अपने आप में एक बडा सवाल है. इन तमाम सवालों की गुत्थियों को हल करने का पुलिस द्वारा पूरजोर प्रयास किया जा रहा है. लेकिन इसका अब तक कोई खास नतीजा हाथ नहीं आया है और पुलिस की जांच घुम-फिरकर उन्हीं सवालोें के ईदगिर्द चक्कर काट रही है. हालांकि पुलिस की ओर से कहा गया है कि, आरोपी को काफी हद तक चिन्हीत कर लिया गया है और केवल एक अदद सूराग को खोजा जा रहा है. यह कडी जुडते ही आरोपी किसी भी वक्त पुलिस की हिरासत में होगा.