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जज को बुरा कहना छोडो, अपनी तैयारी पुख्ता करो

हाईकोर्ट के जस्टीस अनिल किलोर का वकीलों को मशवरा

* बार कॉउंसिल, अमरावती-वाशिम वकील संघ का सीएलईपी कार्यक्रम
अमरावती/दि.28– बार कॉउंसिल महाराष्ट्र एण्ड गोवा तथा जिला वकील संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सीएलईपी कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बंबई उच्च न्यायलय के न्यायमूर्ति अनिल किलोर ने युवाओं को अपनी पेशागत तैयारी पुख्ता करने का आवाहन किया. उन्होंने बहुत ही स्पष्ट कहा कि आज की तरुण पीढी आवश्यक कागजात समय पर जुटाती नहीं. फिर न्यायाधीश के फैसले में मीनमेख निकालती है. उन्हें बुरा-भला कहती है. इससे उनके साथ-साथ पेशे की हानि होगी. इसलिए वे अपनी तैयारी मजबूत करे तो बेहतर रहेगा. जस्टीस किलोर ने कहा कि अपने व्यवसाय के प्रति नैतिकता और लगन तथा सिद्धांतों को अपनाने से निश्चित ही ठोस प्रगति होगी.
पंजाबराव देशमुख स्मारक मेडिकल कॉलेज के छत्रपति शिवाजी महाराज सभागार में हुए कार्यक्रम के मंच पर उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति वृषाली जोशी, प्रमुख जिला न्यायाधीश एम. आर. देशपांडे तथा वाशिम के प्रमुख जिला न्यायाधीश आरती पांडे, बार काउंसिल अध्यक्ष एड. आसीफ कुरैशी, उपाध्यक्ष एड. डॉ. उदय वरुणजीकर, बार कॉउंसिल इंडिया के सदस्य एड. जयंत जायभावे, गजानन चव्हाण, एड. संग्राम देसाई, एड. आशीष देशमुख, एड. पारिजात पांडे, जिला वकील संघ अध्यक्ष एड.शिरिष जाखड, वाशिम के अध्यक्ष एड. अनूप बाकलीवाल, एड. उमेश इंगले, एड. मोहन देशमुख विराजमान थे.
जस्टिस किलोर ने कहा कि वे भाषण देने नहीं आए हैं, परिवार के सदस्य के रुप में संवाद करने का इरादा रखते हैं. उन्होंने बहुत ही बेबाकी से कहा कि वकील पेशा समाज की सहायता करने के लिए हैं. कोई यहां पैसा कमाने की सोचकर आया है तो, उन्हें मेरी सलाह रहेगी कि वह आज ही यह पेशा त्याग दें, बिजनस करें. उन्होंने बाबा आमटे की मिसाल दी. आमटे ने डॉक्टरी की पढाई की थी. किंतु उन्होंने कुष्ठ रोगियों और अन्य की सेवा के लिए अपने आप को झौंक दिया था. आमटे चाहते तो किसी बडे शहर में जाकर डॉक्टर प्रैक्टिस से करोडों रुपए बना सकते थे. जस्टीस किलोर के अनुसार समाज हित में कार्य करे तो वकालत में भी पैसा अपने आप आएगा. उन्होंने आज की पीढी व्दारा अपने वरिष्ठ सहयोगी का मान नहीं करने का विषय भी छूआ. जस्टिस किलोर ने कहा कि आज के लडके वरिष्ठ का सम्मान नहीं करते. बगल से जज भी गुजर जाए तो उन्हें फर्क नहीं पडता. वे सम्मान देने से कतराते हैं. यह अच्छी बात नहीं.
हाईकोर्ट की न्या. वृषाली जोशी ने आयोजन को सराहा. उन्होंने जिस तरह नियमित व्यायाम से शरीर तंदुरुस्त रहता है, वैसे ही सीएलईपी जैसे कार्यक्रम से पेशागत महारत मिलने की बात कही. उन्होंने कहा कि बार कॉउंसिल व्दारा सीएलईपी जैसा अच्छा कार्यक्रम लिया गया है. ऐसे आयोजन और भी होने चाहिए. बेसिक लीगल एज्युकेशन प्रोग्राम और कंटिन्यू लीगल एज्युकेशन प्रोग्राम के साथ दिवानी , फौजदारी पुस्तकों का सभी सदस्यों को वितरण इस अवसर पर किया जा रहा है.
इस समय सचिव एड. उमेश इंगले, उपाध्यक्ष एड. नीता तिखिले, ग्रंथालय सचिव एड. अभिषेक निस्ताने, कार्यकारिणी सदस्य एड. रसिका उके, एड. सुदर्शन पिंपलगांवकर, एड. पीयूष डहाके, एड. पंकज यादगिरे, एड. कुशल करवा, एड. किरण यावले, एड. भूमिका वानखडे ढोणे उपस्थित थी.
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्जवलित कर व छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा तथा प्रथम कृषी मंत्री डॉ. पंजाबराव देशमुख की प्रतिमा का पूजन कर किया गया. कार्यक्रम का संचालन आशीष देशमुख ने किया. कार्यक्रम के दौरान नवोदित वकीलों को पुस्तकों का वितरण किया गया.

वकालत के लिए कुछ बातें महत्वपूर्ण- जस्टीस पांडे
अपने संवाद के दौरान वाशिम कोर्ट के जज आर.पी.पांडे ने कहा कि लॉ का अध्ययन करते समय कुछ सिलेबस हमारे लिए बहुत ही उपयोगी ठहरते है. उनके अध्ययन से ही हम अच्छे वकील बन पाते हैं. आपके लिए सिविल व क्रिमिनल दो पुस्तकों को भी पढना जरुरी है. इस पुस्तक से आप का अनुभव बढेगा.

कार्यक्रम बहुत उपयोगी साबित होगा- देशपांडे
अमरावती कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रीक जज एम. आर. देशपांडे ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रम जो कन्सल्टी के लिए आयोजित किए जाते है. वह उपयोगी साबीत होते है. अमरावती में लिया गया यह कार्यक्रम आने वाले वकिलों व जुनियर वकिलों के लिए उपयोगी साबित होगा. इसके लिए आयोजकों व बार कौंसिल प्रशंसा के काबिल है. यह कार्यक्रम सभी वकिलों के लिए ज्ञान अमृत प्राप्त करने के बराबर है.

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