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बंगाल में हिन्दूओं पर हमले रोकें

विहिप और बजरंग दल का राष्ट्रपति के नाम निवेदन

* सांसद डॉ. बोंडे ने किया शिष्टमंडल का नेतृत्व
* अन्यथा तीव्र आंदोलन की दी गई चेतावनी
अमरावती/ दि. 19 – विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने आज दोपहर 12 बजे की चिलचिलाती धूप में जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर सांसद और बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ. अनिल बोंडे की अगुआई में राष्ट्रपति के नाम निवेदन सौंपा. निवेदन में पश्चिम बंगाल में शुरू हिन्दू पर हमलों, अत्याचार को तत्काल रोकने की जोरदार मांग की गई. बंगाल की ममता बैनर्जी सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग निवेदन में की गई. आरोप किया गया कि मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिन्दू विरोधी हिंसा बंगाल के अनेक भागों में फैल रही है. जिससे हिन्दू वहां से पलायन करने विवश हो रहे हैं. ऐसे में ममता सरकार बरखास्त कर केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सौंपने का अनुरोध किया गया है.
इस समय विहिप बजरंग दल के सैकडों कार्यकर्ता, महिलाएं, पदाधिकारी भी जोश खरोश के साथ मौजूद थे. उनमें सर्वश्री डॉ. सुरेश चिकटे, संत वासुदेवानंद गिरि महाराज, बंटी पारवानी, राजीव देशमुख, सिंध्दू सोलंकी, विजय खडसे, रूपेश राउत, विक्रम काले, दीपक पाठक, त्रिदेव डेंडवाल, बादल कुलकर्णी, अनिल साहू, सुधीर बोपुलकर, विशाल कुलकर्णी, डॉ. कंवल पांडे, मुन्ना मालवीय, निशाध जोध, प्रवीण गिरी, रवी पार्वे, शालिग्राम महाराज खेडकर, जुगल ओझा, श्याम शर्मा, विजय शर्मा, ऋषिकेश डेलकर, अभिनव हिरूलकर, आदित्य महाराज रोडे, प्रवीण अन्ना सोलंकी, संतोष कुकडे, निरंजन दुबे, घनश्याम बत्रा, जयेश राजा, तुषार चौधरी, अनिल शर्मा, प्रकाश लुंगीकर, दुर्गेश ठाकुर, शंतनु भंडारकर, निखिल विश्वकर्मा, यश गुप्ता, सतीश कुरील, कैलाश परदेशी, अश्विन चौधरी, अक्षय निनावे, करण सोलंकी, सूरज प्रधान, कार्तिक नाचनकर, श्रेयस बाडाबुचे, अजिंक्य काले, मंगेश विंचोलकर, पंकज गायकवाड, सागर भगत, अतुल बेलोरकर, सागर व्यास, कार्तिक देशमुख, विनय साहू, विजय उपाध्ये, सविता भागवत, योगिता मरगडे, मुक्ता वानखडे, प्रिया इंगोले आदि अनेक की उपस्थिति रही.
बंगाल में कई दिनों से हिंसा शुरू है. निवेदन में आरोप किया गया कि हिन्दुओं की 200 से अधिक दुकानें और घर लूटकर आगजनी की गई है. तीन नागरिकों की हत्या कर सैकडों को बुरी तरह जख्मी किया गया है. दर्जनों महिलाओं के शील भंग का आरोप निवेदन में लगाया गया. यह भी आरोप किया गया कि मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी दंगे रोकने की बजाय भडकाने वाले लोगों से मिल रही है. इसलिए उनकी सरकार को पदच्युत कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए.

 

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