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मवेशियों की अवैध ढूलाई करनेवालों पर कडाई से कार्रवाई जरूरी

शहर व ग्रामीण में स्कॉड बनाएं

  • निवासी उपजिलाधिकारी डॉ. नितीन व्यवहारे ने निर्देश

  • १५ से ३० जनवरी के दरम्यिान चलाया जाएगा जनजागृति पखवाडा

अमरावती/दि.२९-मवेशियों की अवैध रूप से ढूलाई करनेवालों पर शिकंजा कसना बेहद जरूरी है. इसके लिए प्राणी क्लेश प्रतिबंधक अधिनियम प्रभावी रूप से अमंल में लाने के लिए शहर व ग्रामीण स्तर पर स्कॉड तैयार करने के निर्देश निवासी उपजिलाधिकारी डॉ. नितीन व्यवहारे ने दिए है. इस अधिनियम को लेकर जनजागृति करने के लिए १५ से ३० जनवरी के दरम्यिान पखवाडे का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए विविध उपक्रम भी चलाने के निर्देश उन्होंने दिए.
मंगलवार को जिलास्तरीय प्राणी क्लेश प्रतिबंधक समिति की बैठक जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित की गई. इस बैठक में समिति के अशासकीय सदस्य नंदकिशोर गांधी, महेश देवले, चंद्रशेखर कडू, डॉ. सुनील सूर्यवंशी, अभिषेक मुरके, विजय शर्मा, अजित जोशी, श्रीमती सुरेखा पांडे, जिल्हा पशुसंवर्धन उपायुक्त डॉ. मोहन गोहोत्रे, जिला पशुसंवर्धन अधिकारी डॉ. विजय रहाटे, पशुसंवर्धन अधिकारी डॉ. राधेश्याम बहादुरे, मनपा उपायुक्त डॉ. सचिन बोंद्रे, उपवनसंरक्षक यांचे प्रतिनिधी प्र. ज्ञा. डंबाले, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राज बागरी, सहायक सूचना अधिकारी विजय राऊत, पुलिस निरीक्षक तपन कोल्हे आदि मौजूद थे.
प्राणी क्लेश प्रतिबंधक अधिनियम को जिले में प्रभावी रूप से अमंल में लाना जरूरी है. इसके लिए शहर व ग्रामीण स्तर पर स्वतंत्र पथक निर्माण किए जाए. प्राणी क्लेश प्रतिबंध अधिनियम का भंग ना हो इसके लिए जगह-जगह जांच व कार्रवाई करना आवश्यक है. गोवंश कत्तल रोकने के लिए संबंधित यंत्रणाओं ने काम करना चाहिए. शहर व ग्रामीण इलाकों में मवेशियों की खरीदी-बिक्री करते समय आधार कार्ड अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है. प्रशासन की आर से एक पत्र कृषि बाजार समितियों को भेजा गया है. जिसका कड़ाई से पालन करने के निर्देश निवासी उपजिलाधिकारी डॉ. नितीन व्यवहारे ने दिए. मवेशियों की ढूलाई करने के लिए शहरी इलाकों में मनपा के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पशुसंवर्धन विभाग की अनुमति आवश्यक होने से व्यापक जनजागृति पशुपालकों में की जाए. इसके लिए संबंधित विभागों ने अपने संपर्क नंबर भी घोषित करने चाहिए.

  • राज्य सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकपोस्ट

मध्यप्रदेश के सीमवर्ती परिसरों से कत्तल के लिए मवेशियों को जिले में लाया जा रहा है. इस संबंध में शिकायतें भी मिल रही है. इसीलिए पुलिस विभाग की ओर से सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकपोस्ट निर्माण कर वहां पर जांच पड़ताल शुरू करनी चाहिए. इसके अलावा पशुसंवर्धन व गौशाला पदाधिकारियों से तत्काल संपर्क साधा जाए. वहीं प्राणी क्लेश प्रतिबंधक अधिनियम के अनुसार अपराध दर्ज कर जांच आदि कार्रवाई नहीं करनेवालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए. जिले में डॉग ब्रिडिंग सेंटर, बर्ड ब्रिडिंग सेंटर पंजीयन करना अनिवार्य है. इनके द्वारा नियमों का पालन हो रहा है अथवा नहीं इसे लेकर नियमित जांच करने का निर्णय लिया जाए.

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