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वसीम रिजवी के खिलाफ हो कडी कानूनी कार्रवाई

  •  मुस्लिम एकता मंच ने उठायी मांग

  •  जिलाधीश के मार्फत सुप्रीम कोर्ट को भेजा निवेदन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.15 – हाल ही में वसीम रिजवी नामक व्यक्ति द्वारा मुस्लिमों के पवित्र ग्रंथ कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है. जिससे देश सहित दुनिया के तमाम मुस्लिमों की भावनाएं आहत हुई है. क्योेंकि कुरान में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं हो सकता है. यह बात वसीम रिजवी नामक व्यक्ति भी जानता है. लेकिन उसने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए यह याचिका दाखिल की है. अत: वसीम रिजवी पर कम से कम 15 करोड रूपयों का दंड लगाते हुए उसके खिलाफ कडी से कडी कानूनी कार्रवाई की जाये, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति किसी के धर्मग्रंथ को लेकर इस तरह की असंवैधानिक याचिका दाखल न कर सके. इस आशय की मांग का निवेदन मुस्लिम एकता मंच की शहर इकाई द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम जिलाधीश शैलेश नवाल को सौंपा गया.
इस निवेदन में कहा गया कि, भारतीय संविधान में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. जिसके तहत कोर्ट द्वारा किसी धार्मिक ग्रंथ पर कोई न्यायिक निर्णय दिया जा सके. ऐसे में न्याय पालिका के कार्यक्षेत्र से बाहर रहनेवाले मसले को लेकर याचिका दायर करनेवाले वसीम रिजवी को अदालत द्वारा कडा सबक सिखाया जाना बेहद जरूरी है.
निवेदन सौंपते समय मुस्लिम एकता मंच के एड. शोएब खान, हाफीज नाजीम, मौलवी मुश्फीक, मौलवी मुश्ताक, मौलवी रेहान, नजीर खान बीके, एड. शब्बीर हुसैन, इमरान खान जय रोड लाईन्स, एड. सैजेब खान, एड. मुतुर्जा आजाद, एड. जिया खान, एड. जावेद आलम, हमीद शद्दा, सादीक शाह, रशीद खान, सादीक आयडीया, अली भाई, मेहंदी अली आदि उपस्थित थे.

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