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‘उस’ बच्चे की मां व मामा से हुई कडी पूछताछ

पुलिस अपहरण व हत्या मामले में जोड रही सुरागों की कडी

  • किसी भी वक्त हो सकती है हत्यारे की गिरफ्तारी

  • मामले को लेकर समूचे शहर में उमडी है क्षोभ की लहर

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१- विगत रविवार को स्थानीय न्यू प्रभात कालोनी में रहनेवाले एएसआई दिलीप चौहान के घर से उनकी बेटी नम्रता परमार के डेढ माह आयुवाले बेटे धैर्य परमार अचानक लापता हो गया था. जिसके बाद सोमवार की सुबह धैर्य परमार का शव घर के ही आंगन से बरामद हुआ था. इस मामले की वजह से समूचे शहर में जबर्दस्त क्षोभ की लहर देखी जा रही है और पुलिस लगातार जांच करते हुए बच्चे के अपहर्ता व हत्यारे की तलाश कर रही है. इसी कडी में गत रोज धैर्य परमार के अंतिम संस्कार पश्चात उसकी मां नम्रता परमार तथा मामा प्रणव चौहान को पुलिस थाने लाकर उनसे कडी पूछताछ की गई और बाद में देर रात उन्हें उनके घर रवाना कर दिया गया.
बता दें कि, स्थानीय प्रभात कालोनी निवासी दिलीप चौहान ग्रामीण पुलिस दल में एएसआई के रूप में तैनात थे और उनकी सोमवार 30 नवंबर को ही सेवानिवृत्ति हुई है. इससे एक दिन पहले 29 नवंबर की दोपहर वे अपनी पत्नी जयश्री चौहान के साथ किसी विवाह समारोह में गये हुए थे. इस समय घर पर उनका बेटा प्रणव चौहान और उनकी विवाहित बेटी नम्रता परमार व उसके डेढ माह के बेटे धैर्य ही थे. करीब डेढ बजे के आसपास नम्रता अपने बेटे धैर्य को दूध पिलाकर वॉश रूम में गयी. इस समय धैर्य अपने पलंग पर था और प्रणव चौहान किसी दूसरे बेडरूम में बैठकर टीवी देख रहा था. जब नम्रता वॉश रूम से बाहर आयी तो उसे धैर्य अपने पलंग पर दिखाई नहीं दिया. जिसकी वजह से उसे लगा कि, शायद प्रणव उसे अपने कमरे में ले गया होगा और वह धैर्य को देखने प्रणव के कमरे में पहुंची, लेकिन प्रणव अपने साथ धैर्य को नहीं ले गया था. यह बात पता चलते ही दोनों भाई-बहन ने पूरे घर में धैर्य की तलाश की. साथ ही अपने माता-पिता को इस बारे में इतिल्ला दी. पश्चात सूचना मिलने पर पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर धैर्य की तलाश शुरू की, लेकिन बच्चे का कहीं पता नहीं चल पाया. वहीं दूसरे दिन सुबह धैर्य का शव घर के आंगन में स्थित कुएं में देखा गया. जिसे पुलिस ने पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि, धैर्य को जिंदा ही कुएं के पानी में फेंक दिया गया था और फेफडों में पानी घुस जाने की वजह से उसकी कुएं में डूबकर मौत हो गयी.
इस पूरे मामले में सबसे उल्लेखनीय तथ्य यह है कि, घटना के समय घर में केवल दो ही लोग थे और बाहर का कोई व्यक्ति सीधे बेडरूम तक घुसकर महज तीन-चार मिनट के भीतर इस वारदात को कैसे अंजाम दे सकता है. यह अपने आप में एक बेहद अबूझ पहेली है. इस बात पर अपना ध्यान केंद्रीत करते हुए राजापेठ पुलिस ने संदेह के आधार पर बच्चे की मां नम्रता परमार और उसके मामा प्रणव चव्हाण को पूछताछ हेतु पुलिस थाने लाया और उनसे पूरी घटना के बारे में विस्तृत बातचीत की गई. जिसके बाद दोनों को देर रात घर वापिस भेज दिया गया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस इस मामले में आरोपी की लगभग शिनाख्त कर चुकी है और उसके गिरेबान पर हाथ डालने से पहले कुछ महत्वपूर्ण सुरागों की कडी को आपस में जोडा जा रहा है. इन कडियों के जुडते ही पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. बता दें कि, इस पूरे मामले में खुद पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह और पुलिस उपायुक्त शशिकांत सातव के मार्गदर्शन में बडी बारीकी से जांच की जा रही है. विगत दो दिनों से राजापेठ के थानेदार पीआई किशोर सूर्यवंशी अवकाश पर थे तथा मंगलवार को अवकाश से आते ही वे तुरंत अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने चौहान परिवार के निवासस्थल सहित आसपास के परिसर का बारीकी से मुआयना किया.

  • समूचे शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म

सोमवार की सुबह चौहान परिवार के घर में स्थित कुएं से ही डेढ माह के मासूम बच्चे धैर्य की लाश बरामद होने के बाद समूचे शहर में इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है और सभी की जुबान पर एक ही सवाल है कि, आखिर उस मासूम की किसी से ऐसी भी क्या दुश्मनी थी कि, उसे जिंदा ही कुएं के गहरे पानी में मरने के लिए फेंक दिया गया. साथ ही इस जघन्य वारदात को अंजाम दिये जाने के पीछे क्या वजह हो सकती है, इसे लेकर भी कई तरह की चर्चाएं चल रही है. साथ ही आरोपी को जल्द से जल्द पकडकर उसे कडी से कडी सजा दिये जाने की मांग भी जोर पकड रही है. ऐसे में पुलिस पर लगातार आरोपी को गिरफ्तार करने का दबाव बढता जा रहा है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि, आखिर पुलिस इस मामले में कब तक अपनी जांच पूरी कर पाती है, और आरोपी कब तक हिरासत में आ पाता है.

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