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जिले में फिर लॉकडाउन का कडा विरोध

  •  राजनीतिक, व्यापारिक व अन्य क्षेत्रों से विरोध के स्वर

  •  कितना नुकसान सहन करेंगे, अमरावती को लॉकडाउन से अलग रखे

  •  महानगर चेंबर ने सौपा जिलाधीश नवाल को ज्ञापन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.5 –  फरवरी माह के दौरान अमरावती जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति अनियंत्रित होते ही जिला प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर निर्णय लेकर अमरावती शहर सहित जिले के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाया गया था. जिसमें स्थानीय व्यापारियों द्वारा पूरा सहयोग दिया गया था. पश्चात कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रित होते ही लॉकडाउन में आंशिक ढील दी गई. लेकिन अब हालात पूरी तरह नियंत्रण में रहने के बावजूद राज्य सरकार की ओर से जारी लॉकडाउन संबंधी आदेश को अमरावती जिले में भी लागू किया जा रहा है. जिसका समर्थन नहीं किया जा सकता. अत: राज्य सरकार द्वारा लागू किये गये लॉकडाउन से अमरावती जिले को अलग रखा जाये. इस आशय की मांग महानगर चेंबर ऑफ कॉमर्स एन्ड मर्चंटस् के अध्यक्ष सुरेश जैन द्वारा जिलाधीश शैलेश नवाल को सौंपे गये ज्ञापन में की गई है.
इस संदर्भ में सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि, विगत एक वर्ष से व्यापारियों द्वारा प्रशासन को पूरा सहयोग किया गया है. साथ ही व्यापारी संगठनों द्वारा कोरोना जांच व कोविड टीकाकरण शिबिर आयोजीत करते हुए कोविड संक्रमण में प्रशासन के साथ सहयोग किया जा रहा है, लेकिन सरकार एवं प्रशासन द्वारा व्यापारियों की समस्याओं व दिक्कतों की ओर बिल्कूल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा और हर बार लॉकडाउन के नाम पर व्यापार-व्यवसाय को बंद करने का फर्मान जारी कर दिया जाता है. जबकि लॉकडाउन लागू करने की बजाय कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों को बेहद कडाई के साथ लागू किया जाना ज्यादा बेहतर रहेगा. इसके साथ ही चूंकि अमरावती में हाल-फिलहाल ही लॉकडाउन लगाये जाने के बाद हालात काफी हद तक नियंत्रण में आ चुके है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा लागू किये गये लॉकडाउन के दायरे से अमरावती शहर एवं जिले को बाहर रखा जाना चाहिए और जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर निर्णय लेने चाहिए.

 

Bhutada-Amravati-Mandal

  • गेहूं के साथ घुन भी पीस रही सरकार

बिझीलैण्ड व्यापारी सामाजिक संगठन के अध्यक्ष विजय भूतडा ने कहा कि, सरकार द्वारा लॉकडाउन को लेकर जो निर्णय लिया गया है, वह पूरी तरह से अन्यायकारक है. जिन जिलों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अधिक है, वहां लॉकडाउन लगाया जाये, तो कोई हरकत नहीं है. इससे पहले फरवरी व मार्च माह के दौरान अमरावती जिले में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ गयी थी, तब केवल अमरावती में लॉकडाउन लगाया गया था तथा अन्य शहरों में लॉकडाउन नहीं था, लेकिन अब अमरावती में कोरोना को लेकर हालात पूरी तरह से नियंत्रण में है. ऐसे में अन्य शहरों के साथ अमरावती जिले में भी लॉकडाउन लगाना एक तरह से गलत फैसला है. ऐसे में सीएम उध्दव ठाकरे ने लॉकडाउन संबंधी फैसले का पुर्नर्विचार करना चाहिए. क्योंकि 30 अप्रैल तक चलनेवाले इस लॉकडाउन की वजह से राज्य में व्यापार-व्यवसाय की कमर टूट जायेगी और लाखों लोग बेरोजगार भी हो जायेंगे. ऐसे में अब लॉकडाउन की बजाय कोई दूसरा पर्याय खोजा जाना चाहिए.

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