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दो दिनों की शिथिलता के बाद फिर कडे निर्बंध, लेकिन रास्तों पर भीड कायम

पुलिस कार्रवाई के बावजूद दुकानों में ‘अंदर’ से बिक्री शुरू

अमरावती/प्रतिनिधि दि.14 –  अक्षय तृतीया व रमजान ईद जैसे प्रमुख त्यौहारों की पार्श्वभुमि पर जीवनावश्यक वस्तुओं की खरीददारी हेतु मंगलवार व बुधवार को संचारबंदी के नियमों को कुछ हद तक शिथिल किया गया था. जिसके चलते बाजारपेठोें में अच्छीखासी भीडभाड देखी गयी. पश्चात गुरूवार को एक बार फिर कडे निर्बंध लागू किये गये. इसके बावजूद भी भीडभाड कम नहीं हुई और पुलिस सहित मनपा पथक द्वारा कार्रवाई शुरू करने के बावजूद कई दुकानदार अपनी दुकानोें के भीतर से सामानों की बिक्री कर रहे थे. वहीं शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर फलों का बाजार पहले की तरह सजा हुआ था. जहां विशेषकर आम की खरीदी हेतु अच्छीखासी भीडभाड देखी जा रही थी. ऐसे माहौल में पुलिस एवं मनपा पथक द्वारा शहर के प्रमुख चौक-चौराहोें पर कार्रवाई हेतु पूरा ध्यान दिया जा रहा था. साथ ही भीडभाड नहीं रहनेवाले स्थानों की ओर अनदेखी की जा रही थी.
बता दें कि, कोविड संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित करने हेतु आगामी 15 मई तक बेहद कडे प्रतिबंध जारी किये गये है. वहीं इस बीच शुक्रवार 14 मई को मुस्लिम समाज बंधुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार रमजान ईद, हिंदू मान्यता के मुताबिक साढे तीन मुहूर्त में से एक रहनेवाला अक्षय तृतीया का त्यौहार पड गया. साथ ही इसी बीच छत्रपति संभाजी महाराज तथा महात्मा बसवेश्वर की जयंती भी पड गयी. ऐसे में एक ही दिन कई प्रमुख पर्व व त्यौहार पड जाने से पुलिस महकमा बेहद सतर्क व सावधान रहा. साथ ही गुरूवार को शहर के कई प्रमुख मार्गों पर रूटमार्च भी निकाला गया. इस रूटमार्च में शामिल पुलिस महकमे के नये वाहनों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया.

  •  रात 8 से 11 बजे तक थी दूध खरीदी हेतु शिथिलता

महानगर पालिका द्वारा गुरूवार की शाम दूध खरीदी के लिए संचारबंदी में छूट देने की घोषणा की गई. जिसके तहत रात 8 से 11 बजे के दौरान दूध खरीदी करने की अनुमती देते हुए कहा गया कि, यह छूट केवल पैकेटबंद दूध खरीदी के लिए है और खुले दूध की खरीदी को अनुमति नहीं दी गई है. ऐसे में शहर में कहीं पर भी दूध का टैंकर नहीं देखा गया. हकीकत में इस छूट के संदर्भ में एक दिन पहले सूचना मिलना अपेक्षित था, किंतु अचानक छूट घोषित किये जाने के चलते दूध मिलने हेतु काफी गहमागहमी व गडबडीवाला माहौल उत्पन्न हो गया. बता दें कि, रमजान ईद पर शिरखुरमा विशेष रूप से बनाया जाता है. जिसके लिए रात से ही तैयारी की जाती है और दूध उत्पादकों व दूध विक्रेताओं द्वारा इस हेतु विशेष व्यवस्था की जाती है. किंतु संचारबंदी की वजह से जारी प्रतिबंधों के चलते इसकी पूर्व तैयारी नहीं हो पायी.

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