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अमरावती व नागपुर संभाग में विकास को लेकर संघर्ष

पूर्व की तुलना में पश्चिम विदर्भ का सिंचाई अनुशेष ज्यादा

  • विभागीय उपसमिति स्थापन करने की मांग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.17 – विदर्भ के विकास के मुद्दे पर अमरावती व नागपुर संभाग में संघर्ष निर्माण हुआ है. पश्चिम विदर्भ की तुलना में पूर्व विदर्भ का ज्यादा विकास हुआ, इस तरह का दावा किया जा रहा हेै. इस संघर्ष का यही मुद्दा कारण है. इस संघर्ष के कारण ही 2011 से विभागीय स्तर की उपसमिति नहीं बन पायी, इस तरह का दावा किया जा रहा है. जिससे इस मंडल का कार्यकाल बढाने की मांग के साथ ही विदर्भ में अब विभागीय उपसमिति स्थापन करने की मांग भी जोर पकडने लगी है.
महाराष्ट्र का समतोल प्रादेशिक विकास निश्चित करने के लिए स्थापन किये गए विदर्भ, मराठवाडा और शेष महाराष्ट्र यह तीनों विकास मंडल 15 महिने से अस्तित्व हीन हुए है. 30 अप्रैल 2020 को तीनों विकास मंडलों का कार्यकाल खत्म हुआ. मंडल का कार्यकाल बढाने अभी तक मंजूरी नहीं मिल पायी. इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार अब राष्ट्रपति ने हस्तक्षेप किया तो भी इस मंडल का पुनरुज्जीवन हो पायेगा. राजनीतिक दलों के साथ ही विदर्भवादी भी अब मंडल स्थापन करने के समर्थन में आगे आये है. इसके साथ ही विदर्भ विकास मंडल के अंतर्गत अमरावती व नागपुर संभाग के लिए उपसमिति स्थापन करने की मांग भी जोर पकडने लगी है. इस मांग का समर्थन करने वाले इस तरह का दावा कर रहे है कि 6 सितंबर 2011 को तत्कालीन राज्य सरकार ने एक अध्यादेश जारी करते हुए केवल शेष विकास मंडल के लिए विभागीय स्तर की उपसमिति स्थापन की. विदर्भ में भी उपसमिति के स्थापना की मांग होती थी. किंतु राज्य सरकार ने कोई पुढाकार नहीं लिया. 2014 में आयी हुई भाजपा सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. विदर्भ में ही ‘नागपुर विरुध्द अमरावती’ इस तरह का संघर्ष न बढे इस कारण सरकार ने समिति स्थापन नहीं की. इस तरह का आरोप भी किया जा रहा है.

  • क्या है कारण

  •  नागपुर विभाग में सिंचाई का आर्थिक अनुशेष खत्म किंतु अमरावती विभाग में 1 लाख 79 हजार 477 हेक्टेअर का अनुशेष शेष हेै. अमरावती, बुलढाणा, अकोला, वाशिम जिले में समस्या कायम है.
  • दोनों विभाग की जनसंख्या में कोई खास फर्क नहीं. फिर भी नागपुर विभाग में बिजली की मांग अमरावती विभाग से चार गुना ज्यादा है. अमरावती विभाग में औद्योगिकीकरण कम रहने की बात इससे दिखाई देती है.
  •  नागपुर विभाग की तुलना में अमरावती विभाग की एमआईडीसी में कम उद्योग है. जिससे यहां बेरोजगारी भी ज्यादा है.
  •  नागपुर विभाग में तीन विशेष आर्थिक जोन मंजूर हुए थे. किंतु अमरावती विभाग में एक भी नहीं.
  • नागपुर विभाग में दो आईटी पार्क विकसीत हुए, अमरावती में एक भी नहीं.
  • 2001 से 2021 तक रस्ते विकास योजना का नागपुर में 82 प्रतिशत या लक्ष्य प्राप्त हुआ. अमरावती विभाग में 68 प्रतिशत ही प्राप्त हुआ है.
  •  नागपुर विभाग में आईआईएम, एम्स, ट्रीपल आईटी, लॉ यूनिवर्सिटी जैसे शैक्षणिक संस्थाएं आयी है. अमरावती विभाग में केवल शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज व कृषि विद्यापीठ है.

 

  • विदर्भ पर बडा अन्याय

नागपुर विदर्भ का हृदय है. जिससे उसके विकास का आनंद ही है. किंतु अमरावती विभाग में उस तुलना में विकास नहीं हो पाया. सरकार को पश्चिम विदर्भ की ओर ध्यान देकर विभागीय स्तर पर समतोल विकास करना चाहिए.
डॉ.संजय खडक्कार,
पूर्व तज्ञ सदस्य, विदर्भ विकास मंडल

  • पूरे विदर्भ पर हुआ अन्याय

पश्चित विदर्भ की तुलना में समूचे विदर्भ पर भी अन्याय हुआ है. अब पूर्व और पश्चिम विदर्भ की तुलना की तो विदर्भ में एकता नहीं है, इस तरह का संदेश जाएगा. पश्चिम महाराष्ट्र के नेता उसका लाभ उठाएंगे.
कपिल चंद्रायन,
पूर्व तज्ञ सदस्य, विदर्भ विकास मंडल

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