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गणमान्यों की नजर में ऐसा है बजट

बजट को लेकर सबकी अपनी-अपनी राय

अमरावती/प्रतिनिधि दि.1 – सोमवार 1 फरवरी को देश की संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने देश का आम बजट प्रस्तुत किया. जिसमें विभिन्न तरह की घोषणाएं करने के साथ ही अलग-अलग तरह के प्रावधान भी किये गये. इस बजट को लेकर विभिन्न क्षेत्रोें के गणमान्यों सहित राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों से चर्चा कर हमने जानना चाहा कि, वे इस बजट को लेकर क्या सोचते है और उनकी नजर में यह बजट कैसा है.

बजट नहीं बल्कि चुनावी घोषणापत्र

राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने इस बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, यह बजट नहीं बल्कि एक तरह से भाजपा का चुनावी घोषणापत्र है. जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है, उन राज्यों के लिए बडे-बडे पैकेज दिये गये है. वहीं सर्वाधिक रोजगार व टैक्स देनेवाले मुंंबई शहर व महाराष्ट्र के लिए इस बजट में कोई घोषणा नहीं की गई है.

 

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कोविड के अंधेरे से प्रगति के प्रकाश की ओर ले जानेवाला बजट

इस बजट को कोविड के अंधकार से प्रगति के प्रकाश की ओर ले जानेवाला और आत्मनिर्भर भारत बनानेवाला बजट कहा जा सकता है. जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं में कई क्रांतिकारी और बुनियादी बदलाव लानेवाले निर्णय लेते हुए स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहलीबार डेढ सौ गुना अधिक निधी का प्रावधान किया गया है. साथ ही ग्रामीण इलाकों में 74 हजार नये स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने की घोषणा की गई है. जिससे ग्रामीण इलाकोें के लोगों को इलाज के लिए शहरोें की ओर नहीं भागना पडेगा. साथ ही रेलवे व भूतल परिवहन के लिए भी कई बडे प्रकल्पोें की घोषणा की गई है. जिससे बडे पैमाने पर रोजगार उपलब्ध होगे. इसी तरह किसानोें के लिए जिस तरह अलग से एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड बनाने और निधी का प्रावधान करने की घोषणा की गई है. उससे खेती-किसानी को गति मिलेगी. साथ ही 100 नये सैनिक स्कुल खोले जाने से युवाओं व किशोरोें को देश के स्वाभिमान के तहत जोडा जा सकेगा. कुल मिलाकर यह बजट अपने आप में काफी बेहतरीन है.
– प्रा. दिनेश सूर्यवंशी
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा

 

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बजट ने किया निराश

इस बजट में देश के किसानोें और आम नागरिकोें के लिए राहतवाली कोई बात नहीं रही. और बजट ने पूरी तरह से निराश ही किया है. उम्मीद की जा रही थी कि, किसान आंदोलन के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा किसानों को लेकर कुछ राहतवाली घोषणाएं की जायेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. ऐसे में इस बजट को निराशाजनक तथा किसानों व गरीबोें का विरोधी कहा जा सकता है. साथ ही यह पूरी तरह से पूंजीपतियों की सरकार का बजट है. जिसमें सरकार ने आमजनों का कोई खयाल नहीं रखा है.
– सुनील वर्‍हाडे
जिलाध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

 

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देश को महासत्ता बनानेवाला बजट

इस बजट से देश की आर्थिक स्थिति पुरी तरह से मजबूत होगी और यह बजट देश को वैश्विक महासत्ता बनाने की ओर ले जायेगा. साथ ही इस बजट की वजह से समाज के हर वर्ग के बीच संतुलन साधा जा सकेगा. प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सितारामन ने एक बेहद प्रभावी बजट पेश किया है. जिसमें आत्मनिर्भर भारत के तत्व पर महिलाओें, वरिष्ठ नागरिकोें, किसानों, युवाओं जैसे प्रत्येक घटक का ध्यान रखा गया है.
– चेतन गावंडे
महापौर, मनपा

 

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 बजट बेहतरीन, लेकिन महंगाई बढेगी

इस बजट को कई मायनों में बेहतरीन कहा जा सकता है. लेकिन पेट्रोल व डीजल पर कर में बढोत्तरी किये जाने से निश्चित तौर पर महंगाई बढेगी. इसी तरह मोबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्टस व विदेशी कपडोें को भी महंगा किया गया है. वहीं दूसरी ओर इस बजट में अच्छी बात यह है कि, सस्ते घरों पर करों में एक साल तक छूट बढायी गयी है और टैक्स ऑडिट की सीमा को पांच करोड से बढाकर दस करोड किया गया है. साथ ही अब छह वर्ष की बजाय तीन वर्ष पुराने आयकर मामलोें का ही असेस्मेंट होगा. सबसे अच्छी बात यह रही कि, किसान कर्ज राशि के लिए 16.5 लाख करोड तक का प्रावधान किया गया है और कृषि उपज पर एमएसपी को डेढ गुना बढाया गया है. ऐसे में बजट को शानदार कहा जा सकता है.
– सुरेश जैन
अध्यक्ष, महानगर चेंबर

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टैक्स स्लैब में कोई भी बदलाव नहीं

टैक्स भरनेवाले करदाताओं को इस बार भी बजट में कुछ खास नहीं मिला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से टैक्स स्लैब में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है. ऐसे में मिडल क्लास को बजट से पहले जितनी भी उम्मीदें थी, वो वैसी की वैसी ही रह गई हैं.
-गोविंद सोमाणी
अध्यक्ष, होलसेल ग्रेन एन्ड शुगर मर्चंट एसो.

 

जनसामान्य के स्वास्थ्य की फिक्र करनेवाला बजट

इस बजट मेें स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2.24 लाख करोड रूपयों का आवंटन किया गया है. साथ ही देशवासियोें हेतु कोविड वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड रूपये का प्रावधान किया गया है. ऐसा करते हुए केंद्र सरकारने देशवासियों के स्वास्थ्य हेतु अपनी फिक्र व सजगता दिखाई है. साथ ही 75 वर्ष से अधिक आयुवाले सुपर सिनियर सिटीझन को टैक्स के दायरे से मुक्त कर दिया है. ऐसे में इस बजट को स्वागतयोग्य कहा जाना चाहिए.
– चंद्रकांत खानझोडे
मजदूर नेता

 

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दूरगामी सोचवाला बजट

इस बजट में केंद्र सरकार ने अपनी दूरदृष्टि का परिचय दिया है. साथ ही इस बजट में जिस तरह से समाज के सभी वर्गों के लिए संतुलन बनाते हुए प्रावधान किये गये है, उससे आनेवाले वक्त में व्यापार-व्यवसाय व उद्योगोें को निश्चित तौर पर गति मिलेगी. जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. इस बजट में यद्यपि आयकर की स्लैब को लेकर कोई विशेष बदलाव नहीं किये गये है. लेकिन जिस तरह से टैक्स ऑडिट की सीमा को आगे बढाया गया है और पुराने मामलों के असेस्मेंट की अवधि को घटाया गया है. उससे व्यापारी वर्ग को काफी राहत मिलेगी. साथ ही केंद्र सरकार ने हेल्थ सेक्टर को लेकर जो गंभीरता व सजगता दिखाई है, वह निश्चित तौर पर प्रशंसनिय है.
– पूरण हबलानी
संचालक, आराधना ग्रुप

 

 प्रगतिशिल और व्यापक आर्थिक दस्तावेज है बजट

केंद्रीय बजट पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, यह बजट प्रगतिशिल व व्यापक आर्थिक दस्तावेज है. जो अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र की संरचित विकास को सुनिश्चित करने के साथ ही अपने प्रावधानों से देशभर के व्यापारियों को व्यापार करने की और अधिक सुविधा देगा. साथ ही देश के वरिष्ठ नागरिकों को कर के बोझ से राहत देना तथा स्वास्थ्य सेवाओें के मजबुत विकास को सुनिश्चित करना इस बजट की मुख्य विशेषत: है. इस बार के बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है. जिससे यह बजट और भी प्रभावी बन गया है. उपरोक्त प्रतिक्रिया देने के साथ ही कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतीया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि, इस बजट में भारत के खुदरा व्यापार के लिए कोई समर्थन नीति घोषित नहीं की गई. जबकि खुदरा व्यापार में सालाना 80 लाख करोड से अधिक का कारोबार होता है, और इस सेक्टर के जरिये देश में लगभग 40 करोड लोगों को रोजगार प्राप्त होता है. ऐसे में वित्त मंत्री द्वारा बजट में खुदरा व्यापार क्षेत्र की ओर भी ध्यान दिया जाना अपेक्षित था.

 

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उज्वल भारत की तस्वीर है यह बजट

कोरोना काल के बाद अपेक्षा व्यक्त की जा रही थी कि, सरकार द्वारा सर्वसामान्य लोगों पर करों का बोझ डाला जायेगा. क्योंकि कोरोना काल के दौरान सरकारी तिजोरी लगभग खाली हो गयी और सरकार पर खर्च का बोझ काफी अधिक बढ गया था. किंतु अपेक्षा से विपरित सरकार ने किसी पर भी करों का बोझ नहीं बढाया. बल्कि महिलाओं युवाओं व किसानों सहीत असंघटित कामगारों के जीवन में आमूलाग्र बदलाव लानेवाला बजट पेश किया है.
इस बजट में जहां एक ओर सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर ध्यान दिया है, वहीं बुनियादी सुविधाओें के साथ-साथ देश की शिक्षा व्यवस्था को भी चुस्त-दुरूस्त करने का काम किया है. जिसके लिए केंद्र सरकार तथा केेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण अभिनंदन का पात्र है.
– संध्या टिकले
पूर्व उपमहापौर व पार्षद

 

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