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सत्ता संघर्ष पर सुको का फैसला

मई के प्रथम सप्ताह में

* सीएम शिंदे को भी मिली है नोटिस
दिल्ली/दि.20- महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष पर सर्वोच्च न्यायालय अपना सुरक्षित फैसला मई माह के प्रथम सप्ताह में सुना सकता है, ऐसी संंभावना जताई जा रही है. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना से विधायकों का एक बडा समूह अलग हुआ. यह संविधान के 10वें परिच्छेद अनुसार पक्षानंतर माना जाता है या विधानसभा उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव रहने पर भी वे विधायकों को अयोग्य करार दे सकते है क्या, इसका निर्णय आने की संभावना है.
राकांपा की सुप्रिया सुले ने अगले कुछ दिनों में दो राजनीतिक धमाके होने की भविष्यवाणी की है. जिससे माना जा रहा है कि मविआ का संकट दूर हो रहा है. शिंदे गट के 16 विधायकों को कोर्ट ने अपात्र ठहराया तो प्रदेश की वर्तमान सरकार को बडा धक्का पहुंचेगा. अयोग्यता की नोटिस में शिंदे का भी समावेश है. भाजपा को भरोसा है कि शिंदे गट के 16 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने पर भी सरकार को खतरा नहीं है. नाना प्रकार की संभावना की चर्चा यहां हो रही है. शिंदे के अपात्र रहने पर नई सरकार की रुपरेखा क्या होगी इस बारे में चर्चा छिडी है. अन्य दलों के कुछ विधायकों का समर्थन लेने भाजपा तैयार होने की भी अटकल है. आंकडों पर गौर करें तो सरकार को 162 विधायकों का समर्थन है. जिसमें भाजपा के 105, शिंदे गट के 40, छोटे दलों के 5 और 12 निर्दलीय है. भाजपा का मानना है कि, विधायक अयोग्य ठहराए जाने पर सदन की बहुमत की संख्या भी कम होगी, उतने विधायक सरकार के फेवर में है.

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