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अयोग्यता मामले में सुप्रीम कोर्ट नहीं कर सकता हस्तक्षेप

अपात्रता के मामले को लेकर बोले विस अध्यक्ष नार्वेकर

मुंबई/दि.12 – भारतीय संविधान ने विधि मंडल के न्याय पालिका के अधिकार व कार्यक्षेत्र तय कर दिए है. जिसके चलते जब तक किसी विधानसभा अध्यक्ष द्बारा कोई मनमानी या संविधान बाह्य कृति नहीं की जाती, तब तक इस विषय में सर्वोच्च न्यायालय द्बारा हस्तक्षेप भी नहीं किया जा सकता. इस आशय की प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि, फिलहाल विधायकों को अपात्रता के संदर्भ में नोटीस भेजी है. जिस पर उन्हें अपना पक्ष रखने हेतु पर्याप्त समय भी दिया गया है और प्रत्येक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्णय देने के लिए समय लगेगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्बारा विधि मंडल को तय कालावधि के भीतर इस मामले का निपटारा करने हेतु कहा जाएगा. ऐसी कोई संभावना फिलहाल दिखाई नहीं दे रही है.
बता दें कि, विधायकों की अपात्रता का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष पर सौंपा है. जिसके बाद अध्यक्ष नार्वेकर ने शिंदे गुट वाली शिवसेना के 40 व ठाकरे गुट के 14 विधायकों को अपना पक्ष रखने हेतु 7 दिनों का समय देते हुए नोटीस जारी की है. सुप्रीम कोर्ट द्बारा दिए गए निर्णय के पश्चात अगले तीन माह के भीतर अध्यक्ष द्बारा अपात्रता के संदर्भ में निर्णय लेना आवश्यक है. वहीं ठाकरे गुट के मुख्य प्रतोद सुनील प्रभू ने जल्द निर्णय लिए जाने हेतु सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है. इसे लेकर पूछे गए सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने उपरोक्त प्रतिक्रिया दी.

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