महेंद्री जंगल में नर तेंदुए की संदेहास्पद मौत
वरूड के निकट शेकदरी-गव्हाणकुंड बीट की घटना
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पशु वैद्यकीय टीम ने किया मुआयना
अमरावती प्रतिनिधि/दि.23 – जिले की वरूड तहसील अंतर्गत स्थित महेंद्री जंगल के शेकदरी-गव्हाणकुंड बीट में करीब चार से पांच वर्ष की आयुवाला नर तेंदुआ मृतावस्था में पाया गया. मंगलवार की दोपहर 2 बजे के आसपास इस मामले की जानकारी सामने आयी. हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि, इस तेंदुए की मौत प्राकृतिक रूप से हुई है या फिर इस पर विष प्रयोग किया गया है. यह बात इस मृत तेंदुए की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद स्पष्ट हो पायेगी.
जानकारी के मुताबिक वरूड के निकट शेकदरी-गव्हाणकुंड जंगल बीट में एक तेंदुआ मृतावस्था में पडा होने की जानकारी मिलते ही उपवन संरक्षक चंद्रशेखरन बाला ने सहायक वन संरक्षक लीना आदे को तुरंत मौके पर पहुंचने हेतु कहा. जिसके बाद वनविभाग का दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा और पशु वैद्यकीय अधिकारियों ने मौके का पंचनामा किया. इस समय इस तेंदुए के शरीर पर कई जख्म भी पाये गये. जिससे यह अंदाज लगाया गया कि, संभवत: यह तेंदुआ उंचे पेड से नीचे गिरकर घायल हुआ और संभवत: इसी वजह से उसकी मौत हुई. लेकिन इसके बावजूद इस तेंदुए की मौत की निश्चित वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगी. इस तेंदुए का शव बरामद करने के बाद पंचनामा करने का काम पूरा होने तक शाम हो चुकी थी. ऐसे में वनविभाग ने इस तेंदुए का पोस्टमार्टम मंगलवार की रात में करने की बजाय बुधवार को दिन के उजाले में करने का निर्णय लिया, और बुधवार की शाम तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मिलने का अंदेशा व्यक्त किया गया है.
शेकदरी-गव्हाणकुंड जंगल बीट में एक नर तेंदुआ मृत पाये जाने के बाद सहायक वन संरक्षक लीना आदे को घटनास्थल का पंचनामा व पोस्टमार्टम करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी. इस तेंदुए की मौत कैसे हुई, इसकी रिपोर्ट मिलना अभी बाकी है.
– चंद्रशेखरन बाला
उप वन संरक्षक, अमरावती वनविभाग
प्रथमदर्शनी तेंदुए के शरीर पर तीन जख्म पाये गये है. जिससे अंदाज लगाया जा सकता है कि, यह केवल प्राकृतिक मौत नहीं है, बल्कि उस तेंदुए को बडे सुनियोजीत ढंग से मारा गया है. जिसके तहत विष प्रयोग करने के बाद उस पर धारदार कुल्हाडी से वार किये गये. इस तेंदुए के पिछले पैरों और कमर पर भी गहरे जख्म है. जिसकी वजह से इस मामले को लेकर संदेह पैदा हो रहा है.
– सावन देशमुख
मानद वन्यजीव रक्षक, अमरावती