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आज आवतन लो, कल भोजन करने आओ

  • पोला पर्व की पूर्व संध्या पर हुई बैलों की कंधा सिंकाई

  • कल किसानों के घरों पर धूमधाम से मनेगा बैल पोला

  • इस बार पोला पर्व पर भी कोरोना की छाया

प्रतिनिधि/दि.१७ अमरावती – कल मंगलवार को किसानों का सबसे पसंदीदा पर्व रहनेवाले पोले का त्यौहार मनाया जायेगा. प्रति वर्ष पोले के पर्व पर बडी धूमधाम से गांव-गांव में पोले का मेला सजता है और बैलों की शोभायात्रा व जुलुस का भी आयोजन होता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी किसानों द्वारा अपने-अपने घरों में ही बैलों का पूजन कर पोले का पर्व मनाया जायेगा. बता दें कि, पोला पर्व से एक दिन पहले सभी किसानों द्वारा सुख-दुख के अपने सच्चे साथी बैलों को पोला पर्व पर अपने घर में भोजन हेतु पधारने का ससम्मान आमंत्रण यानी आवतन दिया जाता है. साथ ही पूरे सालभर खेती-किसानी के कामोें का अपने कंधों पर बोझ ढोनेवाले बैलों के कंधों की घी और हल्दी से सिंकाई भी की जाती है. इसी परंपरा के अनुरूप सोमवार १७ अगस्त को सभी किसानों ने अपने ‘सर्जा-राजा‘ को कांधा सिंकाई करते हुए आवतन दिया और मंगलवार १८ अगस्त को अपने निवास पर भोजन हेतु आमंत्रित किया. वहीं अब मंगलवार १८ अगस्त को किसानों द्वारा अपने बैलों को नहलाने-धुलाने के साथ ही उनका आकर्षक साजश्रृंगार किया जायेगा और पोला पर्व के उपलक्ष्य में उनका पूजन करते हुए उन्हें घी व पूरणपोली का भोजन कराया जायेगा. बता दें कि प्रति वर्ष पोलेवाले दिन शाम के समय गांव-गांव में पोले का पर्व सामूहिक व सार्वजनिक स्तर पर मनाया जाता है और गांव के सभी किसान अपनी-अपनी बैल जोडियों को लेकर गांव के मैदान में जमा होते है. जहां पर पूजन विधि होने के बाद पोला छूटता है और सभी किसान अपने बैलों के साथ गांव के हनुमान मंदिर की प्रदक्षिणा करने के बाद नगरभ्रमण करते हुए अपने-अपने घर लौटते है. जहां पर बैलों का पूजन करते हुए उन्हें भोजन परोसा जाता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण का खतरा जारी रहने के चलते पोला पर्व पर कोई सार्वजनिक आयोजन नहीं होगा और सभी किसान अपने-अपने घरों में ही अपने बैलोें का पूजन करते हुए पोले का पर्व मनायेंगे.

 

 

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