वंचित से आघाडी करने से पहले दिल्ली के नेताओं से अनुमति लें
डॉ. धैयवर्धन पुंडकर की पटोले को सलाह
अकोला/दि.१४ – कांग्रेस व वंचित बहुजन आघाडी इन दो पार्टियों में आघाडी को लेकर अनेक चर्चाएं मीडिया में सुर्खियां बटोर रही है. कांग्रेस के नेता आघाडी को लेकर बयानबाजी कर रहे है. लेकिन आघाडी के लिए कांग्रेस के नेताओं द्वारा रखे गए प्रस्ताव को केंद्रीय नेतृत्व मान्यता देता नहीं है, यह इतिहास रहा है. इसीलिए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने सबसे पहले दिल्ली के नेताओं की अनुमति लेनी चाहिए. इसके बाद वंचित के साथ आघाडी को लेकर चर्चा करने की सलाह वंचित बहुजन आघाडी के उपाध्यक्ष डॉ. धैर्यवर्धन पुंडकर ने दी है. वे सोमवार को पत्र परिषद में बोल रहे थे.
यहां बता दें कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने अकोला दौरे के समय वंचित बहुजन आघाडी के साथ चुनाव से पूर्व आघाडी करने को लेकर चर्चा के लिए तैयार होने का बयान दिया था. इसी पार्श्वभूमि पर डॉ. पुंडकर ने पत्रकारों को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि प्रकाश आंबेडकर को साथ में लेकर चुनाव लढाने को लेकर कांग्रेस नेताओं से इससे पूर्व भी अनेक प्रयास किए. लेकिन उनको केंद्र से प्रतिसाद नहीं मिला. तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण व पृथ्वीराज चव्हाण इन दो नेताओं ने वंचित के साथ आघाडी का प्रस्ताव रखा था. हम सकारात्मक ही थे. लेकिन राज्य के कांग्रेस नेताओं के प्रस्ताव को केंद्रीय नेताओं ने कभी मान्यता नहीं दी. अब भी यदि पटोले आघाडी को लेकर बाते कर रहे है तो उन्होंने पिछले इतिहास के पन्नों को पलटना नहीं चाहिए. इसीलिए उन्होंने सबसे पहले दिल्ली के नेताओं की अनुमति लेनी चाहिए. पटोले आघाडी को लेकर सही मायनों में सकारात्मक होंगे तो उन्होंने पूर्व अनुमति लेकर प्रस्ताव एड. आंबेकर को देना चाहिए. इस समय वंचित बहुजन आघाडी के जिलाध्यक्ष प्रमोद देंडवे, प्रदीप वानखडे, जिला परिषद के गटनेता ज्ञानेश्वर सुलताने, राजेंद्र पातोंडे, अरूंधती सिरसाट, शोभा शेलके आदि मौजूद थे.