झरनों, पर्यटन स्थलों व भीडभाड वाले स्थानों पर प्रतिबंधित उपाय करें
संभागीय आयुक्त डॉ. निधि पाण्डेय ने जारी किये निर्देश
अमरावती/दि.4 – हाल ही में लोणावला स्थित भुशी बांध के झरने में पानी का प्रवाह तेज रहने के चलते एक ही परिवार के 5 सदस्य बह गये थे. वहीं दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस में c के दौरान मची भगदड में करीब सवा सौ लोगों की मौत हुई. इन दोनों घटनाओं को देखते हुए संभागीय राजस्व आयुक्त डॉ. निधि पाण्डेय ने संभाग के सभी जिला व पुलिस प्रशासन को अपने-अपने जिलों मं आवश्यक सतर्कता बरतने तथा झरने, पर्यटन स्थल सहित मंदिर, मस्जिद एवं विभिन्न प्रार्थना स्थल जैसे भीडभाड वाले स्थानों पर पुलिस व बचाव पथकों का बंदोबस्त रखते हुए प्रतिबंधित उपाय करने के निर्देश जारी किये.
संभागीय आयुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में संभागीय आयुक्त डॉ. निधि पाण्डेय ने भुशी बांध व हाथरस की घटना को देखते हुए संभाग के पांचों जिलाधिकारियों से उनके जिलों में भीडभाड वाले स्थानों पर जिला प्रशासन द्वारा की गई उपाय योजनाओं की समीक्षा की. इस समय विशेष पुलिस महानिरीक्षक रामनाथ पोकले, सामान्य प्रशासन विभाग के उपायुक्त संजय पवार एवं पुनर्वसन विभाग के उपायुक्त गजेंद्र बावणे भी बैठक में उपस्थित थे. इस बैठक में संभागीय आयुक्त डॉ. निधि पाण्डेय ने बताया कि, पुणे जिले के लोणावला में भुशी बांध के पीछे स्थित झरने के तेज प्रवाह में एक ही परिवार के 4 बच्चे व एक महिला ऐसे कुल 5 लोग बह गये. इसी तरह उत्तर प्रदेश के हाथरस में आयोजित सत्संग में हुई भगदड के चलते 100 से अधिक लोगों की मौत हुई. इस तरह की कोई घटना अमरावती संभागी में कहीं पर भी घटित न हो, इस हेतु जिला प्रशासनों द्वारा पर्यटन स्थलों सहित भीडभाड वालों स्थानों पर पुलिस का बंदोबस्त रखा जाना चाहिए. साथ ही ऐसे स्थानों पर बचाव पथकों को भी सभी साहित्य के साथ तैनात रखा जाना चाहिए. इसके अलावा झरने, नदी व तालाब जैसे पर्यटन स्थलों एवं भीडभाड से भरे रहने वाले प्रार्थना स्थलों पर दर्शनीय स्थान पर नागरिकों के लिए मार्गदर्शक व सुरक्षा संबंधित निर्देश वाले फलक लगाये जाने चाहिए, ताकि अमरावती संभाग में इस तरह की कोई भी जीवित अथवा वित्तहानि न हो, इसके साथ ही संभागीय आयुक्त डॉ. निधि पाण्डेय ने बारिश के मौसम दौरान होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के समय किये जाने वाले उपायों को लेकर नियमित तौर पर समीक्षा करने का निर्देश भी दिया.