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निष्क्रीय भाजपा के बडबोले मुंह संभालकर बात करें

  •  शिवसेना जिला प्रमुख सुनील खराटे ने दी चेतावनी

  •  सीएम ठाकरे को लेकर आरोप करनेवालों को चेताया

अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – किसी अच्छे व्यक्ति को बदनाम कैसे किया जाये, यह भाजपा से सीखा जा सकता है. साथ ही पूरी तरह से झूठ, बकवास और बेशर्मी के साथ किसी बात को कैसे रखा जाये, यह अमरावती शहर में रहनेवाले एक बडबोले प्रवक्ता से सीखा जा सकता है. पत्रकारिता के क्षेत्र से निकलकर राजनीतिक क्षेत्र में आनेवाले कई लोगों को हमने भी देखा है. किंतु अच्छा काम करनेवाले किसी सज्जन व्यक्ति के लिए बेहद निम्नस्तर की भाषा का प्रयोग करनेवाला ऐसा व्यक्ति पहली बार देखने में आया है. साथ ही इस बडबोले व्यक्ति ने पत्रकारिता का सहारा लेते हुए जिस तरह की राजनीति करनी शुरू की है, उससे पत्रकारिता भी बदनाम हो रही है. ऐसे में इस बडबोले प्रवक्ता को चाहिए कि, वह मुंह संभालकर बात करे. इस आशय की चेतावनी शिवसेना के जिला प्रमुख सुनील खराटे द्वारा दी गई है.
शिवसेना के जिला प्रमुख सुनील खराटे के मुताबिक खुद को अमरावती शहर का स्वनामधान में नेता माननेवाले तथा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी ने मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के लिए बेहद अश्लील व निम्नस्तर की भाषा का प्रयोग करते हुए उन पर कई तरह के आरोप लगाये है, जबकि शिवराय कुलकर्णी की इतनी हैसियत नहीं है कि, वे सीएम ठाकरे को लेकर कुछ भी कहे. ऐसे बडबोले लोगों को शिवसेना स्टाईल से उत्तर देना काफी बेहतर साबित हो सकता है. किंतु शिवसेना प्रमुख बालासाहब के संस्कार एवं उध्दव ठाकरे की सीख ध्यान में रहने के चलते ऐसे बडबोले लोगों को लिखित उत्तर देना ही ठीक है, ऐसा भी खराटे ने कहा है. साथ ही इस बात को लेकर भी आश्चर्य व्यक्त किया है कि, संघ के संस्कार रहनेवाला कोई व्यक्ति इतने निम्नस्तर की भाषा का इस्तेमाल करता है. इसका मतलब यह है कि, या तो संघ के संस्कार गलत है, या फिर संघ में यह व्यक्ति गलत है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में सुनील खराटे ने कहा कि, समूचे देश में कोविड संक्रमण की लहर आने और बढने के लिए जिम्मेदार और हमेशा ही गौमूत्र पीकर व गोबर खाकर कोरोना ठीक होने से संबंधित बेसिरपैर के बयान जारी करनेवाले भाजपा के अर्धशिक्षित नेताओं का गुणगान करना ऐसे बडबोलों का पुराना धंधा है. एक लाख रूपये के कार्यक्रम हेतु नौ लाख रूपये का ‘फेस्टिवल’ बिल डालनेवाले भाजपा प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी द्वारा जब महाभारत और ध्रृतराष्ट्र की बातेें करते है. अच्छेखासे परिवार का सत्यानाश करनेवाला शकुनी मामा भी याद आता है. अच्छे काम को खराब कैसे किया जाये, इस बात की चिंता में भाजपा नेता हमेशा ही डूबे रहते है. सुनील खराटे ने यह भी कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन खरीदने हेतु 35 हजार करोड रूपयों का प्रावधान किया, लेकिन इसके बावजूद भी राज्य सरकार को अपने पैसोें से वैक्सीन खरीदनी पड रही है, यानी यह प्रावधान केवल दिखावटी था और इससे लोगों को कोई फायदा नहीं होनेवाला था. राज्य सरकारों को मदद करने के मामले में भी केंद्र सरकार कई बार असफल साबित हुई है. किंतु इसके बावजूद भाजपा की मुंहजोरी कम नहीं हुई है. इसमें भी गांवस्तर के बडबोले नेता सबसे आगे है. राज्य में उध्दव ठाकरे जैसे सज्जन व्यक्ति मुख्यमंत्री रहने के बावजूद उन्हें बदनाम करने में भाजपा द्वारा कोई कोर-कसर नहीं छोडी जा रही है. खराटे के मुताबिक शिवसेना के दम पर ही भाजपा ने समूचे राज्य में अपनी जडे मजबूत की और इसके बावजूद शिवसेना के साथ दगाबाजी की. इसी वजह के चलते उध्दव ठाकरे ने भाजपा का साथ छोडकर कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया.
शिवसेना जिला प्रमुख सुनील खराटे के मुताबिक महाराष्ट्र में अचानक ही उगनेवाले और सीधे बडे पदों पर पहुंचनेवाले भाजपा नेता अपनी हैसियत और किसी तरह की कोई जानकारी नहीं रहने के बावजूद हमेशा कुछ न कुछ बेसिरपैर के बयान जारी करते रहते है. यहीं वजह है कि, महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को नकार दिया है. इसी वजह से अब भाजपा द्वारा राज्य को बदनाम किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर भाजपा अब समूचे देश में बैक फूट पर जा रही है. साथ ही जनहितवाले निर्णय लेने की बजाय पेट्रोल व डीजल की दरों में मनमानी वृध्दी करते हुए जनता को लूट रही है. वहीं अक्ल के तार ‘फ्यूज्ड’ रहनेवाले बडबोले प्रवक्ता अपनी पार्टी और पार्टी के नेताओं का गुणगान कर रहे है. वे अपने पार्टी के नेताओं का गुणगान करें, इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं, किंतु हमारी पार्टी के नेताओं के बारे में बात करते समय उन्होंने अपनी हैसियत और मर्यादा को ध्यान में रखना चाहिए. यह खुद उनके लिए ज्यादा अच्छा रहेगा. ऐसा भी सुनील खराटे द्वारा कहा गया.

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