अमरावतीमुख्य समाचार
आपसी कुटाई-पिटाई में तांत्रिक पहुंचे जेल
सापन मंदिर की धनवर्षा में किशोरी के अड़ंगा
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मंदिर के पुजारी व शिक्षक सहित दस नामजद , 7 गिरफ्तार 3 फरार
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परतवाड़ा पुलिस ने सज्ञान लेकर सभी को धरदबोचा
परतवाड़ा/अचलपुर/दि. २९ – आज के अत्याधुनिक , वैज्ञानिक युग में स्वयं से निराश बैठे कुछ धूर्त ‘ ज्ञानियों ‘ द्वारा आयोजित धनवर्षा की पूजा के दौरान फुसलाकर लाई गई किशोरी के एकदम से विरोध करने पर मामला बिगड़ गया और सभी ‘ कारीगर- कलाकारो को धन को छोड़ दनादन मैदान छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था.25 सितंबर की रात 8 से 10 बजे के बीच शुरू इस शर्मनाक अघोरी क्रियाकलाप को स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारो ने तत्काल वायरल कर दिया था.थानेदार सदानंद मानकर ने पूरे घटनाक्रम का सज्ञान ( सुमोटो ) लेते हुए अपनी टीम को ग्राउंड जीरो पर तैनात कर दिया, पुलिस के स्वयस्फूर्त प्रयासों के चलते मात्र 48 घँटे के भीतर सभी धनलोलुप प्राणियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
कल सोमवार की शाम करीब 6 बजे के आसपास तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और कथित अघोरी विद्या का प्रयोग कर गढ़ा धन निकलते अथवा धन वर्षा करने वाले 7 लोगो को स्थानीय थाने में जमा कर लिया गया था.इस दिमाग के बाहर के केस को सुलझाने के लिए परतवाड़ा पुलिस को सलाम किया जा सकता है.एक धन्यवाद लोकल मीडिया के उन सभी पत्रकारो को भी देना चाहिए जो शुक्रवार की रात सापन परिसर में पहुंचे थे.
प्राप्त जानकारी से अब यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि शुक्रवार की रात कुछ लोग एक गिरोह बनाकर सापन मंदिर यहां गढ़ा धन निकालने को पहुंचे थे. कथित धनवर्षा की तंत्र साधना को सफल बनाने के लिए एक नाबालिग किशोरी को निर्वस्त्र किया जाने लगा तब युवती द्वारा चिल्लापुकार करने पर पूरा तंत्र-मंत्र ही मटियामेट हो गया था.स्थानीय पुलिस ने पूरे जिले में फैले इन कलाकारो को खोज निकाला , तीन दिन में यह पुलिस की ईमानदाराना उपलब्धि रही. इस तांत्रिक गिरोह में अमरावती के एक विशिष्ट अघोरी सम्राट के साथ ही एक महिला का भी समावेश है.कुल सात को गिरफ्तार किया गया. घटनास्थल मंदिर परिसर में वाकई में क्या किया जा रहा था और इसी प्रकार का प्रयोग इससे पूर्व भी कही किया गया है क्या आदि सभी बातें अब पुलिस इंट्रोगेशन में सामने आएंगी. इस हरामखोरी से भरपूर कर्मकांड में चश्मदीद गवाह नाबालिग किशोरी ही है. इसे फुसलाकर अनरावती से लाया गया था.पुलिस टीम ने सबसे पहले इसी किशोरी की खोजबीन की.नाबालिग की माँ के बयान और शिकायत के आधार पर ही बाकी अघोरी टीम को दबोचने में सफलता मिल सकी है.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने सापन मंदिर के पुजारी प्रदीप उर्फ शिवनारायण पूरी, संतोष सोनवणे, प्रतीक उदापुरकर, नईम खान , रफीक खान कासम खान ( ठेकेदार ), शुभम मोडक, बबलू थोरात, संतोष सुखदेव कलाने ( शिक्षक ), संजय गायकवाड़, प्रियंका सोनोने इन सभी को जादू टोना व अघोरी विद्या प्रतिबंध अधीनियम की कलम 3 ,बाल लैंगिक अत्याचार प्रतिबंध अधीनियम (पास्को ), एट्रोसिटी एक्ट, भादवी 354 , 109, 120, 503 के तहत नामजद किया है. संजय गायकवाड़, बबलू थोरात और नईम यह तीनों फरार बताये जाते है.इन तीनो को भी जल्द ही दबोचने का दावा किया जा रहा है. मामला एट्रोसिटी और पास्को का होने की वजह से इस गंभीर केस की विस्तृत जांच स्वयं एसडीपीओ पोपटराव अब्दागिरे कर रहे है. इस मामले की जांच शुरू करते ही पहली ही रात में पुलिस ने पुजारी शिवनारायण और ठेकेदार रफीक को डिटेन कर लिया था. मंदिर के पास आरोपियो द्वारा छोड़ी एक बाइक भी बरामद की गई थी.बाइक के मालिक का पता लगाने पर स्थानीय व्यंकटेश विद्यालय के शिक्षक संतोष कलाने ( रासेगावँ निवासी )और घामोडिया प्लाट , परतवाड़ा निवासी शुभम मोडक को गिरफ्तार किया गया.
कोरोना काल मे खुला मंदिर
राज्य सरकार ने महामारी से निपटने तक सभी मंदिरों को बंद रखने के आदेश दे रखे है.बावजूद इसके सापन का मंदिर यह भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए नही अपितु धनलोलुप अघोरियों के लिए खुला रखा गया था.सापन का यह मंदिर जुड़वाशहर के असंख्य लोगो का श्रद्धास्थान माना जाता है.मंदिर के ट्रस्ट में परतवाड़ा के स्वनामधन्य लोगो का समावेश होने से इस धन वर्षा की तीव्र भर्त्सना हो रही है.एक पुजारी की लालच और हवस ने मंदिर को शर्मसार कर दिया है.
पुलिस का प्रशंसनीय कार्य
इस पूरे प्रकरण में पुलिस के पास कोई ठोस शिकायत नहीं थी.अत्यंद पेचीदा इस मसले में नाबालिग और उसकी माँ के जुड़ने से इस हरामखोरी कांड कीगुत्थी सुलझती गई.आरोपियो को गिरफ्तार करने में एसडीपीओ अब्दागिरे, थानेदार मानकर के नेतृत्व में एपीआई योगिता ठाकरे, पीएसआय कैलाश गत्ते, डीबी स्कॉड के प्रमोद फलके, रीना सदार, दीपक डाहे, सागर जाधव, शुभम नारकर, श्रीकांत वाट आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
पुजारी है मुख्य सूत्रधार
जमीन में गढा धन निकालते, धन वर्षा करते इन सभी कलाकारों , कारीगरों, तांत्रिक-मंत्रिको को एक जगह जमा करने का काम शिवनारायण पूरी ने किया था.कोरोना काल मे बगैर भक्तों के खाली पड़े देवघर का ‘सदुपयोग ‘ करने बाद में ऐसा मौका नहीं मिलना था.अमरावती , विलासनगर के संतोष सोनवणे , संतोष की निकटवर्ती महिला प्रियंका , प्रतीक उदापुरकर और रफीक खान की मदत से धनवर्षा करने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए एक ‘ पायल ‘ युवती की खोज की गई थी.कथित ‘ पूजा ‘ में जरूरी युवती के लिए उसकी माँ को पेमेंट देना तय हुआ था. महाराज द्वारा युवती के हाथों में खून से सना रुमाल देकर उसे निर्वस्त्र करने के प्रयत्न शुरू किए गए.इस पर नाबालिग ने विरोध कर चिल्लाना शुरू कर दिया. युवती माँ के मामला समझ मे आते ही वो भी लड़ने तैयार हो गई.सभी तांत्रिकों और माँ-बेटी के बीच जोर-जोर से शाब्दिक लड़ाई के साथ ही मारापीटी भी होने लगी.इस अघोरी कर्मकांड के संघर्ष में तब्दील होंने की खबर सावली ग्रामवासियो को लगी.वहा झगड़ा छुड़ाने के काम लोगो ने किया, एक जागृक नागरिक ने फोन कर पुलिस को सूचना दी.
बाइक से शिकंजे में आया शिक्षक
इस मारापीटी और वादविवाद के बीच पुलिस आता देख जो जो भाग सकते थे वो तुरन्त ही नो दो ग्यारह हो गए.इसमें शिक्षक सन्तोष कलाने भी था. खुद जलकर औरों को प्रकाश देने के लिए शिक्षक को जाना जाता है, लेकिन यहां पर शिक्षक खुद धन निकालने अवतरित होकर फिर फरार हो गए.बाइक को मंदिर पर ही छोड़ वो दौड़ लिए थे.इसी बाइक के कारण वो दबोच भी लिए गए.
धर्मनिरपेक्ष तांत्रिकों का निष्पक्ष अघोरी पूजन
पूरे देश मे हिंदू-मुसलमानों का विवाद चलता रहता है.राजनेता जातीयवाद का बीजारोपण कर अपनी रोटियां सेकते रहते.लेकिन सापन में जो तंत्र-मंत्र, जादू-टोना हो रहा था , वो शुद्ध धर्मनिरपेक्ष लोगो का था.सापन का पुजारी हिंदू, दो तांत्रिक मुस्लिम, शिक्षक किसी अन्य पिछड़ा वर्ग से इस प्रकार समाज के सभी तबकों के जानकार ‘ चंद्रास्वामी ‘ सापन पर अपने करतब दिखाने को पहुंचे थे.अब सभी हवालात में है..और इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि वो सापन पर फेल हुए अपने अघोरी कांड को थाने में पूरा कर वही पर धनवर्षा करवा लें.संभावनाओं से इंकार नही किया जा सकता. फिलहाल पुलिस अपनी ओन बाजीराव स्टाइल में जांच कर रही है.