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मुझे गांजा तस्करी के झूठे मामले में फंसाने तनवीर आलम ने रचा था षडयंत्र

पत्रवार्ता में फे्रंड्स वेलफेयर सोसा. के अध्यक्ष मो. अयूब ने दी जानकारी

* तनवीर आलम पर लगाया शिक्षा संस्था को हडपने हेतु षडयंत्र बनाने का आरोप
अमरावती /दि.16- फ्रेंड्स वेलफेअर सोसायटी नामक शिक्षा संस्था में घुसकर अध्यक्ष बनते हुए पूरी शिक्षा संस्था को हडप लेने की मंशा रखने वाले तनवीर आलम और उसके साथ ही जब अपने मंसुबों में तमाम प्रयासों के बावजूद सफल नहीं हुए, तो उन्होंने शिक्षा संस्था को बदनाम करने और संस्था के अध्यक्ष को फर्जी अपराधिक मामले में फंसाने का षडयंत्र रचा. जिसके तहत संस्थाध्यक्ष मो. अयूब के नाम पर फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग करते हुए एक कार खरीदी गई और फिर उस कार में गांजा रखकर उसकी सूचना दी गई, ताकि यह दर्शाया जा सके कि, संस्थाध्यक्ष की कार में गांजे की तस्करी का काम चल रहा है. लेकिन पुलिस जांच में इस पूरे मामले का सच सामने आ गया. जिसमें पता चला है कि, यह पूरी कारगुजारी साबनपुरा में रहने वाले तनवीर आलम सै. नियाज अली नामक व्यक्ति की थी. जिसके बाद पुलिस द्वारा तनवीर आलम की तलाश की जा रही थी, जो पुलिस की पकड में आने से बचने हेतु फरार चल रहा है. इस आशय की जानकारी फे्रंड्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष मो. अयूब द्वारा यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में दी गई.
इस पत्रवार्ता में फे्रंड्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष मो. अयूब ने आरोप लगाया कि, विगत लंबे समय से तनवीर आलम नामक शख्स फे्रंड्स वेलफेयर सोसायटी की कार्यकारिणी में घुसने का प्रयास कर रहा है और वह अपने पिता सै. नियाज अली को इस संस्था का अध्यक्ष बनाने हेतु आये दिन नई-नई तरकीबे भिडाकर संस्था के संचालकों पर झूठे आरोप लगाया करता है. जिसके चलते संस्था द्वारा विगत 3 जनवरी को ही गाडगे नगर पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी. इसके अलावा तनवीर आलम की इससे पहले मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ मेंं तमाम झूठी याचिकाएं भी खारिज हो चुकी है. ऐसे में कही से कोई रास्ता नहीं निकलता देख तनवीर आलम ने कुछ दिन पहले एक बेहद शातीर चाल चली. जिसके बाद उसने संस्थाध्यक्ष मो. अयूब के आधार कार्ड व नाम का इस्तेमाल करते हुए उनके फर्जी हस्ताक्षर के जरिए मारोती कार क्रमांक एमएच-27/एच-5490 खरीदी और चांदूर रेल्वे पुलिस थाना क्षेत्र में उस कार में 5 किलो गांजा रखकर उसे लावारिश छोड दिया. साथ ही उसकी शिकायत चांदूर रेल्वे पुलिस को भी दी. जिसे लेकर चांदूर रेल्वे पुलिस ने मो. अयूब से संपर्क किया था. लेकिन जब मो. अयूब ने अपने नाम पर ऐसी कोई भी कार नहीं रहने की बात कही, तो चांदूर रेल्वे पुलिस ने मामले की सघन जांच की, तो पता चला कि, उक्त कार की खरीदी तनवीर आलम ने ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की थी और फिर तनवीर आलम ने ही उस कार में गांजा रखकर उसे चांदूर रेल्वे थाना क्षेत्र में लावारिस छोड दिया था.

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