* वाइपीएस शाला का प्रकरण
यवतमाल/दि.2- प्रदेश में चर्चित यवतमाल पब्लिक स्कूल में दो छात्राओं के कथित अत्याचार का प्रकरण की न्यायालय में हकीकत सामने आ गई. दो अध्यापकों पर दो छात्राओं ने अत्याचार का आरोप किया था. राजनेताओं ने यह मामला खूब उछाला. किन्तु शनिवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.डब्ल्यु. चव्हाण ने आरोपी अमोल क्षीरसागर तथा यश बोरुंदिया को बरी कर दिया.
उनके विरुद्ध 29 जून 2016 को इसी शाला में बतौर अध्यापिका कार्यरत महिला ने शिकायत दी थी. 2 जुलाई 2016 को पीड़िता की चाची ने अवधूतवाड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिस पर पुलिस ने भादवि धारा 354, 354 अ, 323, 376 (2) और पोक्सो की धारा 6, 10 और बाल संरक्षण कानून की धारा 75 के तहत अपराध दर्ज किया. दोनों आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया गया.
यह प्रकरण पहले न्यायाधीश एमएम मोइनुद्दीन, न्या. जीजी भंसाली और बाद में न्या. चव्हाण के सामने आया. सुनवाई दौरान 14 गवाह पेश किए गए.
* बचाव पक्ष के वकील को धमकियां
बचाव पक्ष के वकील एड. राजेश साबले ने कहा कि अत्याचार की शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपियों का वकील पत्र न लेने देने का दबाव बनाया गया. गुंडों की टोली ने घर आकर धमकाया. महिलाओं ने घर पर चूड़ी मोर्चा लाया. पुलिस ने मुझे घर से बाहर निकलते समय कार का उपयोग करने के निर्देश दिये. ऐसे ही सैकड़ों मैसेज, फोन कॉल्स भी आए कि यह केस न लें. लगातार कोई न कोई पीछा करता था. अपने पेशे और न्याय देवता पर विश्वास रख आरोपियों का वकील पत्र दाखिल किया. उनका पक्ष कोर्ट में रखा. न्यायालय ने योग्य फैसला दिया है. 31 वर्षों की प्रैक्टिस ने यह अविस्मरणीय मुकदमा बन गया. उसमें निरपराध अध्यापकों को न्याय दिलाने का संतोष है.
– एड. राजेश साबले