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बडनेरा में धडल्ले से होती है नकली शराब की बिक्री

आबकारी व पुलिस महकमे की अक्षम्य अनदेखी

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२६ – गत वर्ष अमरावती शहर के रामपुरी कैम्प में नकली शराब बनाने का अड्डा पकडा गया था, लेकिन यह नकली शराब अड्डा चलानेवाले आरोपियों को पुलिस पकड नहीं पायी थी और उन्होंने फरारी में रहने के दौरान अदालत से जमानत हासिल कर ली थी. लेकिन इसके बावजूद पुलिस उनकी हरकतों व हलचलों पर सही ढंग से नजर रखने में नाकाम रही. यहीं वजह रही कि, उन्हीं आरोपियों द्वारा अमरावती जिले की चिखलदरा तहसील अंतर्गत महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश की सीमा पर बडी आसानी के साथ नकली शराब का एक और बडा कारखाना तैयार किया गया, और वहां पर विभिन्न विदेशी ब्राण्डवाली नकली शराब का निर्माण और पैकिंग की जाने लगी. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर महज 20 रूपये की लागत में घातक केमिकलों व नशिली दवाईयों के जरिये बनायी जानेवाली इस नकली शराब की खपत कहां होनी थी, इस संदर्भ में की गई पडताल में पता चला है कि, शहर सहित जिले में बने ढाबों पर तो चोरी-छिपे चलनेवाली शराब बिक्री की आड में इस नकली शराब को बडे आराम से खपाया जाता था. साथ ही अमरावती का उपनगर कहे जाते बडनेरा शहर के भी कई होटलों में यहीं नकली शराब बेची जाती थी. ऐसे में बडनेरा सहित हाईवे पर स्थित ढाबोें और होटलोें पर जाकर शराब पीने के शौकीन लोगोें का स्वास्थ्य इस नकली शराब की वजह से फिलहाल खतरे में कहा जा सकता है.
बता दें कि, लॉकडाउन काल के दौरान गाडगेनगर थाना क्षेत्र में नाकाबंदी के समय पुलिस ने संदेह के आधार पर एक कार को रूकवाया था. जिसमें विक्की नावानी नामक युवक के पास से बडे पैमाने पर नकली शराब मिली थी. पश्चात की गई पडताल में पता चला था कि, विक्की नावानी नामक यह युवक चंदन नागवानी व प्रकाश रावलानी सहित एक अन्य के साथ मिलकर रामपुरी कैम्प परिसर में नकली शराब बनाने का काम करता है. इस जानकारी के सामने आते ही खुद पुलिस भी सकते में पड गयी थी कि, उनकी नाक के नीचे अमरावती शहर में नकली शराब बनाने का अड्डा चल रहा है और उन्हें कभी इसकी हवा भी नहीं लगी. इसके बाद पुलिस ने इस नकली शराब बनानेवाले मास्टर माइंड अपराधियोें की तलाश शुरू की, लेकिन चंदन नागवानी व प्रकाश रावलानी कभी भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ पाये. बल्कि फरार रहने के दौरान भी उन्होंने गिरफ्तारी पूर्व अग्रीम जमानत हासिल कर ली. हालांकि इसके बावजूद आबकारी विभाग एवं पुलिस द्वारा इन शातीर अपराधियों की हर एक हरकत पर नजर रखा जाना बेहद जरूरी था, लेकिन दोनों ही महकमे ऐसा करने में पूरी तरह नाकाम रहे. यहीं वजह है कि, पुलिस की नजरोें से बचते हुए इन्हीं दोनों आरोपियों ने चिखलदरा के पास नकली शराब बनाने का अपना नया अड्डा शुरू कर दिया, लेकिन इस बार ग्रामीण पुलिस को इसकी भनक लग गयी और ग्रामीण अपराध शाखा ने छापा मारकर अपराधियों का खेल बिगाड दिया, क्योेंकि इन शातीर अपराधियों ने चिखलदरा में पहले की अपेक्षा काफी बडा कारखाना स्थापित किया था, जहां पर मध्यप्रदेश से नकली शराब लाने के साथ ही पहले की तरह घातक केमिकलों व नशिली दवाईयों के जरिये नकली शराब बनाने का काम किया जा रहा था. यहां से पुलिस ने बडे पैमाने पर नकली शराब की खेप बरामद की है. जिसे बाकायदा अलग-अलग विदेशी ब्राण्डवाली बोतलों में असली दिखाई देनेवाले लेबल व ढक्कन लगाकर पैक किया गया था. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, इतने बडे पैमाने पर बनायी जानेवाली नकली शराब को आखिर किस तरह से खपाकर ग्राहकों तक पहुंचाया जाता था.
याद दिला दें कि, पिछली बार की कार्रवाई के समय पकड में आये विक्की नावानी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया था कि, रामपुरी कैम्प में बनायी जानेवाली नकली शराब शहर के आसपास हाईवे पर स्थित ढाबों के साथ ही कई वाईनशॉप व बीयरबार एवं परमीट रूम के जरिये भी बेची जाती है. किंतु आबकारी विभाग एवं पुलिस महकमे द्वारा अब तक ऐसे कितने परमीट रूम, बीयर बार व वाईन शॉप के खिलाफ जांच अथवा कार्रवाई की गई, इसकी कोई जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है, जबकि आरोपी द्वारा दिये गये बयान के आधार पर पुलिस सहित आबकारी विभाग द्वारा तुरंत ऐसी आस्थापनाओें के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए थी. इस संदर्भ में की गई पडताल में पता चला है कि, आरोपियों द्वारा अपने निजी संपर्कों का लाभ उठाते हुए बडनेरा परिसर में स्थित कई बीयरबारों व वाईन शॉप्स् में नकली शराब की आपूर्ति की जाती थी और इन प्रतिष्ठानों के संचालकोें द्वारा असली शराब के साथ-साथ बडी चालाकी के साथ नकली शराब बेची जाती थी. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आबकारी विभाग द्वारा ऐसे सभी आस्थापनाओं के सेल रिकॉर्ड की जांच की जानी चाहिए. साथ ही उनके यहां बिक्री हेतु उपलब्ध स्टॉक का बैच नंबर भी खंगाला जाना चाहिए, ताकि असली व नकली शराब की बिक्री करनेवाले लोगोें के नेटवर्क का पता लगाया जा सके.

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