रेल्वे मॉल के तकनीकी टेंडर खुले
चार कंपनियां हुई क्वॉलीफाईड, एक कंपनी का टेंडर खारिज
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क्वॉलीफाईड होनेवाली कंपनियों में हरमन फिनोकैम्प लिमिटेड, पूजा कन्स्ट्रक्शन्स, डव
गारमेंटस् प्रा.लि. तथा नरेंद्र भाराणी का समावेश -
टेक्नीकल बीड के बाद अब फाईनान्शियल बीड की प्रक्रिया होगी शुरू
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जल्द ही ठेका देने को लेकर होगा निर्णय
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मॉडल रेल्वे स्टेशन के पास रेल्वे की खाली पडी सवा लाख स्क्वेअर फीट जमीन पर बनना है
व्यावसायिक संकुल
अमरावती/प्रतिनिधि दि.7 – शहर के मॉडल रेल्वे स्टेशन के पास खाली पडी करीब 1 लाख 25 हजार चौरस फीट जमीन पर व्यवसायिक संकुल बनाये जाने का निर्णय रेल्वे भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा लिया गया है. जिसके लिए विगत दिनों निविदा प्रक्रिया शुरू करते हुए रेल विभाग द्वारा भूविकासकोें व भवन निर्माताओं से प्रस्ताव आमंत्रित किये गये. जिसमें कुल 5 कंपनियों द्वारा हिस्सा लिया गया. पश्चात शुक्रवार 6 अगस्त को रेल्वे भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा इन पांच कंपनियों से प्राप्त प्रस्तावों के दस्तावेज जांचे गये और चार कंपनियों को अगली प्रक्रिया के लिए पात्र माना गया. जिनमें हरमन फिनोकैम्प लिमिटेड, पूजा कन्स्ट्रक्शन्स, डव गारमेंटस् प्रा.लि. तथा नरेंद्र भाराणी यानी नंदा समूह का समावेश है.
बता दें कि, मॉडल रेल्वे स्टेशन के पास खाली पडी जमीन को रेल विभाग द्वारा 45 वर्ष के लिए लीज पर दिया जाना है और यहां पर ठेका प्राप्त करनेवाली कंपनियों द्वारा भव्य व्यवसायिक संकुल बनाया जाना है. ऐसे में इस काम के ठेके को लेकर जबर्दस्त उत्सूकता देखी जा रही है. साथ ही अब इस काम के ठेके हेतु रेस में कुल 4 कंपनियां बची हुई है. अत: देखना दिलचस्प होगा कि, इस काम का ठेका किस कंपनी को मिलता है.
ज्ञात रहेे कि, स्थानीय अमरावती मॉडल रेल्वे स्टेशन के पास विगत लंबे समय से 1 लाख 10 हजार स्क्वेअर फीट की जमीन खाली पडी है. जिसे विगत दिनों रेल प्रशासन द्वारा व्यवसायिक उपयोग के लिए 45 वर्ष की लीज पर देने का फैसला लिया गया है. इसके लिए रेल्वे भुमि विकास प्राधिकरण द्वारा बाकायदा निविदाएं आमंत्रित की गई थी. जिसके पश्चात कल 6 अगस्त को अपरान्ह 3.30 बजे निविदा प्रक्रिया में शामिल भूविकासको व बिल्डरों द्वारा प्रस्तुत की गई निविदा को खोलकर सबसे पहले उनके द्वारा पेश किये गये दस्तावेजों की जांच-पडताल की गई और तकनीकी रूप से सभी शर्तों को पूर्ण करनेवाले निविदा धारकों को इस निविदा के लिए आगे बढने हेतु पात्र माना गया. जानकारी के मुताबिक अमरावती रेल्वे स्टेशन की खाली पडी जमीन पर मॉल बनाने के लिए कुल 5 इच्छुक रेस में थे. जिनके द्वारा रेल्वे भूमि विकास प्राधिकरण के समक्ष अपने प्रस्ताव पेश किये गये. जिनमें से एक इच्छुक का प्रस्ताव खारिज हो गया. वहीं चार इच्छूकों के प्रस्तावों को पात्र माना गया. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, इन चार में से किसे इस काम का जिम्मा मिलता है.
बता देें कि, मॉडल रेल्वे स्टेशन के पास खाली पडी रेल विभाग की 1 लाख 10 हजार स्क्वेअर फीट की जमीन हेतु 1.1 का एफएसआई मंजुर है और यहां पर करीब 1.25 लाख स्क्वे. फीट का निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित है. जिसके लिए रेल्वे भुमि विकास प्राधिकरण द्वारा 45 वर्ष की लीज हेतु 25 करोड रूपये का लीज प्रीमियम तय किया गया है. साथ ही निविदा धारक को प्रतिवर्ष जमीन के मूल्य का 5 प्रतिशत शुल्क बतौर किराया अदा करना होगा. विगत दिनों ही मॉडल रेल्वे स्टेशन के पास खाली पडी 1.10 लाख स्क्वे. फीट जमीन का मुआयना करते हुए रेल्वे भूमि विकास प्राधिकरण के दिल्ली से आये मिश्रा नामक वरिष्ठ अधिकारी ने शहर के कुछ बडे भूविकासकों व बिल्डर्स के साथ ही इस जमीन की लीज एवं निविदा प्रक्रिया को लेकर चर्चा की और यहां पर व्यवसायिक संकुल के निर्माण को लेकर आगामी संभावनाओं को टटोलने का प्रयास किया.
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10 वर्ष के भीतर करना होगा विकास व निर्माण संबंधी काम पूरा
मॉडल रेल्वे स्टेशन के पास खाली पडी जमीन के भूविकास तथा यहां पर व्यवसायिक संकुल के निर्माण हेतु रेल्वे भूमि प्राधिकरण द्वारा रियल ईस्टेट एवं भवन निर्माण के क्षेत्र में कम से कम दस वर्ष का अनुभव रहनेवाले व्यक्ति, पब्लिक अथवा प्राईवेट लिमिटेड कंपनी तथा पंजीकृत सहकारी संस्था से निविदा आमंत्रित की गई थी. जिसमें यह शर्त भी जोडी गई है कि, आवेदक का विगत तीन वर्षों के दौरान सकल आर्थिक व्यवहार न्यूनतम 10 करोड रूपयों का होना चाहिए. इसके अलावा इस निविदा के लिए 25 करोड रूपयों की रिजर्व प्राईस (न्यूनतम मूल्य) तय किया गया है और निविदा धारक को निविदा सुरक्षा के तौर पर 75 लाख रूपये जमा कराने होंगे. निविदा की शर्तों में साफ तौर पर कहा गया है कि, इस जमीन के विकास एवं यहां पर व्यवसायिक संकुल के निर्माण हेतु निविदा करार होने की तारीख से 10 वर्ष की समयावधि दी जायेगी और निविदा धारक के पास अगले 45 वर्षों के लिए ‘बिल्टअप एरिया’ के विकास, विपणन व लीज संबंधी अधिकार दिये जायेंगे. नियमों व शर्तों में साफ तौर पर कहा गया है कि, निविदा धारक द्वारा इस जमीन को ‘सब लीज’ पर नहीं दिया जा सकेगा, बल्कि इस भूमि पर किये जानेवाले निर्माण के हिस्सों को किराये व लीज पर देने का निविदा धारक को अधिकार होगा.
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शहर के मध्यस्थल में साकार होगा शानदार व्यवसायिक संकुल
इस निविदा प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद निविदा धारक द्वारा शहर के बीचोंबीच स्थित मॉडल रेल्वे स्टेशन के पास खाली पडी 1.10 लाख स्क्वेअर फीट जमीन पर भव्य एवं अत्याधुनिक व्यवसायिक संकुल का निर्माण किया जायेगा. जिसके जरिये शहर के बीचोंबीच व्यवसायिक गतिविधियों का एक केंद्र स्थापित होगा. जिसके जरिये निश्चित तौर पर शहर के आर्थिक विकास को गति मिलेगी. साथ ही विगत अनेक दशकों से खाली पडी और झाड-झंखाड से भरी जमीन पर आकर्षक इमारत बनने के साथ-साथ शहर की सुंदरता में भी चार चांद लगेंगे. ऐसे में सभी शहरवासियों की निगाहें अब मॉडल रेल्वे स्टेशन के पास खाली पडी जमीन पर बनने जा रहे व्यवसायिक संकुल के निर्माण और इससे जुडी निविदा प्रक्रिया पर लगी हुई है.
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16 रेल्वे स्टेशनों की जमीनें लीज पर देना तय
बता दें कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे रेल प्रशासन द्वारा अब अपनी जमीनों को लीज पर देकर राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है. जिसके तहत समूचे देश में 16 रेल्वे स्टेशनों के आसपास खाली पडी जमीनों को लीज पर देते हुए करीब 1904 करोड रूपयों का राजस्व जुटाने की बात तय की गई है. इसके तहत इन भूखंडों को आवासीय व व्यवसायिक उपयोग के लिए दिया जायेगा. जानकारी के मुताबिक रेल्वे के पास समूचे देश में करीब 43 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफलवाली जमीन खाली पडी है. जिसका व्यवसायिक व वाणिज्यिक उपयोग के लिए प्रयोग किया जा सकता है. ऐसे में अब रेल्वे स्टेशनों के आसपास खाली पडी जमीनों को निवेशकों व विकासकों के जरिये विकसित करने की पहल की जा रही है. इसके तहत रेल्वे भुमि विकास प्राधिकरण द्वारा इन भूखंडों को लीज पर विकासकों को दिया जायेगा. इसके लिए उपनियम के मुताबिक साईट को विकसित करना अनिवार्य रहेगा, जो विकास सहित निवेशक के लिए काफी फायदेमंद रहेगा और एक बार विकास संबंधी कार्य पूरा होने के बाद इससे आर्थिक विकास, रोजगार व संबंधित क्षेत्र के रियल ईस्टेट मार्केट को प्रोत्साहन मिलेगा. ऐसा रेल महकमे का मानना है. ज्ञात रहे कि, कोविड महामारी के कारण रेल महकमे को भी काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पडा है. आरएलडीए द्वारा भारतीय रेल्वे के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2 हजार करोड रूपये के राजस्व का लक्ष्य रखा गया है, जो विगत वर्ष की तुलना में 352 करोड रूपये से अधिक है.