अमरावती प्रतिनिधि/दि.१६ – जिले में कहीं पर भी बर्ड फ्ल्यू का संक्रमण न हो, इस बात के मद्देनजर जिलाधीश शैलेश नवाल ने आवश्यक प्रतिबंधात्मक उपाययोजना करने का निर्देश देते हुए जिले में तहसीलनिहाय समितियां गठित करने का आदेश जारी किया. ये समितियां उपविभागीय अधिकारियों की अध्यक्षता में काम करेेंगी. जिसके तहत समिती के कामकाज पर नियंत्रण रखना बर्ड फ्ल्यू के संक्रमण को रोकने और जरूरत पडने पर संक्रमित क्षेत्र को कंटेनमेंट झोन घोषित करने की जवाबदारी एसडीओ पर सौंपी गयी है.
इसके अलावा तहसीलदार इस समिती के सदस्य होंगे, जो पटवारियों, ग्रामसेवकों व पशुधन विकास अधिकारी के मार्फत ब्लिचिंग पाउडर व प्लास्टिक बैग आदि साहित्य की आपूर्ति करने के साथ ही मृत पाये जानेवाले पक्षियों का पंचनामा करेंगे. इसके अलावा तहसील स्वास्थ्य अधिकारी या पशुधन विकास अधिकारी इस समिती के सदस्य सचिव रहेंगे. जिनके जिम्मे दैनिक रिपोर्ट देने, रैपीड रिस्पॉन्स टीम के सदस्यों की स्वास्थ्य पथक द्वारा स्वास्थ्य जांच करवाने, जरूरत रहने पर पीपीई कीट उपलब्ध करवाने, दवाईयों का स्टॉक उपलब्ध करवाने, मृत पक्षियों की योग्य तरीके से निस्सारण करने हेतु साहित्य उपलब्ध कराने का काम रहेगा. इसके अलावा पुलिस निरीक्षकों को इस समिती में बतौर सदस्य शामिल किया जायेगा, और उन्हें प्रतिबंधित क्षेत्र में सुव्यवस्था कायम रखने हेतु पुलिस कर्मचारियों की नियुक्ती करने की जवाबदारी सौंपी गयी है. इसके अलावा जलसंपदा उपअभियंता तथा क्षेत्रीय वनाधिकारी को समिती में सदस्य के तौर पर शामिल करते हुए स्थलांतरित पक्षी एवं वन्य पक्षी आदि के जरिये बर्ड फ्ल्यू का प्रसार न हो, इस हेतु पशुसंवर्धन विभाग के साथ समन्वय रखते हुए उपाय योजना करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
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धारणी के मृत पक्षियों में नहीं मिले लक्षण
धारणी तहसील नागुठाणा गांव स्थित पोल्ट्री फार्म में मृत पाये गये पक्षियों में बर्ड फ्ल्यू के कोई लक्षण नहीं मिले है. हालांकि इन पक्षियोें के सैम्पल जांच हेतु प्रयोगशाला में भिजवाये गये है. इस आशय की जानकारी देते हुए जिला पशुसंवर्धन अधिकारी विजय रहाटे ने स्पष्ट किया कि, नागुठाणा में मृत पाये गये पांच पक्षियों का पोस्टमार्टम करने पर पाया गया कि, उन्हें श्वसन संस्था से संबंधित बीमारी थी और उनमें फिलहाल बर्ड फ्ल्यू को लेकर कोई लक्षण नहीं देखे गये है.