-
पांच हजार का जुर्माना
-
पॉस्को कानून में न्यायालय ने दी राहत
-
सुनवाई के दौरान फरियादी ही हुई थी ‘होस्टाईल’
अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – जिले के शिरखेड पुलिस स्टेशन अंतर्गत भिलापुर से मंगरूल की ओर जानेवाले रास्ते पर स्कुल से अपनी सहेलियों के साथ घर लौट रही एक छात्रा को जबरन समीप के खेत में ले जाकर उसके साथ बलात्कार करने के मामले में स्थानीय न्यायालय ने आज मोर्शी तहसील के भिलापुर निवासी 25 वर्षीय युवक को दफा 376 में दस वर्ष कैद व पांच हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनायी. वहीं उसे सुनाई गई सजा यह पोस्को एक्ट के प्रावधान के तहत ज्यादा रहने से न्यायालय ने उसे पोस्को से राहत दी. विशेष बात यह कि इस घटना के बाद शिकायतकर्ता नाबालिग लडकी और आरोपी ने विवाह किया था और उन्हें दो संतान भी है. यहां तक की न्यायालय में सुनवाई के दौरान शिकायकर्ता लडकी अपने पूर्व के बयान से मुकर गई थी.
जानकारी के अनुसार भिलापुर से मंगरुल की ओर जाने वाले रास्ते पर 15 मार्च 2017 को दोपहर के समय यह घटना घटीत हुई थी. शिकायतकर्ता लडकी दोपहर 2 बजे के दौरान अपनी सहेलियों के साथ घर जा रही थी. बीच रास्ते में उसकी चपल टूटने से वह खडी थी. उसी समय उसके साथ रहने वाली अन्य लडकियां आगे निकल गई. पीडित लडकी चपल लेने निचे झूकी. उसी समय प्रमोद (काल्पनिक नाम) और उसका मित्र केवल उर्फ सागर सुरेश कालमेघ यह दोनों पीछे से आये. प्रमोद लडकी को जबर्दस्ती पास के खेत में ले गया और वहां उसने लडकी पर लाठी से प्रहार करते हुए उसपर बलात्कार किया. पीडिता के पिता और भाई वहां पहुंचने के बाद आरोपी वहां से भाग निकला. लडकी की शिकायत पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ 376, 376 (ड), 324, 34 तथा पोस्को की धारा 4, 8, 10 के तहत अपराधा दर्ज किया था. पुलिस ने जांच के बाद मामला न्यायालय में न्यायप्रविष्ठ किया. घटना के बाद प्रमोद ने पीडित लडकी के साथ विवाह किया. इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय में आठ गवाहों का परिक्षण किया गया. विशेष बात यह कि मुख्य गवाह लडकी थी और न्यायालय में वहीं शिकायतकर्ता लडकी होस्टाइल हुई थी. प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश श्रीमती उर्मिला जोशी-फलके ने आरोपी को दफा 376 (2) (आय) के तहत 10 वर्ष सश्रम कैद व 5 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर एक वर्ष सश्रम कैद, दफा 324 में दो महिने सश्रम कैद व 5 हजार रुपए जुर्माना व जुर्माना न भरने पर एक महिना साधे कैद की सजा सुनाई है. वहीं पोस्को में मात्र उसे राहत दी गई. न्यायालय में सरकार की ओर से सहायक सरकारी अभियोक्ता एड.मिलिंद शरद जोशी ने दलीलें दी. मामले की जांच पीएसआई रविंद्र मसकर व एपीआई एस.जी.तायवाडे ने करने के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया.