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ठाकरे सरकार ने महिलाओं हेतु इन्साफ के दरवाजे बंद किये

भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश सचिव व पार्षद सुरेखा लुंगारे का आरोप

अमरावती/प्रतिनिधि दि.26 – इस समय तालिबानी अत्याचारों से स्पर्धा करनेवाले कई अत्याचार महाराष्ट्र में महिलाओं पर हो रहे है. किंतु राज्य की ठाकरे सरकार ऐसे अपराधियों को अनदेखा कर रही है. महिला अत्याचार रोकने हेतु बडे गाजे-बाजे के साथ तैयार किये गये शक्ति अधिनियम पर अमल भी सरकार के ढुलमूल नीतियों की वजह से रूका पडा है. इस समय छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में रोजाना ही बलात्कार, विनयभंग व लैंगीक अत्याचार की घटनाएं घटित हो रही है. किंतु दूसरी ओर राज्य महिला आयोग का अध्यक्षपद विगत अनेक दिनों से रिक्त पडा है यानी आघाडी सरकार ने महिलाओं के लिए इन्साफ मांगने का रास्ता ही बंद कर दिया है. इस आशय का आरोप भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश सचिव तथा मनपा पार्षद सुरेखा लुंगारे द्वारा लगाया गया है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में पार्षद सुरेखा लुंगारे ने कहा कि, अवैध हफ्ता वसूली की वजह से महाराष्ट्र के गृह विभाग की प्रतिमा मलीन हो गई है और अब असामाजिक तत्वों में पुलिस को लेकर कोई धाक नहीं बचा है. जिसकी वजह से आये दिन राज्य में कहीं न कहीं से बलात्कार व विनयभंग जैसे मामलोें की खबरें सामने आ रही है. जिनमें पांच से छह वर्ष की अल्पवयीन बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक को नराधमोें द्वारा अपनी हैवानियत का शिकार बनाया जा रहा है. इसके अलावा भी महाराष्ट्र में युवतियों व महिलाओं के खिलाफ विभिन्न तरह की अपराधिक वारदाते घटित हो रही है. किंतु आज तक किसी भी मामले में एक भी आरोपी के खिलाफ सख्त व कडी कार्रवाई नहीं हुई. इस समय जहां एक ओर राज्य की आम महिलाएं त्रस्त हो गई है, वहीं खुद राज्य की महिला व बालविकास मंत्री ने भी शिकायत की है कि, सरकार उनके विभाग को पर्याप्त निधी नहीं दे रही. ऐसे में महिलाओं के मामले में सरकार कितनी गंभीर है, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है. उपरोक्त आरोपों के साथ ही पार्षद सुरेखा लुंगारे ने कहा कि, महिलाओं को न्याय देने हेतु महिला आयोग की अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाये. साथ ही आज तक महिला अत्याचारों के मामले में अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी दी जाये.

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