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पुणे में खंडित होगी १२७ वर्ष की परंपरा

दगडूसेठ हलवाई ट्रस्ट ने लिया बडा निर्णय

  • मंदिर में ही साधे ढंग से मनाया जायेगा गणेशोत्सव

पुणे दि.१० – इस वर्ष राज्य में चहुंओर कोरोना संक्रमण का खतरा छाया हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार ने इस वर्ष सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाने को अनुमति देने से इन्कार कर दिया है. जिसके चलते राज्य के सभी बडे गणेशोत्सव मंडलों ने इस वर्ष बेहद सामान्य व साधे ढंग से गणेशोत्सव मनाने का निर्णय लिया है. जिसके तहत पुणे के विश्व प्रसिध्द दगडूसेठ गणपति ट्रस्ट ने एक बडा निर्णय लेते हुए कहा है कि, इस बार दगडूसेठ हलवायी गणपति मंदिर के भीतर ही गणेशोत्सव मनाया जायेगा. जिसके चलते यहां पर विगत १२७ वर्षों से चली आ रहीं परंपरा पहली बार खंडित होने जा रही है.  बता दें कि, पुणे में दगडूसेठ गणपति उत्सव की पांरपारिक जगह रहनेवाले कोतवाल चावडी में प्रतिवर्ष दगडूसेठ गणपति को विराजमान किया जाता है. जहां पर दस दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान गणेश दर्शन हेतु जबर्दस्त भीड उमडती है. किंतु इस वर्ष कोरोना के लगातार बढते खतरे को देखते हुए दगडूसेठ गणपति ट्रस्ट ने कोतवाल चावडी में गणेश प्रतिमा स्थापित करने की बजाय मंदिर में ही गणेशोत्सव मनाने का निर्णय लिया है. जिसकी जानकारी श्रीमंत दगडूसेठ हलवायी सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक गोडसे ने एक पत्रकार परिषद में दी है.

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