सभी की सहमति से ही होगा आंबेडकर स्मारक का भूमिपूजन
रिपाई महासचिव राजेंद्र गवई का पत्रवार्ता में कथन
* 23 को सभी आंबेडकरवादी गुटों के बीच होगी चर्चा
* भूमिपूजन व सौंदर्यीकरण की निधी का वापिस जाना बताया अयोग्य
अमरावती/दि.17 – स्थानीय इर्विन चौराहें पर भारत रत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का सर्वसुविधायुक्त स्मारक परिसर विकसित करने हेतु सरकार द्बारा 2 करोड रुपयों की निधि मंजूर की गई है. ऐसे में स्मारक परिसर स्थल का भूमिपूजन करते हुए काम का शुरु होना बेहद जरुरी है. परंतु कई आंबेडकरवादी संगठनों ने भूमिपूजन कार्यक्रम आयोजित किए जाने का विरोध किया जा रहा है. साथ ही कुछ आंबेडकरवादी संगठन इसके समर्थन में भी है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, दोनों तरह की सोच रखने वाले संगठनो की आपस में चर्चा को और किसी एक बात पर सबकी आम सहमति बने. ताकि आंबेडकर स्मारक के भूमिपूजन को लेकर कोई निर्णय लिया जा सके. अन्यथा अगर इस विषय को लेकर ऐसे ही विवाद चलता रहा, तो इस काम हेतु आवंटित निधी वापिस चली जाएगी. इस आशय का प्रतिपादन रिपाई (गवई गुट) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राजेंद्र गवई द्बारा किया गया.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वॉलकट कम्पाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में उपरोक्त प्रतिपादन करते हुए रिपाई नेता डॉ. राजेंद्र गवई ने कहा कि, प्रस्तावित भूमिपूजन का समर्थन व विरोध करने वाले आंबेडकरवादी संगठनों के बीच आपसी चर्चा व विचार विर्श्म करने हेतु आगामी 23 जुलाई को सुबह 11 बजे कैम्प परिसर स्थित एस. वी. देशमुख मेमोरियल हॉल में एक बैठक बुलाई गई है. जिसमें इस विषय को लेकर चर्चा करते हुए किसी एक मुद्दे पर आम सहमति बनाई जाएगी और सहमति बनने पर ही डॉ. आंबेडकर पुतला एवं स्मारक परिसर का भूमिपूजन होगा. इस पत्रवार्ता के जरिए डॉ. राजेंद्र गवई ने यह स्पष्ट किया कि, जब तक सभी आंबेडकरीवादी संगठनों की रजामंदी नहीं हो जाती और पुतला व स्मारक परिसर के विकास व सौंदर्यीकरण हेतु भूमिपूजन के लिए आम सहमति नहीं बन जाती, तब तक उक्त स्थान पर किसी तरह का कोई भूमिपूजन नहीं होगा और किसी के नाम का शिलालेख भी नहीं लगेगा. इस पत्रवार्ता में रिपाई पदाधिकारी हेमंत ढोले व राहुल नेतनराव भी उपस्थित थे.